Wednesday, March 19, 2025
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महाशिवरात्रि पर बाबा विश्वनाथ के दर्शन, काशी कैसे आएं-कहां ठहरें?: 25 लाख श्रद्धालु आएंगे; 6 KM चलना पड़ेगा, VIP और स्पर्श दर्शन नहीं होंगे – Varanasi News


शिव की काशी में महाशिवरात्रि मनाने के लिए 25 लाख भक्त पहुंचेंगे। शहर के अंदर काशी विश्वनाथ मंदिर से 3 किलोमीटर पहले कार-बाइक रोकी जा रही हैं। मंदिर का रूट नो व्हीकल जोन है।

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दर्शन के लिए हर श्रद्धालु को कम से 6 किलोमीटर पैदल चलना पड़ेगा। पुलिस ने जगह-जगह बैरिकेडिंग की हैं। जब अखाड़ों के नागा साधु दर्शन करेंगे, तब आम श्रद्धालुओं का पूजन रोका जाएगा।

बाबा विश्वनाथ के दर्शन कैसे होंगे, प्रसाद की व्यवस्था क्या है, कहां ठहर सकते हैं, काशी के पारंपरिक व्यंजन कहां मिलेंगे, वाराणसी में आप कहां और घूम सकते हैं? पढ़िए ऐसे सभी सवालों के जवाब…

गोदौलिया इलाके की सभी सड़कों पर भक्तों की 4 से 5 किलोमीटर लंबी लाइन लगी है।

सवाल : दर्शन कब से शुरू होंगे, क्या स्पर्श दर्शन हो रहे, आरती की टाइमिंग क्या है? जवाब : 26 फरवरी को मंगला आरती के बाद सुबह 3.30 बजे से मंदिर दर्शनार्थियों के लिए खुल जाएगा। महाशिवरात्रि पर चारों पहर की आरती के दौरान भी श्री काशी विश्वनाथ महादेव का झांकी दर्शन चलता रहेगा। सप्तऋषि और श्रृंगार आरती नहीं होगी। 28 फरवरी की रात एक बजे तक बाबा श्रद्धालुओं को लगातार दर्शन देंगे।

सवाल : काशी विश्वनाथ मंदिर में एंट्री और एग्जिट की व्यवस्था क्या है? जवाब : काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास ने व्यवस्था की है कि जिस गेट से लोग दर्शन के लिए अंदर आएंगे, उसी से वापस भी जाएंगे।

  • गेट 1. गंगा द्वार- गंगा नदी में स्नान करके मंदिर पहुंचने वाले लोग इस द्वार से पहुंचेंगे।
  • गेट 2. ढुंढिराज गणेश द्वार- दशाश्वमेध घाट की तरफ से लाइन में लगने वाले लोगों को इस द्वार से दर्शन मिलेंगे।
  • गेट 3. सरस्वती द्वार- गोदौलिया होकर बांस फाटक से आने वाले श्रद्धालु इस द्वार से मंदिर पहुंचेंगे।
  • गेट 4. नंदी द्वार- मैदागिन और गोदौलिया की तरफ से आने वाले श्रद्धालु इस द्वार से दर्शन करेंगे।
काशी विश्वनाथ धाम को सजाया गया है। यह रात को ड्रोन से ली गई तस्वीर है।

काशी विश्वनाथ धाम को सजाया गया है। यह रात को ड्रोन से ली गई तस्वीर है।

सवाल : दर्शन कितनी देर में मिल रहे, VIP दर्शन की क्या व्यवस्था है? जवाब : मंदिर में जाने वाले सभी गेट पर 4-5 किलोमीटर लंबी लाइनें हैं, जोकि जिग जैग हैं। 3-4 घंटे में दर्शन मिल रहे हैं। 25 से 27 फरवरी तक VIP दर्शन पर रोक लगा दी गई है।

सवाल : बाबा विश्वनाथ का विवाहोत्सव कब होगा? जवाब : 26 फरवरी की रात आठ घंटे से मंदिर परिसर में ही बाबा के विवाहोत्सव की रस्में निभाई जाएंगी। बाबा का श्रृंगार पूजन होगा।

महाशिवरात्रि पर्व पर होने वाली पूजा आरती का समय…

सवाल : क्या मंदिर में प्रसाद चढ़ा सकेंगे? जवाब : नहीं, मंदिर में प्रसाद नहीं चढ़ता है। झांकी दर्शन होंगे। गर्भगृह के बाहर से लंबी ट्रे के जरिए लोग जल, दूध, फूल शिवलिंग पर चढ़ा सकेंगे। काशी विश्वनाथ मंदिर के अंदर प्रसाद मिलता है। जिसे श्रद्धालु घर ले जा सकते हैं। बाकी 500 से ज्यादा दुकानें मंदिर के बाहर हैं।

