Wednesday, June 18, 2025
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मानसून में करें इन 5 स्पॉट्स को विजिट: झरने, जंगल, हरियाली से सजी वादियां करेंगी दिल खुश, आज वर्ल्ड पिकनिक डे – Raipur News


मानसून आते ही छत्तीसगढ़ की प्रकृति अपने सबसे खूबसूरत रूप में नजर आती है। हरियाली, झरने और जंगलों का माहौल दिल खुश कर देता है। आज वर्ल्ड पिकनिक डे पर जानिए अाप रायपुर से करीब की वो बेस्ट 5 जगहें जहां मानसुन में पिकनिक ट्रिप तो बनती ही है।

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मौसम का मजा लेने अगर आप वीकेंड पर कहीं घूमने का मन बना रहे हैं, तो धमतरी का गंगरेल डैम आपके लिए परफेक्ट डेस्टिनेशन हैं। रायपुर से करीब घटारानी, आपकी ट्रिप को यादगार बना देंगे। ये जगहें न सिर्फ प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर हैं, बल्कि यहां वाटर स्पोर्ट्स, पिकनिक और फोटोग्राफी के लिए भी बेहतरीन माहौल मिलता है। आइए जानते हैं इन दोनों स्पॉट्स की डिटेल…

जानिए पिकनिक डे के बारे में दुनियाभर में हर साल 18 जून को अंतर्राष्ट्रीय पिकनिक दिवस मनाया जाता है। इस दिन को मनाने की शुरुआत फ्रांसीसी क्रांति के दौरान हुई। उस दौर में बाहर एक प्रकार का अनौपचारिक भोजन किया जाता था। पिकनिक फ्रांसीसी भाषा से लिया गया शब्द है। पिकनिक का अर्थ होता है, प्रकृति के बीच बैठकर भोजन या नाश्ता करना।

रायपुर शहर की भीड़ से थोड़ी दूर शांत जगहों पर बिता सकते हैं अपनों के साथ समय।

19वीं शताब्दी में इंग्लैंड की पिकनिक मशहूर हुई, जब सामाजिक अवसरों पर खाने की कई चीजों को शामिल किया जाता था। बाद के कुछ वर्षों में पिकनिक राजनीतिक प्रोटेस्ट के दौरान आम लोगों के बीच की गैदरिंग बन गई। गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स ने पुर्तगाल में हुआ पिकनिक को सबसे बड़ी पिकनिक के तौर पर दर्ज किया। उस कार्यक्रम में करीब 20000 लोग शामिल हुए थे।

कुछ इस तरह झरने घटारानी में बहता है पानी।

कुछ इस तरह झरने घटारानी में बहता है पानी।

बेस्ट 5 डेस्टीनेशन जतमई-घटारानी

  • जतमई मंदिर गरियाबंद जिले के दक्षिण में स्थित एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। यह मंदिर जतमई माता को समर्पित है, जो हिंदू धर्म की देवी दुर्गा का एक रूप हैं। ये एक धार्मिक और पर्यटन स्थल के रूप में प्रसिद्ध हैं। मंदिर के बिल्कुल करीब झरना बहता है, जंगलों से घिरा मंदिर और सफेद बहता पानी देखना मन और आंखों को सुकून देता है।
  • रायपुर से दूरी- 87 किलोमीटर
  • कैसे जाएं- रायपुर से यहां तक पहुँचने के लिए नियमित बस सेवा और प्राइवेट कैब कर सकते हैं ।
  • रहने का बंदोबस्त- कुछ प्राइवेट रिसॉर्ट आस-पास ही मिलेंगे, जिनका किराया 2 से 4 हजार रुपए तक होता है।
गंगरेल के आस-पास बने पर्यटक स्थल को गोवा के समान माना जाता है।

गंगरेल के आस-पास बने पर्यटक स्थल को गोवा के समान माना जाता है।

गंगरेल बांध

  • गंगरेल बांध को पर्यटन के लिहाज से बेहद खूबसूरती से विकसित किया गया है। यहां एक सुंदर गार्डन है। पर्यटकों को ‘सी बीच’ का अहसास देकर उत्साह जगाने के लिए करीब एक किलोमीटर के दायरे में आर्टिफिशियल बीच तैयार किया गया है। जहां बैठकर परिवार और दोस्तों के साथ आनंद ले करते हैं।
  • रायपुर से दूरी- 85 किलोमीटर, धमतरी जिले में स्थित
गंगरेल में का मजा लिया जा सकता है।

