महासमुंद जिले में बिजली व्यवस्था को लेकर ग्रामीणों का आक्रोश फूटा
छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले में बिजली व्यवस्था को लेकर ग्रामीणों का आक्रोश फूट पड़ा। नांदगांव के करीब 100 किसान और ग्रामीण विद्युत विभाग के कार्यपालन अभियंता कार्यालय पहुंचे। उन्होंने कार्यालय का घेराव कर मुख्य गेट पर धरना दिया।
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ग्रामीणों ने बताया कि पिछले तीन दिनों से गांव में बिजली नहीं है। ट्रांसफार्मर जल जाने के कारण पूरा गांव अंधेरे में है। इससे पहले भी लंबे समय से लो वोल्टेज और बिजली कटौती की समस्या से जूझ रहे हैं। गर्मी के मौसम में पेयजल की समस्या विकराल रूप ले चुकी है। 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं चल रही हैं, जिससे छात्रों को भी परेशानी हो रही है।
ग्रामीणों का आक्रोश देख कार्यालय से चले गए अधिकारी
धरने के दौरान महिलाएं भी कार्यालय के अंदर पहुंच गईं। उन्होंने विद्युत विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। ग्रामीणों का आक्रोश देखते हुए अधिकारी कार्यालय छोड़कर चले गए। मौके पर पहुंची सिटी कोतवाली पुलिस ने ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया। लेकिन ग्रामीण अपनी मांगों पर अड़े रहे।
सरपंच भारत गेंडरे सहित गांव के कई प्रमुख लोगों ने कहा कि बिजली की समस्या से रोजमर्रा का जीवन प्रभावित हो रहा है। उन्होंने जल्द से जल्द इस समस्या के समाधान की मांग की है।

लिखित शिकायत के बाद भी नहीं हुआ समाधान
ग्रामीणों और किसानों ने कहा, विद्युत समस्या के चलते छात्र-छात्राओं की परीक्षाएं प्रभावित हो रही हैं। इस समस्या को लेकर उन्होंने कई बार विद्युत विभाग को लिखित शिकायत दी, लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं हुआ।
ग्रामीणों ने बताया कि पिछले तीन दिनों से गांव में बिजली नहीं है, जिससे खासतौर पर बच्चों और बुजुर्गों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

अधिकारियों के आश्वासन के बाद ग्रामीण और किसान हुए शांत
इस बीच, धरने पर बैठे किसानों और ग्रामीणों को सहायक कार्यपालन अभियंता बी.के. टंडन ने आश्वासन दिया कि जल्द ही 63/KV का ट्रांसफार्मर लगाया जाएगा। इसके अलावा, शाम तक पिथौरा से एक और 100/KV ट्रांसफार्मर मंगाया जा रहा है। अधिकारियों के इस आश्वासन के बाद प्रदर्शन कर रहे ग्रामीण और किसान शांत हुए।