सवाल : मंदिर के अंदर क्या नहीं ले जा सकते हैं? जवाब : मंदिर में जाने से पहले मोबाइल, जूते, पेन, पान-मसाला जैसे सामान बाहर ही छोड़ने होंगे। गेट पर ही चेकिंग होती है। सिर्फ प्रसाद, दूध, गंगा जल, फूल आदि की टोकरी ले जा सकते हैं। चढ़ावा के लिए नकद रख सकते हैं।

सड़क से आ रहे हैं, तो इन सवालों से व्यवस्था समझिए…

सवाल : क्या मैं कार लेकर काशी शहर के अंदर जा सकता हूं? जवाब : नहीं, वाराणसी में दूसरे जिलों से आने वाले वाहनों की एंट्री बैन है। शहर के बाहर अलग-अलग रूट पर पार्किंग स्थल हैं। गाड़ियां वहीं पर खड़ी करनी होंगी।

सवाल : किस रूट पर कहां पार्किंग मिलेगी? जवाब : 1- प्रयागराज की तरफ आने वाले बड़े वाहनों को जगतपुर रोहनिया में पार्किंग मिलेगी। इसके अतिरिक्त, छोटे वाहन शहर के अंदर लहरतारा तक आ सकेंगे। अलग-अलग पार्किंग में खड़े कराए जाएंगे। यहां से ई-रिक्शा/ऑटो से पुलिस बैरियर (पिपलानी कटरा) तक आ सकेंगे। इसके बाद 2.5 Km पैदल जाना होगा।

2- लखनऊ से आने वाले वाहन नदेसर में रोके जा रहे हैं। कटिंग मेमोरियल के मैदान में पार्किंग कराई जा रही है। यहां से ई-रिक्शा/ऑटो से पुलिस बैरियर (पिपलानी कटरा) तक आ सकते हैं। इसके बाद 2.5 Km पैदल जाना होगा।

3- कानपुर से शहर में आने वाले वाहनों को काशी विद्यापीठ के खेल मैदान में खड़ा करवाया जा रहा है। यहां से ई-रिक्शा/ऑटो से पुलिस बैरियर (पिपलानी कटरा) तक आ सकते हैं। इसके बाद 2.5 Km पैदल जाना होगा।

4- जौनपुर, गाजीपुर से आने वाले वाहनों के लिए शहर के अंदर तेलियाबाग के चौका घाट चौराहा के पास संपूर्णानंद विश्वविद्यालय के खेल मैदान में पार्किंग दी गई है। यहां से ई-रिक्शा/ऑटो से पुलिस बैरियर (लहुराबीर चौराहा) तक आ सकते हैं। इसके बाद 3 Km पैदल जाना होगा।

5- चंदौली की ओर से आने वालों के लिए गांधी सेवा आश्रम मैदान नमोघाट पर पार्किंग तय की गई है। अगर यह लोग चाहे तो संपूर्णानंद विश्वविद्यालय में भी गाड़ी पार्क कर सकते हैं। यहां से ई-रिक्शा/ऑटो पुलिस बैरियर (लहुराबीर चौराहा) तक आ सकते हैं। इसके बाद 3 Km पैदल जाना होगा।

सवाल : वाराणसी जिले के बॉर्डर से पहले कितने Km लंबे जाम का सामना करना पड़ सकता है? जवाब : हाईवे पर जाम की स्थिति नहीं है। वाराणसी शहर के सभी एंट्री पॉइंट पर करीब 5 से 6 Km लंबा जाम लग रहा है। यहां परेशानी होगी।

ट्रेन से आ रहे हैं, तो इन सवालों से व्यवस्था समझिए

सवाल : मैं ट्रेन से आ रहा हूं, बाबा विश्वनाथ धाम तक कैसे पहुचूंगा? जवाब : वाराणसी के 4 रेलवे स्टेशनों से अलग-अलग शहरों के लिए ट्रेनें चल रही हैं।