गंगरेल में का मजा लिया जा सकता है।

  • कैसे पहुंंचे- गंगरेल बांध धमतरी रेलवे स्टेशन से लगभग 12 किलोमीटर की दूरी पर है। सड़क मार्ग से जाना है तो रायपुर से सीधे जा सकते हैं। प्राइवेट कैब से या बस से धमतरी पहुंचकर वहां लोकल ट्रांसपोर्ट ले सकते हैं
  • ये एक्टिविटी कर सकते है- कमांडो नेट, रोप लाइनिंग, जिपलाइनिंग, वाटर साइकिल, कयाक, पैरासेलिंग, आकटेन समेत विभिन्न प्रकार के एडवेंचर की व्यवस्था है। यहां 50 रुपये से लेकर 4,000 रुपये में अलग-अलग तरह की बोटिंग की जा सकती है।
  • ठहरने का इंतजाम- गंगरेल के किनारों से लगकर रिजॉर्ट 3 से 5 हजार रुपए तक, धमतरी शहर में 1500 से 2 हजार में सस्ते लॉज-होटल भी।
ओना कोना की इस जगह पर लोग फोटो वीडियो शूट करवाते हैं।

ओना कोना की इस जगह पर लोग फोटो वीडियो शूट करवाते हैं।

ओना-कोना

  • ये एक निर्माणाधीन मंदिर है, मगर सोशल मीडिया फोटो शूट के लिहाज से एक खूबसूरत स्पॉट है। छत्तीसगढ़ के एक कोने में बसा ये भव्य मंदिर बालोद जिले से लगभग 35 से 40 किलोमीटर दूर NH-30 जगदलपुर रोड में स्थित है। माना जाता है कि ये गंगरेल का अंतिम छोर भी है।
  • रायपुर से दूरी- 106 किलोमीटर है
  • कैसे जाएं- रायपुर और बालोद जिले के बीच हाइवे से कच्चा रास्ता इस गांव की ओर जाता है। यहां प्राइवेट कार, या कैब से ही पहुंंचा जा सकता है। बस नहीं जाती।
  • रहने का बंदोबस्त- ये एक साइट है जिसे दिन भर में देखकर बालोद, धमतरी या रायपुर लौटा जा सकता है। इसलिए यहां रहने का इंतजाम नहीं मिलेगा। रास्ते मंे कुछ छोटी दुकानें जरूर हैं, जहां से कुछ खाने-पीने की चीज ली जा सकती है।
घाटी में कुछ यूं होती है सुबह।

घाटी में कुछ यूं होती है सुबह।

चिल्फी घाटी- भोरमदेव

  • चिल्फी घाटी और भोरमदेव, छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले में स्थित दो प्रमुख पर्यटन स्थल हैं। चिल्फी घाटी अपनी प्राकृतिक सुंदरता और हरे-भरे दृश्यों के लिए जानी जाती है, जबकि भोरमदेव मंदिर अपने ऐतिहासिक और पुरातात्विक महत्व के लिए प्रसिद्ध है।
  • यह घाटी कवर्धा जिले में मैकल पर्वत श्रृंखला में स्थित है। बारिश के मौसम में यहां ड्राइविंग करना सभी को पसंद आता है। इसी रास्ते में रानीधारा झरना देखा जा सकता है।
  • रायपुर से दूरी- 150 किलोमीटर चिल्फी, 140 किलोमीटर भोरमदेव मंदिर
  • कैसे पहुंचे- बस से कवर्धा पहुंचा जा सकता है, या फिर प्राइवेट कैब या बाइकिंग के शाैकिन हैं तो इससे भी जाया जा सकता है।
  • रहने की व्यवस्था- चिल्फी घाटी में कुछ प्राइवेट होटल हैं, पहाड़ पर सरोदा रिजॉर्ट पर्यटन विभाग का है दोनों ही जगहों पर 2 से 5 हजार रुपए देकर रहा जा सकता है।
प्रावीन भोरमदेव मंदिर।

प्रावीन भोरमदेव मंदिर।

बारनवापारा

  • यहां की हरियाली, हरे-भरे जंगली इलाके मंे ड्राइव मन काे सुकून देने वाली होगी। वैसे तो यहां वाइल्ड लाइफ सेंचुरी है मगर मानसून में इसे बंद कर दिया जाता है। मगर कुदरती हरियाली, शांत वातावरण का मजा यहां लिया जा सकता है। इस इलाके में कुछ ऐसे भी रिजॉर्ट हैं जहां वन नाइट स्टे के बाद रायपुर लाैटा जा सकता है। खिड़की से जंगली जानवर भी दिख जाते हैं।
  • रायपुर से दूरी- करीब 100 किलोमीटर
  • रहने का बंदोबस्त- कई प्राइवेट रिजॉर्ट हैं, जंगलों से घिरे हुए, बारिश में इनमें रहना आनंद देता है। 2 से 4 हजार रुपए में बुक किए जा सकते हैं।
बारनवा पारा के रिजॉर्ट में स्टे किया जा सकता है।

बारनवा पारा के रिजॉर्ट में स्टे किया जा सकता है।



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