Monday, January 13, 2025
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मांगलिक अनुमति के नाम पर शाही शादी: गोपाल मंदिर में गर्भगृह के सामने हवन कुंड, भव्य सजावट; कमिश्नर ने दिए जांच के आदेश – Indore News


इंदौर के प्राचीन गोपाल मंदिर में मांगलिक अनुमति के नाम पर नियमों का उल्लंघन किया गया। रविवार को एक परिवार ने यहां भव्य शादी समारोह का आयोजन किया, जिसमें फूलों से विशाल डेकोरेशन किया गया। गर्भगृह के सामने हवन कुंड बनाया गया और मेहमानों के लिए शाही बर्

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मामले पर संज्ञान लेते हुए कमिश्नर दीपक सिंह ने कलेक्टर आशीष सिंह को निर्देश दिया कि इसकी जांच एडीएम स्तर के अधिकारी से करवाई जाए। कलेक्टर ने जांच की जिम्मेदारी अपर कलेक्टर ज्योति शर्मा को सौंपी है। फिलहाल मंदिर प्रबंधन और संबंधित परिवार जांच के दायरे में हैं।

मंदिर के अंदर प्रवेश द्वार को भ‌व्य रूप से सजाया गया।

राजबाड़ा स्थित प्राचीन गोपाल मंदिर का तीन साल पहले स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत करोड़ों रुपए की लागत से जीर्णोद्धार किया गया था। यह मंदिर भक्तों के लिए खास है और यहां आमतौर पर केवल छोटे मांगलिक कार्य ही होते हैं। लेकिन रविवार को मंदिर परिसर में नियमों का उल्लंघन करते हुए भव्य शादी समारोह आयोजित किया गया।

मंदिर में फूलों से सजावट की गई, गलियारों में सोफे और कुर्सियां लगाई गईं, और गर्भगृह के सामने हवन कुंड बनाकर फेरे संपन्न कराए गए। चौंकाने वाली बात यह रही कि भोजन की तैयारी मंदिर परिसर में ही हुई, फूड स्टॉल्स और टेंट लगाकर रास्ता बंद कर दिया गया। इससे यातायात भी प्रभावित हुआ।

रविवार को मंगलगीत गूंजने पर भक्तों ने जब मंदिर का नजारा देखा, तो नाराजगी जताई और इस पर आपत्ति की।

कई मेहमानों ने की शिरकत।

कई मेहमानों ने की शिरकत।

बताया जा रहा है कि शहर के एक कारोबारी ने केवल 25 हजार रुपए की रसीद कटवाकर गोपाल मंदिर को किराए पर लिया। प्रबंधन को बताया गया कि युवक-युवती की शादी हो चुकी है और यहां केवल आशीर्वाद लेने व भोजन प्रसादी बांटने की योजना है। लेकिन इसके बाद दो दिनों तक मंदिर में सजावट और मेहमानों के स्वागत की भव्य तैयारियां हुईं।

मंदिर के अंदर और बाहर रेड कार्पेट बिछाए गए, स्टेज लगाया गया, और डीजे की धुनों पर गीत बजते रहे। इस दौरान दर्शन के लिए आए भक्तों को भी रोका गया।

मेहमानों के लिए महंगे सोफे सजाए गए। साथ ही फेरों के लिए सजावट।

मेहमानों के लिए महंगे सोफे सजाए गए। साथ ही फेरों के लिए सजावट।

शाही बर्तनों में परोसा गया भोजन।

शाही बर्तनों में परोसा गया भोजन।

बता दें कि गोपाल मंदिर पुरातत्व विभाग के अधीन है, जहां इस तरह के भव्य आयोजनों की अनुमति नहीं होती। इसके बावजूद यह आयोजन कैसे हुआ, यह सवाल बना हुआ है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि एक एसडीएम ने इस आयोजन की अनुमति दी थी। उन्हें भी बताया गया था कि शादी पहले ही हो चुकी है और यहां केवल छोटा मांगलिक आयोजन करना है।



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