महागठबंधन की पहली बैठक राजद दफ्तर में हुई थी।
बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर महागठबंधन की तीसरी अहम बैठक आज यानी रविवार को पटना में है। सुबह 10:30 बजे दीघा-आशियाना रोड स्थित दीघा रिसॉर्ट में बैठक होगी, जिसमें महागठबंधन के सभी घटक दलों के प्रमुख नेता शामिल होंगे।
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इस बैठक में राजनीति भी गरमा गई है। बीजेपी ने इस बैठक को महानाटक बताया है। बीजेपी ने बताया कि महाभ्रम परोसने की तैयारी को लेकर बैठक होगी।
वहीं, महागठबंधन की समन्वय समिति (को-ऑर्डिनेशन कमेटी) के अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव इस बैठक की अध्यक्षता करेंगे। उनके साथ कांग्रेस के बिहार प्रभारी कृष्णा अल्लावरू, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम, वीआईपी के प्रमुख मुकेश सहनी और वाम दलों के वरिष्ठ नेता मौजूद रहेंगे।
इस बैठक में सीट शेयरिंग पर चर्चा होगी। इसके साथ ही क्षेत्रीय समीकरणों और सामाजिक संतुलन को ध्यान में रखकर रणनीति तैयार करने पर विमर्श किया जाएगा। यह बैठक आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर जिला स्तर पर तालमेल, रणनीति और जमीनी गतिविधियों पर केंद्रित होगी।
इसके साथ ही भाजपा और एनडीए की नीतियों का मुकाबला करने के लिए एक साझा जनसंवाद और प्रचार अभियान की रूपरेखा तैयार की जाएगी।
24 अप्रैल को कांग्रेस कार्यालय में महागठबंधन की बैठक हुई थी।
पहली बैठक में तेजस्वी को मिली थी कमान
महागठबंधन की पहली बैठक 17 अप्रैल को पटना स्थित राजद कार्यालय में 3 घंटे तक चली थी। इस बैठक के दौरान तेजस्वी यादव को सर्वसम्मति से को-ऑर्डिनेशन कमेटी का अध्यक्ष चुना गया था। बैठक के बाद कांग्रेस के प्रभारी कृष्णा अल्लावरू ने स्पष्ट किया था कि तेजस्वी यादव ही महागठबंधन का नेतृत्व करेंगे। उन्होंने मुख्यमंत्री पद के चेहरे को लेकर उठे सवालों के जवाब में कहा था, “महागठबंधन में कोई कंफ्यूजन नहीं है, बल्कि एनडीए में ही चेहरे को लेकर असमंजस है।”

दूसरी बैठक में 1 घंटे की देर से पहुंचे थे तेजस्वी
महागठबंधन की दूसरी बैठक 24 अप्रैल को कांग्रेस कार्यालय सदाकत आश्रम में हुई थी, जो करीब 1 घंटे 15 मिनट तक चली। हालांकि, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव इस बैठक में लगभग डेढ़ घंटे की देरी से पहुंचे थे। बैठक की शुरुआत में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए एक मिनट का मौन रखा गया और आतंकवाद की निंदा करते हुए प्रस्ताव पारित किया गया।
इस बैठक में भी तेजस्वी यादव ने स्पष्ट संकेत दिए कि चुनाव के बाद महागठबंधन की ओर से वही मुख्यमंत्री पद का चेहरा होंगे। उन्होंने कहा था, “

जब तक चुनाव नहीं हो जाता, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हैं, लेकिन उसके बाद ऐसा नहीं रहेगा। हमारा चेहरा जो होगा, वही मुख्यमंत्री बनेगा।”
जब पत्रकारों ने उनसे महागठबंधन के मुख्यमंत्री चेहरे पर सवाल किया, तो उन्होंने इशारों में कहा, “हमने तो पिछली बैठक में ही स्पष्ट कर दिया था, जो समझदार हैं, वे समझ गए होंगे।”
21 सदस्यीय समन्वय समिति गठित
महागठबंधन की पिछली बैठकों में 21 सदस्यों की एक समन्वय समिति भी गठित की गई थी, जिसमें सभी दलों और सामाजिक समूहों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया गया है। यह समिति चुनावी रणनीति, गठबंधन के भीतर समन्वय और संगठनात्मक निर्णयों को अंतिम रूप देने में सक्रिय भूमिका निभाएगी।
- आरजेडी से: तेजस्वी यादव, अब्दुल बारी सिद्दीकी, संजय यादव, आलोक मेहता, रणविजय साहू
- कांग्रेस से: राजेश राम, कृष्णा अल्लावरू, शकील अहमद खान, डॉ. मदन मोहन झा
- भाकपा माले से: कुणाल, धीरेन्द्र झा, राजाराम सिंह
- सीपीएम से: ललन चौधरी, अजय कुमार, अवधेश कुमार
- सीपीआई से: रामनरेश पांडेय, रामबाबू कुमार, अजय कुमार सिंह
- वीआईपी से: मुकेश सहनी, बालगोविंद बिंद, पप्पू चौहान
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पटना में आज यानी गुरुवार को महागठबंधन की 3 घंटे चली बैठक के बाद तेजस्वी यादव को को-ऑर्डिनेशन कमेटी का अध्यक्ष चुन लिया गया है। इससे ये साफ है कि, महागठबंधन की तरफ से तेजस्वी ही CM फेस होंगे। कांग्रेस प्रभारी कृष्णा अल्लावरू ने CM फेस पर सीधे तो कोई जवाब नहीं दिया, लेकिन यह जरूर स्पष्ट कर दिया कि तेजस्वी ही महागठबंधन को लीड करेंगे। CM फेस पर कोई कंफ्यूजन नहीं है। उन्होंने कहा कि, ‘NDA में CM फेस को लेकर भारी कंफ्यूजन है।’ पूरी खबर पढ़ें