बसपा सुप्रीमो मायावती के साथ उनके भाई और पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष आनंद कुमार (फाइल फोटो)
बहुजन समाज पार्टी यानी बसपा में शुरू हुआ पारिवारिक विवाद अब बढ़ता जा रहा है। मायावती की भतीजे आकाश आनंद से अनबन के बाद अब भाई आनंद कुमार से भी नहीं बन रही।
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मायावती ने 3 दिन पहले भतीजे आकाश आनंद को नेशनल कोऑर्डिनेटर पद से हटा दिया था। इसके बाद उनके पिता आनंद कुमार को जिम्मेदारी सौंपी थी। हालांकि, आनंद कुमार ने नेशनल कोऑर्डिनेटर पद पर काम करने से इनकार कर दिया। इसके बाद मायावती ने उनसे जिम्मेदारी वापस ले ली है।
बुधवार सुबह मायावती ने X पर 2 पोस्ट किए। इसमें लिखा- आनंद कुमार ने एक पद पर काम करने की इच्छा जाहिर की। इसलिए, वह पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद पर बने रहेंगे। जबकि नेशनल कोऑर्डिनेटर के पद की जिम्मेदारी उनसे वापस ली जा रही है।
इसके अलावा, मायावती ने पार्टी में कई बड़े फेरबदल का ऐलान किया है। सहारनपुर के रहने वाले रणधीर बेनीवाल को नेशनल कोऑर्डिनेटर की जिम्मेदारी सौंपी है।
मायावती ने कहा- अब राज्यसभा सांसद रामजी गौतम और रणधीर बेनीवाल, दोनों पार्टी के नेशनल कोऑर्डिनेटर के रूप में मेरे निर्देशन में काम करेंगे। इससे पहले, आकाश के ससुर और फिर उन्हें पार्टी से निकाल दिया था।
आकाश आनंद से पहले उत्तराधिकार छीना, फिर पार्टी से निकाला
10 दिसंबर, 2023 को यूपी-उत्तराखंड के नेताओं की बैठक के दौरान मायावती ने आकाश को उत्तराधिकारी बनाया था।
2 दिन पहले ने मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को पार्टी से निकाल दिया था। कहा था- आकाश को पश्चाताप करके अपनी परिपक्वता दिखानी थी, लेकिन आकाश ने जो प्रतिक्रिया दी, वह राजनीतिक मैच्योरिटी नहीं है। वो अपने ससुर के प्रभाव में स्वार्थी, अहंकारी हो गया है।
इससे एक दिन पहले यानी 2 मार्च को बसपा सुप्रीमो ने आकाश को पार्टी के सभी पदों से हटाया था। कहा था- वे उनके उत्तराधिकारी नहीं हैं। मेरे जीते-जी और आखिरी सांस तक पार्टी में मेरा कोई उत्तराधिकारी नहीं होगा। मेरे लिए पार्टी और आंदोलन सबसे पहले हैं, परिवार और रिश्ते बाद में आते हैं। जब तक मैं जीवित रहूंगी, तब तक पूरी ईमानदारी से पार्टी को आगे बढ़ाती रहूंगी।
आकाश को 15 महीने में 2 बार उत्तराधिकारी घोषित किया गया, लेकिन दोनों ही बार हटा दिया गया। उन्हें सबसे पहले 10 दिसंबर, 2023 को उत्तराधिकारी बनाया। 7 मई, 2024 को गलतबयानी की वजह से सभी जिम्मेदारियां छीन ली गईं।
23 जून, 2024 को आकाश को फिर से उत्तराधिकारी बनाया और नेशनल कोऑर्डिनेटर की जिम्मेदारी भी सौंपी। लेकिन 2 मार्च, 2025 को उनसे फिर सारी जिम्मेदारियां छीन लीं। 3 मार्च को उन्हें पार्टी से ही बाहर कर दिया गया।

आकाश आनंद और डॉ. सिद्धार्थ की बेटी प्रज्ञा की शादी 26 मार्च, 2023 को हुई थी। इसमें मायावती भी मौजूद रही थीं।
आकाश ने 2017 में राजनीति में की थी एंट्री
आकाश आनंद पहली बार 2017 में सहारनपुर की एक जनसभा में मायावती के साथ दिखे थे। इसके बाद वह लगातार पार्टी के लिए काम कर रहे थे। 2019 में उन्हें नेशनल कोऑर्डिनेटर बनाया गया। यह फैसला तब लिया गया जब सपा और बसपा का गठबंधन लोकसभा चुनाव के बाद टूटा।
2022 के हिमाचल विधानसभा चुनाव में पहली बार आकाश आनंद का नाम स्टार प्रचारकों की लिस्ट में आया था। आकाश ने लंदन से मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (MBA) की पढ़ाई की है। आकाश की शादी बसपा के पूर्व राज्यसभा सदस्य अशोक सिद्धार्थ की बेटी डॉ. प्रज्ञा से हुई है।
अशोक सिद्धार्थ- 20 दिन पहले पार्टी से निकाला, गुटबाजी का आरोप

