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नई दिल्ली2 घंटे पहले
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भाजपा नेता राजीब बब्बर ने केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के अन्य नेताओं के खिलाफ मानहानि केस दर्ज कराया था।
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और नई मुख्यमंत्री आतिशी की तरफ से दाखिल की गई याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। दोनों ने एक मानहानि मामले में दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी।
दरअसल, मामला केजरीवाल की उस टिप्पणी से जुड़ा है, जिसमें उन्होंने भाजपा पर मतदाता सूची से अग्रवाल समुदाय के लोगों का नाम हटाने का आरोप लगाया था। इस बयान को लेकर भाजपा नेता राजीब बब्बर ने केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के अन्य नेताओं के खिलाफ मानहानि केस दर्ज कराया था।
हाईकोर्ट ने कहा- केजरीवाल ने भाजपा की छवि खराब करने की कोशिश की इस मामले को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई हुई, जिसमें कोर्ट ने कहा कि केजरीवाल और अन्य AAP नेताओं के बयान मान हानिकारक हैं और इनका मकसद राजनीतिक फायदे के लिए भाजपा की छवि खराब करना है। इस टिप्पणी के साथ हाईकोर्ट ने मानहानि केस को रद्द करने से इनकार कर दिया।
इसके साथ ही कोर्ट ने केजरीवाल, आतिशी और अन्य पार्टी सदस्यों को ट्रायल कोर्ट में पेश होने को कहा। हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ आप नेताओं ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी, जिस पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (27 सितंबर) की तारीख दी।
दिल्ली की नई मुख्यमंत्री बनीं आतिशी, एक कुर्सी केजरीवाल के लिए खाली छोड़ी

आतिशी ने 23 सितंबर को दिल्ली के मुख्यमंत्री के तौर पर पद संभाला। केजरीवाल ने 17 सितंबर को CM पद से इस्तीफा दे दिया था।
आतिशी ने 23 सितंबर को दिल्ली की नई मुख्यमंत्री के तौर पदभार संभाला। वह सुबह 12 बजे CM ऑफिस पहुंचीं और औपचारिकताएं पूरी कीं। इस दौरान आतिशी ने CM ऑफिस में एक खाली कुर्सी छोड़ दी और खुद दूसरी कुर्सी पर बैठीं।
आतिशी ने कहा- ‘जैसे राम के वनवास जाने के बाद भरत ने खड़ाऊं रखकर अयोध्या का सिंहासन संभाला, मैं उसी तरह दिल्ली CM की कुर्सी संभालूंगी। 4 महीने बाद दिल्ली के लोग केजरीवाल को फिर से इसी कुर्सी पर बैठाएंगे। तब तक ये कुर्सी इसी कमरे में रहेगी और केजरीवाल जी का इंतजार करेगी।’
आतिशी के बयान पर दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा- ‘इस हरकत से आतिशी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की गरिमा के साथ ही दिल्ली की जनता की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। यह कोई आदर्श नहीं हैं। सीधी भाषा में चापलूसी है। केजरीवाल बताएं, क्या सरकार रिमोट कंट्रोल से चलाएंगे।’
दिल्ली शराब नीति केस में 13 सितंबर को जमानत पर बाहर आने के बाद केजरीवाल ने 17 सितंबर को CM पद से इस्तीफा दे दिया था। 21 सितंबर को आतिशी दिल्ली की नई मुख्यमंत्री बनीं। 23 सितंबर को उन्होंने 5 मंत्रियों के साथ शपथ ली।

आतिशी के बयान में श्रीराम-भरत का जिक्र, दो बातें…
1. भरत की तरह 4 महीने शासन चलाऊंगी: आतिशी ने कहा- ‘आज मैंने दिल्ली के CM का कार्यभार संभाला है। आज मेरे मन में वही व्यथा है, जब भगवान श्री राम 14 साल के लिए वनवास गए थे। जिस तरह भरत जी ने 14 साल तक भगवान श्री राम की खड़ाऊं रखकर अयोध्या का शासन संभाला। उसी तरह से आने वाले 4 महीने के लिए मैं दिल्ली सरकार चलाऊंगी।’
2. केजरीवाल के अंदर राम की तरह मर्यादा: आतिशी ने कहा- ‘भगवान श्रीराम ने एक वचन को निभाने के लिए 14 साल का वनवास स्वीकार किया। इसीलिए हम भगवान श्रीराम को मर्यादा पुरुषोत्तम कहते हैं। उनकी जिंदगी हम सबके लिए मर्यादा और नैतिकता की एक मिसाल है। बिल्कुल उसी तरह अरविंद केजरीवाल ने इस देश की राजनीति में मर्यादा और नैतिकता की एक मिसाल कायम की है।’
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दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत को लेटर लिखकर पांच सवाल पूछे हैं। उन्होंने केंद्रीय जांच एजेंसियों के दुरुपयोग से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रिटायरमेंट तक कई मुद्दों पर सवाल पूछे।
केजरीवाल ने लिखा कि वे देश के मौजूदा हालात से बहुत चिंतित हैं और भाजपा सरकार की नीतियों को देश के लिए हानिकारक मानते हैं। अगर यह स्थिति जारी रही तो देश के लोकतंत्र को खतरा हो सकता है। पूरी खबर यहां पढ़ें…