महोबा के विद्युत उपकेंद्र में उपभक्ताओं का बिल जमा कर फर्जी रसीदें देकर जालसाजी करने के मामले में जेई को निलंबित कर दिया गया। विभाग ने पूरे मामले में जेई को बचाते हुए एक संविदा कर्मी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। जेई के खिलाफ मुकदमा न लिखाए जाने को
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बिजली उपकेंद्र अजनर में सैकड़ों उपभोक्ताओं से बिल वसूलकर फर्जी रसीदें थमाने के मामले में संविदाकर्मी पर जालसाजी, अधिकारियों को गुमराह करने व विभाग को वित्तीय क्षति पहुंचाने का मुकदमा दर्ज किया गया है। उपभोक्ताओं और किसानों का आरोप है कि विभागीय अधिकारियों ने अवर अभियंता के खिलाफ मुकदमा दर्ज न कराकर उसे बचाने का प्रयास किया है। जबकि जांच में जेई के दोषी मिलने पर चार दिन पहले निलंबन की कार्रवाई भी की गई थी। अजनर स्थित बिजली उपकेंद्र में उपभोक्ताओं से लाखों रुपये वसूलकर फर्जी बिल थमा दिए गए थे।
अधीक्षण अभियंता आरएस गौतम से उपभोक्ताओं ने फर्जी रसीदें थमानें की शिकायत की थी। जिसकी तीन सदस्यीय समिति से जांच कराई गई। प्रथम दृष्टया अजनर क्षेत्र में तैनात रहे जेई अमित कुमार पांडेय दोषी पाए गए थे। जिस पर अधीक्षण अभियंता ने 19 सितंबर को जेई को निलंबित कर दिया था। साथ ही उच्चाधिकारियों को मामले से अवगत कराया गया था। इसके बाद कुलपहाड़ के उपखंड अधिकारी अनिल कुमार की ओर से थाने में तहरीर देकर बताया गया कि अजनर व धवर्रा में कोई कैश काउंटर न होने पर उस क्षेत्र के बिजली बिल जैतपुर में जमा किए जाते हैं। जैतपुर की दूरी अधिक होने पर उपभोक्ताओं के बिजली बिल की धनराशि संविदाकर्मी एकत्र कर उपकेंद्र में तैनात संविदाकर्मी सौरभ सिंह को देते थे। सौरभ ने उक्त धनराशि को जैतपुर कैश काउंटर में जमा न कर किसी कंप्यूटर सेंटर से फर्जी रसीदें बनवाकर उपभोक्ताओं को दी गई।
इससे विभाग को वित्तीय क्षति, उपभोक्ताओं के साथ जालसाजी व विभागीय अधिकारियों को गुमराह करने का काम किया गया। एसडीओ की तहरीर पर अजनर पुलिस ने संविदाकर्मी सौरभ सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। भले ही इस मामले में संविदा में काम कर रहे कंप्यूटर ऑपरेटर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया हो, लेकिन ये बात आम है कि उपभोक्ताओं से की गई धोखाधड़ी और जालसाजी में जेई अमित पांडे का नाम सबसे ऊपर था। किसकी जांच में भी विभाग ने दोषी पाकर निलंबित कर दिया था। चरखारी विधायक बृजभूषण राजपूत ने भी ऊर्जा मंत्री को भेजे शिकायती पत्र में जेई अमित पांडे पर फर्जी रसीदें बनाकर करोड़ों रुपए गबन का आरोप लगाया था।