मायावती के साथ डॉ. अशोक सिद्धार्थ। अशोक मायावती के भतीजे आकाश आनंद के ससुर हैं।
मायावती ने 20 दिन पहले यानी 12 फरवरी को भतीजे आकाश के ससुर अशोक सिद्धार्थ और उनके करीबी नितिन सिंह को भी बसपा से बाहर कर दिया। यह एक्शन संगठन में गुटबाजी और अनुशासनहीनता पर लिया था।
बसपा प्रमुख ने कहा था- दक्षिणी राज्यों के प्रभारी रहे डॉ अशोक सिद्धार्थ और नितिन सिंह चेतावनी के बाद भी पार्टी में गुटबाजी कर रहे थे। इन्हें पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने के चलते तत्काल प्रभाव से पार्टी से निष्कासित किया जाता है।
अशोक सिद्धार्थ पेशे से डॉक्टर रहे हैं। नौकरी छोड़ने के बाद वह साल 2008 में वह बसपा में शामिल हुए थे। मायावती ने 2009 में उनको एमएलसी बनाया। इसके बाद 2016 से 2022 तक वह राज्यसभा के सदस्य भी रहे। एक समय तक वह मायावती के सबसे खास माने जाते थे।
कौन हैं आनंद कुमार, बसपा के अंदर क्या अहमियत
आनंद कुमार मायावती के सबसे छोटे भाई और आकाश आनंद के पिता हैं। उन्हें मायावती का बेहद भरोसेमंद माना जाता है। आनंद कुमार ज्यादातर पर्दे के पीछे से ही पार्टी में अपनी भूमिका अदा करते रहे हैं। उन्हें आम तौर पर मायावती के साथ रैलियों में भी नहीं देखा जाता।
आनंद कुमार कभी नोएडा प्राधिकरण में क्लर्क हुआ करते थे। मायावती के यूपी के मुख्यमंत्री बनने के बाद उनकी संपत्ति तेजी से बढ़ी। आनंद पर फर्जी कंपनी बनाकर करोड़ों रुपए कर्ज लेने का आरोप भी लगा था। 2007 में मायावती की सरकार आने के बाद आनंद ने एक के बाद एक 49 कंपनियां खोली थीं।

यह तस्वीर रणधीर बेनीवाल की है, जिन्हें मायावती ने नेशनल कोऑर्डिनेटर बनाया है।
अब बात रणधीर बेनीवाल की, जिन्हें नेशनल कोऑर्डिनेटर बनाया
सहारनपुर के रहने वाले रणधीर सिंह बेनीवाल जाट समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। उनका राजनीतिक सफर बसपा के साथ लंबे समय से जुड़ा रहा है। बेनीवाल यूपी में बसपा के लिए जमीनी स्तर पर काम करते रहे हैं। उनकी पकड़ जाट बहुल क्षेत्रों में ज्यादा मानी जाती है।
बसपा के केंद्रीय प्रभारी रणधीर बेनीवाल पर पार्टी के धन का दुरुपयोग कर संपत्ति अर्जित करने के गंभीर आरोप लगे थे। आरोपों के मुताबिक, 2019 में बसपा प्रभारी बनने के बाद से बेनीवाल की संपत्ति में अप्रत्याशित वृद्धि देखी गई। उन पर सहारनपुर में दो महलनुमा घर, आईटीसी रोड पर दो मंजिला शोरूम, चार महंगी गाड़ियां और कई भूखंड खरीदने के आरोप लगे थे। जिनकी कुल कीमत लगभग 10 करोड़ रुपए बताई गई थी।
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तस्वीर 23 जून 2024 की है, जब लखनऊ में बसपा की एक बैठक में आकाश आनंद ने मायावती के पैर छुए थे।
बसपा प्रमुख मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद से सभी जिम्मेदारियां छीन ली हैं। एक साल में दूसरी बार आकाश आनंद को उत्तराधिकारी और नेशनल कोऑर्डिनेटर पद से हटा दिया है। उन्होंने कहा- जीते-जी किसी को भी अपना उत्तराधिकारी घोषित नहीं करूंगी। यह खबर भी पढ़ें
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15 दिन पहले दिए गए अल्टीमेटम के बाद रविवार (2 मार्च) को बसपा सुप्रीमो मायावती ने कड़ी बात कहते हुए भतीजे आकाश आनंद को न सिर्फ अपने उत्तराधिकारी, बल्कि पार्टी के नेशनल कोऑर्डिनेटर पद से हटा दिया। इससे पहले 12 फरवरी को मायावती ने उनके ससुर एवं दक्षिणी राज्यों के प्रभारी रहे डॉ. अशोक सिद्धार्थ को पार्टी से निष्कासित कर दिया था। उन पर गुटबाजी को बढ़ाने और पार्टी विरोधी गतिविधियों का गंभीर आरोप लगाया था। यहां पढ़ें पूरी खबर
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