  • मुंबई, दिल्ली भोपाल, प्रयागराज, कानपुर रूट की ट्रेनें बनारस स्टेशन पहुंच रही हैं। यह मंदिर से 4.4Km दूर है। प्लेटफार्म नंबर-1 से बाहर निकलकर ऑटो/ई-रिक्शा मिलेगा। जो लक्सा पहुंचाएगा। यहां पुलिस बैरियर है, 1.5Km पैदल चलना पड़ेगा।
  • लखनऊ, गुजरात, हावड़ा, सुल्तानपुर, प्रतापगढ़, अयोध्या, जौनपुर रूट की ट्रेनें वाराणसी कैंट स्टेशन पहुंच रही हैं। यह मंदिर से 5.4 Km दूर है। प्लेटफार्म नंबर-1 से बाहर निकलकर ऑटो/ई-रिक्शा मिलेगा। जो लहुरावीर चौराहा पहुंचाएगा। यहां से 2km पैदल चलकर मंदिर तक पहुंचेंगे।
  • बलिया, मऊ, छपरा, असम, बिहार, गोरखपुर रूट की ट्रेनें सिटी स्टेशन पहुंच रही हैं। यह मंदिर से 3.4Km दूर है। प्लेटफार्म नंबर-1 से बाहर निकलकर ऑटो/ई-रिक्शा मिलेगा। गोल गड्‌डा चौराहे तक जाएगा। बैरियर से 2.5km पैदल चलना पड़ेगा।
  • लखनऊ, अयोध्या, सुल्तानपुर से आने वाली ट्रेन शिवपुर स्टेशन पहुंचती हैं। यह मंदिर से 5.6Km दूर है। प्लेटफार्म नंबर-1 से बाहर निकलकर ऑटो/ई-रिक्शा मिलेगा। भोजुबीर होते हुए लहुरावीर बैरियर तक लाएगा। इसके बाद 2km पैदल चलना होगा।
  • महाकुंभ मेला स्पेशल ट्रेनों को बनारस स्टेशन न लाकर लोहता स्टेशन पर शार्ट टर्मिनेट किया जा रहा है। श्रद्धालु चांदपुर चौराहा तक 4Km पैदल जाएंगे। फिर ई-रिक्शा/ऑटो से लहुरावीर पहुंचेंगे। यहां से 2km पैदल चलकर मंदिर तक पहुंचेंगे।

सवाल : वाराणसी तक चल रही ट्रेनों की टाइमिंग क्या है? जवाब : NER और NR की 107 ट्रेनें अलग-अलग रूट से वाया वाराणसी संचालित की जा रही हैं। 20 स्पेशल ट्रेनें भी संचालित हो रही हैं। इन ट्रेनों की टाइमिंग रेलवे वेबसाइट पर अपडेट कर दी हैं। कोई ट्रेन कैंसिल नहीं की गई है।

फ्लाइट से आ रहे हैं, तो इन सवालों से व्यवस्था समझिए…

सवाल : मैं बाबतपुर एयरपोर्ट से काशी विश्वनाथ धाम तक कैसे पहुंचूंगा? जवाब : एयरपोर्ट टर्मिनल से बाहर आने के बाद कार या ऑटो की मदद से बेनियाबाग तिराहा तक पहुंचेंगे। यहां पुलिस बैरियर है, कार यही पार्किंग में खड़ी करनी होगी। इसके बाद 1.5 Km पैदल चलकर गोदौलिया चौराहा पहुंचेंगे। यहां से काशी विश्वनाथ धाम के लिए लाइनें शुरू हो जाती हैं।

फ्लाइट का किराया मेक माई ट्रिप से लिया है। यह लगातार अपडेट हो रहा है।

फ्लाइट का किराया मेक माई ट्रिप से लिया है। यह लगातार अपडेट हो रहा है।

सवाल : मैं गंगा स्नान कैसे कर सकता हूं? जवाब : गौदोलिया आने के बाद दशाश्वमेध घाट पर करीब 2Km पैदल जाकर कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त असि घाट, तुलसी घाट, केदार घाट, भादैनी घाट पर भी स्नान कर सकते हैं।

सवाल : गंगा में बोट कहां से बुक होगी, चार्ज क्या हैं? जवाब : असि घाट, नमो घाट और दशाश्वमेध घाट से बोट बुक कर सकते हैं। यहां आपको बजड़ा (बड़ी नाव) , छोटी नाव और क्रूज की सुविधा मिल रही है। बजड़ा के लिए 100 रुपए प्रति व्यक्ति खर्च करने होंगे। छोटी नाव की बुकिंग बंद कर दी गई है। क्रूज की बुकिंग 300 रुपए प्रति व्यक्ति के हिसाब से हो रही है।

सवाल : 7 अखाड़ों की पेशवाई कहां देखने को मिलेगी? टाइमिंग क्या है? जवाब : महाशिवरात्रि पर 26 फरवरी को अखाड़ों की पेशवाई सुबह 6 बजे से निकलेगी। हनुमान घाट पर बने अपने-अपने अखाड़ों से साधु निकलेंगे। लोग घाट से गोदौलिया चौराहा के रास्ते और फिर काशी विश्वनाथ मंदिर तक पेशवाई को देख सकते हैं। स्नान के बाद करतब करते हुए नागा साधु मंदिर तक 3 Km पैदल चलेंगे। 5 अखाड़े एक साथ श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर पहुंचेंगे, दर्शन करेंगे। मंदिर में उनका दर्शन 2 से 3 घंटे तक चलेगा। इसके बाद 2 और अखाड़ा राजसी यात्रा के साथ मंदिर पहुंचकर दर्शन करेंगे।

