Elder sister of Goddess Lakshmi: माता लक्ष्मी न केवल धन की देवी हैं बल्कि वह जिस घर में विराजती हैं उस घर को सुख समृद्धि और सौभाग्य से भर देती हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि माता लक्ष्मी की एक बहन भी है? जी हां, माता लक्ष्मी की बहन का नाम अलक्ष्मी है। लेकिन उनकी पूजा माता लक्ष्मी की तरह नहीं की जाती है। बता दें कि अलक्ष्मी को 14 रत्नों में भी नहीं रखा जाता है। इसके पीछे एक कथा प्रचलित है।
आज का हमारा लेख इसी विषय पर है। आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि माता लक्ष्मी की बहन अलक्ष्मी (Alakshmi Kon Thi) की पूजा क्यों नहीं की जाती है और उन्हें लोग घर से दूर क्यों करना चाहते हैं। पढ़ते हैं आगे…
माता लक्ष्मी की बहन से जुड़ी कथा…
मां लक्ष्मी की बड़ी बहन का नाम अलक्ष्मी है। वहीं शास्त्रों के अनुसार, इन्हें दुर्भाग्य की देवी भी कहते हैं। घरों में उनकी तस्वीर नहीं लगाई जाती। वहीं भागवत महापुराण में इस बात का जिक्र किया है कि ये जहां वास करती हैं वहां गरीबी, आलस, पाप, बीमारियां आदि निरंतर बनी रहती है इसलिए लोग नहीं चाहते कि ये घर में वास करें। माता लक्ष्मी के जन्म की कथा की बात करें तो भागवत महापुराण के मुताबिक, जब समुद्र मंथन हो रहा था तो उस दौरान 14 रत्न निकले थे, जिसमें से माता लक्ष्मी भी निकली थीं। लेकिन उनसे पहले अलक्ष्मी भी बाहर निकली थीं। चूंकि वह माता लक्ष्मी से पहले निकली थीं इसलिए उन्हें माता लक्ष्मी की बड़ी बहन कहा जाता है। अलक्ष्मी ने समुंद्र मंथन से निकलने के बाद असुर शक्तियों का चयन किया और माता लक्ष्मी ने भगवान विष्णु का चयन किया। ऐसे में माता लक्ष्मी को 14 रत्नों में गिना जाता है और अलक्ष्मी की गिनती इनमें नहीं होती है।
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