एमपी के बैरसिया, सांची तहसील के गांवों का दौरा करने के बाद पंचायत मंत्री प्रहलाद पटेल से चर्चा करते महाराष्ट्र के अधिकारी।
प्रदेश में जल गंगा संवर्धन अभियान में खेत तालाब, कूप रिचार्ज और अमृत सरोवर के चयन के लिए उपयोग में लाए जा रहे सिपरी साफ्टवेयर से किए गए काम महाराष्ट्र सरकार की टीम ने विजिट कर देखे। दो दिन के दौरे पर आई महाराष्ट्र सरकार की टीम ने गांवों में जाकर देखा
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पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल से महाराष्ट्र सरकार के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों के छह सदस्यीय दल ने मुलाकात की। इस दौरान वर्षा जल के संचय और भू-जल स्तर को बढ़ाने के लिए किए जा सकने वाले प्रयासों पर चर्चा हुई। महाराष्ट्र सरकार के अधिकारियों ने इस दौरान मध्यप्रदेश में वर्षा जल और भूजल प्रबंधन को लेकर किए जा रहे कार्यों और नवाचारों की सराहना की। इस अवसर पर मनरेगा आयुक्त-संचालक वाटरशेड मिशन अवि प्रसाद, महाराष्ट्र सरकार के वाटरशेड विभाग के अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी कमलाकर रणदिवे, अवर सचिव मृदा एवं संरक्षण विभाग देवेन्द्र भामरे, प्रकाश पाटिल, क्षेत्रीय जल संरक्षण अधिकारी दिलीप निपाने, जीआईएस विशेषज्ञ अमोल विधाते और असिस्टेंट इंजीनियर अविनाश देवपारे शामिल रहे।
सिपरी सॉफ्टवेयर की सराहना
जल गंगा संवर्धन अभियान में मनरेगा परिषद द्वारा किए गए नवाचारों का अध्ययन करने महाराष्ट्र सरकार का यह छह सदस्यीय दल कल एमपी आया है। दल के सदस्यों ने फील्ड में जाकर सिपरी सॉफ्टवेयर के माध्यम से चिन्हित खेत तालाब और अमृत सरोवरों के निर्माण स्थलों को देखा। यह पहला अवसर है जब मध्यप्रदेश में सॉफ्टवेयर की मदद से वैज्ञानिक पद्धति से खेत तालाब और अमृत सरोवरों के निर्माण स्थलों का चयन किया गया।
दल ने किया फील्ड विजिट
- भोपाल आए महाराष्ट्र के दल ने पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की प्रमुख सचिव दीपाली रस्तोगी और मनरेगा आयुक्त-संचालक वाटरशेड मिशन अवि प्रसाद से चर्चा की।
- पहले दिन गुरुवार को अधिकारियों ने भोपाल जिले की जनपद पंचायत बैरसिया की ग्राम पंचायत गुनगा एवं जैतपुर का भ्रमण किया, जहां उन्होंने सिपरी सॉफ्टवेयर से चिन्हित खेत तालाब और अमृत सरोवरों के निर्माण स्थल देखे।
- शुक्रवार को दल ने रायसेन जिले के सांची विकासखंड का भ्रमण किया और वहां भी सिपरी सॉफ्टवेयर की कार्यप्रणाली को देखा।
एमपीएसईडीसी ने दी सॉफ्टवेयर की तकनीकी जानकारी
विकास भवन में एमपीएसईडीसी और इसके नॉलेज पार्टनर संस्थाओं के विषय विशेषज्ञों ने प्रजेंटेशन के माध्यम से महाराष्ट्र से आए अधिकारियों को सिपरी सॉफ्टवेयर की तकनीकी जानकारी दी कि साफ्टवेयर से काम कैसे उन्नत हो रहे हैं। साथ ही मनरेगा परिषद के अधिकारियों ने प्लानर सॉफ्टवेयर और एरिया ऑफिसर ऐप के बारे में भी दल को अवगत कराया।
क्या है सिपरी सॉफ्टवेयर और प्लानर एप
सिपरी (Software for Identification and Planning of Rural Infrastructure) एक उन्नत तकनीकी सॉफ्टवेयर है, जिसे महात्मा गांधी नरेगा, मध्यप्रदेश राज्य रोजगार गारंटी परिषद भोपाल द्वारा एमपीएसईडीसी और इसरो के सहयोग से विकसित किया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य जल संरक्षण हेतु उपयुक्त स्थलों की सटीक पहचान कर गुणवत्तापूर्ण संरचनाओं का निर्माण तय करना है। यह जीआईएस आधारित वैज्ञानिक पद्धति से कार्य करता है। वहीं प्लानर एप मनरेगा परिषद द्वारा विकसित एक डिजिटल उपकरण है जिसका उद्देश्य ग्राम पंचायत स्तर पर मनरेगा कार्यों की वार्षिक कार्ययोजना को सरलता से तैयार करना है। यह एप मनरेगा के उद्देश्यों और प्रावधानों के अनुपालन को भी तय करता है।
प्रदेश में 79815 खेत तालाब बने
प्रदेश में जल गंगा संवर्धन अभियान में बारिश की हर बूंद का संचय करने के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है जिसका समापन 30 जून को होगा। अभियान के अंतर्गत सिपरी सॉफ्टवेयर की मदद से प्रदेशभर में 79815 खेत तालाब, 1254 अमृत सरोवर और 103900 कूप रिचार्ज पिट चिन्हित किए गए हैं जिन पर निर्माण कार्य प्रगति पर है।