बेतिया की महापौर गरिमा देवी सिकारिया ने एक महत्वपूर्ण पहल की है। उन्होंने सीतामढ़ी में स्वीकृत मां जानकी कॉरिडोर की तर्ज पर बेतिया के ऐतिहासिक कालीबाग मंदिर को मां काली कॉरिडोर के रूप में विकसित करने की मांग की है।
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16वीं सदी में निर्मित यह मंदिर अपनी विशेष पहचान रखता है। भारत में केवल दो स्थानों पर इस तरह का मंदिर है। एक कोलकाता में और दूसरा बेतिया में। यहां दक्षिणेश्वरी काली की महत्वपूर्ण प्रतिमा स्थापित है। पहले यह स्थान तांत्रिक विद्या की सिद्धि के लिए प्रसिद्ध था।
मंदिर में महापौर को दूसरी महिला सिंदूर लगा रही है।
मंदिर की संरचना अद्भुत है। उत्तर दिशा में मुख्य द्वार है। प्रवेश करते ही दोनों ओर द्वारपालों की मूर्तियां हैं। मंदिर परिसर में दक्षिण मुखी काली मां की भव्य प्रतिमा है। दक्षिण में शिव मंदिर, पूर्व में सूर्य-नवग्रह मंदिर और पश्चिम में विष्णु दशावतार का मंदिर है।
56 कोटि देवी-देवताओं की प्रतिमाएं स्थापित
मंदिर की एक विशेष बात यह है कि यहां हिंदू धर्म के सभी 56 कोटि देवी-देवताओं की प्रतिमाएं स्थापित हैं। परिसर में एक विशाल पोखर भी है, जिसमें सात कुएं बताए जाते हैं। गणेश जी की मूर्ति में 108 छोटी मूर्तियां हैं।
महापौर ने बताया कि वे इन विशेषताओं के आधार पर प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर मां काली कॉरिडोर की स्थापना की मांग करेंगी।