वरुण शर्मा | मुजफ्फरनगर6 मिनट पहले
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महिला दिवस पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन किया।
मुजफ्फरनगर में जहां एक ओर 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर महिलाओं के अधिकारों और सशक्तिकरण की बातें की जा रही थीं, वहीं मुजफ्फरनगर में महिला आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां अपने हक की लड़ाई लड़ने के लिए सड़कों पर उतर आईं। यह विरोध प्रदर्शन जिला कलेक्ट्रेट परिसर में हुआ, जहां महिला आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ के बैनर तले सैकड़ों महिलाएं इकट्ठा हुईं और सरकार से अपने हक की मांग की।
महिलाओं की मजबूरी पर सवाल
प्रदर्शनकारी महिलाओं ने आरोप लगाया कि सरकार द्वारा चार साल पहले दिए गए मोबाइल घटिया गुणवत्ता के थे, जिससे उनके काम करने में दिक्कत हो रही है। महिलाओं ने यह भी मांग की कि उनके खातों में मोबाइल खरीदने के लिए उचित रकम भेजी जाए। इसके अलावा, उन्होंने सरकारी अधिकारियों पर मानसिक शोषण करने और उनके मूल कार्य के अलावा अन्य कामों के लिए जबरन दबाव डालने का आरोप लगाया।
कम वेतन और भारी काम का विरोध
महिला आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों ने यह भी कहा कि उन्हें महज छह हजार रुपये मासिक वेतन मिलता है, जबकि उनसे 60 हजार रुपये के बराबर काम लिया जाता है। उनका कहना था कि उन्हें उनके वास्तविक दायित्वों तक सीमित रखा जाए और अन्य कार्यों के लिए बाध्य न किया जाए।
महिला दिवस का उद्देश्य क्या?
महिला दिवस का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को सशक्त बनाना और उनके अधिकारों की रक्षा करना है, लेकिन जब इसी दिन महिलाएं अपने हक के लिए संघर्ष कर रही हों, तो यह गंभीर सवाल खड़ा करता है। क्या महिला दिवस केवल औपचारिकताओं तक सीमित रह गया है? क्या महिलाओं को उनका हक दिलाने के लिए सिर्फ भाषण ही दिए जाते रहेंगे, या फिर सरकार उनकी समस्याओं का समाधान करेगी?
सरकार से आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की अपील
आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों ने सरकार से मांग की है कि उनका वेतन बढ़ाया जाए, उन्हें उनके अधिकारों के प्रति जागरूक किया जाए, और उनके साथ हो रहे मानसिक शोषण पर रोक लगाई जाए। प्रदर्शन की अगुवाई कर रहीं कृष्णा प्रजापति (अध्यक्ष, आंगनबाड़ी संघ) ने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं, तो यह आंदोलन और तेज किया जाएगा।