नई दिल्ली8 मिनट पहले
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सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को केंद्र और वायुसेना को निर्देश दिया कि वे उस महिला अधिकारी को नौकरी से न हटाएं, जिसे स्थायी कमीशन देने से मना कर दिया गया था। इस फैसले को लेकर जस्टिस उज्जल भुइयां और जस्टिस मनमोहन की बेंच ने 22 मई के आदेश का हवाला दिया।
बेंच ने कहा- विंग कमांडर निकेता पांडे की याचिका पर केंद्र और वायुसेना को इसी तरह के निर्देश दिए गए थे और कहा कि विंग कमांडर कविता भाटी के मामले में भी यही निर्देश लागू होंगे।
कोर्ट ने कहा कि विंग कमांडर कविता भाटी को सेवा से मुक्त नहीं किया जाना चाहिए और रेगुलर बेंच में होने वाली अगली सुनवाई तक सर्विस जारी रखने की परमिशन दी जानी चाहिए।
शॉर्ट सर्विस कमीशन अधिकारी भाटी ने अपनी याचिका में दावा किया कि उन्हें गलत तरीके से स्थायी कमीशन देने से मना किया गया था। मामले की अगली सुनवाई 6 अगस्त को होगी।
ऑपरेशन सिंदूर में शामिल अधिकारी का मामला भी सुप्रीम कोर्ट में
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई 6 अगस्त को नियमित पीठ के समक्ष तय की, जब वायुसेना से संबंधित मामलों की सुनवाई होगी। सुप्रीम कोर्ट ने 22 मई को केंद्र और भारतीय वायुसेना को पांडे को रिहा करने से रोक दिया था, जो ऑपरेशन बालाकोट और ऑपरेशन सिंदूर का हिस्सा थीं, लेकिन उन्हें स्थायी कमीशन देने से इनकार कर दिया गया था। पांडे ने स्थायी कमीशन देने में भेदभाव का दावा किया।
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सुप्रीम कोर्ट बोला- नेवी के अधिकारी अहंकार छोड़ें, बहुत हो गया, अपने तौर-तरीके सुधारें

सुप्रीम कोर्ट ने मई 2025 में एक मामले की सुनवाई करते हुए भारतीय नौसेना को जमकर फटकार लगाई। नौसेना ने उसकी एक महिला अधिकारी को स्थायी कमीशन नहीं दिया था। कोर्ट ने नेवी के अधिकारियों से कहा- अब बहुत हो गया है, वे अपना अहंकार त्याग दें और अपने तौर-तरीके सुधारें।
सुप्रीम कोर्ट 2007 बैच की शॉर्ट सर्विस कमीशन अधिकारी सीमा चौधरी की याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिन्हें कोर्ट के आदेश के बावजूद स्थायी कमीशन नहीं दिया गया था। पढ़ें पूरी खबर…