कभी जलकुंभी से ढंकी चांदपाठा झील अब फिर से मुस्कुरा रही है। शिवपुरी स्थित माधव टाइगर रिजर्व की इस 3.9 वर्ग किमी की झील को 2022 में रामसर साइट का दर्जा मिला था, लेकिन इसके बाद जलकुंभी ने इसकी सुंदरता और जैवविविधता पर असर डालना शुरू कर दिया था। मगरमच्
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झील को बचाने के लिए केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सांसद निधि से 1.20 करोड़ रुपए की वीड हार्वेस्टिंग मशीन प्रदान की। वन विभाग ने भी एक अतिरिक्त मशीन लगाई। दोनों मशीनों की मदद से झील की सफाई हुई और अब उसका पानी साफ दिखाई देता है। कुछ जगह जलकुंभी शेष है, पर उसकी सफाई भी जारी है। अब यह झील एक बार फिर पर्यावरण प्रेमियों के आकर्षण का केंद्र बन गई है।