सवाल : नागा साधुओं के दर्शन के दौरान आम श्रद्धालुओं के लिए क्या व्यवस्था रहेगी? जवाब : मंदिर में संतों के लिए अलग से लाइन होगी। नागा साधुओं के दर्शन के दौरान आम श्रद्धालु दर्शन नहीं कर सकेंगे।

सवाल : काशी विश्वनाथ के 5 km दायरे में ठहरने के लिए क्या व्यवस्था है? जवाब : शहर के अंदर करीब 12000 होटल, लॉज, धर्मशाला और होम स्टे हैं। 5 हजार लोगों ने घरों को होम स्टे में बदल दिया है। 3000 से 10000 रुपए में कमरा 24 घंटे के लिए किराये पर मिल रहा है। घाट के करीब वाले होटलों में 1500 रुपए से लेकर 70 हजार रुपए तक में बुकिंग हो रही है। ऐसे में मंदिर के आस-पास 5 किलोमीटर के दायरे में होटल ताज, क्लार्क, पदमनी, रमाडा आते हैं, यहां भी ठहरा जा सकता है।

सवाल : आम दर्शनार्थियों के ठहरने के लिए फ्री व्यवस्था भी है क्या? जवाब : रेलवे स्टेशन के पास और घाट पर लोगों के फ्री में ठहरने के लिए व्यवस्था की गई है। वाराणसी जंक्शन पर प्लेटफार्म नंबर 9 की एंट्री पर विश्राम स्थल बनाया है। यहां लोग फ्री में ठहर सकते हैं। इसके अतिरिक्त प्लेटफार्म नंबर 1 पर भी फ्री विश्राम स्थल बनाया गया है। दशाश्वमेध घाट पर फ्री विश्राम स्थल बनाया है। यहां ID जमा कराने पर लेटने और सामान रखने की जगह मिल जाएगी।

पुलिस ने लहुराबीर चौराहा और पिपलानी कटरा पर बैरिकेडिंग कर दी है।

पुलिस ने लहुराबीर चौराहा और पिपलानी कटरा पर बैरिकेडिंग कर दी है।

सवाल : काशी में विश्वनाथ मंदिर के आसपास खाने पीने की क्या व्यवस्था है? जवाब : गोदौलिया चौराहे पर स्पेशल ठंडाई मिलती है। यह जगह मंदिर से 1Km की दूरी पर है। चौक थाने के सामने गलियों में कचौड़ी, चाय, चाट, मिठाई मिलती है। जो श्रद्धालु गेट नंबर 4 से निकल रहे हैं, वह सिर्फ 1 km पैदल चलकर यहां पहुंच सकते हैं।

लंका चौराहा पर पहलवान की लस्सी पीने जा सकते हैं, यह मंदिर से सिर्फ 3km दूर है। गिरजाघर चौराहा पर काशी चाय भंडार पर जा सकते हैं, यह भी मंदिर से सिर्फ 1Km दूर है। मणिकर्णिका घाट की तरफ जाने वाले रास्ते पर हींग की कचौड़ी भी फेमस है।

सवाल : क्या मुझे निशुल्क भोजन भी मिलेगा? जवाब : वाराणसी में इसकी दो व्यवस्थाएं हैं।

  • पहली : मंदिर की व्यवस्थाएं

श्रीकाशी विश्वनाथ धाम अन्न क्षेत्र में भोग आरती के बाद दोपहर 12 बजे से शाम 5 बजे तक सात्विक भोजन कराया जाता है। जो पूरी तरह से फ्री है।

अन्नपूर्णा मंदिर अन्नक्षेत्र में सुबह 8 बजे से शाम 4 बजे तक भोजन (सांभर, चावल, रोटी, सब्जी और मिठाई) खिलाई जाती है। इसके बाद शाम पांच बजे से रात 9 बजे तक सांभर, इडली और वड़े का नाश्ता कराया जाता है। यह भी पूरी तरह निशुल्क है।

  • दूसरी : मंदिर से बाहर भंडारे

गेट नंबर 4 की तरफ मैदागिन और फिर गोदौलिया तक भंडारे चल रहे हैं। यहां फ्री में हलवा पूड़ी, खिचड़ी और चना आलू की सब्जी-पूड़ी खिलाई जाती है।

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