प्रयागराज7 मिनट पहलेलेखक: अजय कुमार
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‘वक्फ बोर्ड ने मजार के नाम पर लाखों एकड़ जमीन पर कब्जा कर रखा है। मजारें इनके प्रॉपर्टी डीलिंग का ऑफिस बन चुकी हैं। थोड़ी-सी मिट्टी डालकर चादर चढ़ा दी जाती है, धीरे-धीरे कब्जा हो जाता है।’
प्रयागराज की सैय्यद सलार मसूद गाजी की मजार पर 6 अप्रैल को भगवा झंडा फहराने वाले मनेंद्र प्रताप सिंह ऐसा दावा करते हैं। वह कहते हैं- यह कोई मजार नहीं, देवी सती और भगवान शिव का स्थल है। कहने वाले कुछ भी कहते रहें। इसके यूट्यूब पर ढेरों वीडियो पड़े हैं। अब इस मुद्दे पर सियासत भी शुरू हो गई है।
लखनऊ में अखिलेश यादव ने कहा- पुलिस मजार पर झंडा फहराने वाले पर कार्रवाई नहीं करेगी, क्योंकि ऐसा करने वाला सीएम की जाति का है। इसलिए उसे एसपी, डीएम, कमिश्नर कोई कुछ नहीं बोलेगा।
छात्र नेता मनेंद्र प्रताप सिंह ने झंडा क्यों फहराया? क्या पुलिस से डर नहीं लगा? क्या वो कोरी सियासत कर रहे हैं? यह सब जानने के लिए दैनिक भास्कर डिजिटल ऐप की टीम सोरांव के बर्जी सिसई गांव पहुंची।
पढ़िए पूरा इंटरव्यू…

सवाल : आपने मजार पर भगवा झंडा फहराने की योजना क्यों बनाई?
जवाब : यह मजार हमारे गांव के पास है। मैं आपको बता दूं कि मजार पर जाने वाले 95% लोग हिंदू हैं। वहां पहले हमारे पूर्वज पूजा करते थे। जबरदस्ती मजार बना दी गई। हिंदुओं की आस्था वहां पहले से मौजूद देवी-देवताओं में है। इसलिए हम लोग कई साल से आंदोलन कर रहे हैं।
सवाल : आप कहते हैं कि वह मजार अवैध है, इसका क्या आधार है? जवाब : देखिए, सैयद सालार गाजी की मजार बहराइच में है। इसलिए वहां से चलकर इतनी जगहों पर कैसे मजार बना सकते हैं? ये सब अवैध मजारें हैं। जैसे हमारे बगल के गहरपुर गांव में अचानक बारिश हुई, बिजली कड़की। फिर कुछ मौलाना कहने लगे कि गाजी मियां प्रकट हो गए। इस तरह की बातें करके मजार बना दी जाती हैं।
सवाल : आप दावा कर रहे हैं कि मजार के अंदर हिंदू देवी-देवता मौजूद हैं? जवाब: बिल्कुल, मजार के अंदर ही हमारे बड़े पुरुष और सती विराजमान हैं। इसके यूट्यूब पर सैकड़ों वीडियो हैं। टीवी पर भी दिखाया जा चुका है। वहां हिंदू देवी-देवताओं की पूजा होती है। हमारी आस्था जुड़ी है, इसलिए हम वहां मंदिर और मेला चाहते हैं।
सवाल: क्या मजारें अवैध रूप से जमीन पर कब्जे के लिए बनाई जाती हैं? जवाब: बिल्कुल। वक्फ बोर्ड ने मजार के नाम पर लाखों एकड़ जमीन पर कब्जा कर रखा है। मजारें इनके प्रॉपर्टी डीलिंग का ऑफिस बन चुके हैं। थोड़ी-सी मिट्टी डालकर चादर चढ़ा दी जाती है, फिर हिंदू भी आस्था के कारण वहां पूजा करने लगते हैं। इसके बाद धीरे-धीरे कब्जा कर लिया जाता है।

पुलिस इन वीडियो में दिख रहे लोगों की पहचान कर रही है।
सवाल : वहां मजार कई सालों से है, तो अब विरोध क्यों कर रहे? जवाब : कौन कह रहा है कि हम आज विरोध कर रहे हैं। विरोध पहले भी हुआ। 1974 में हमारे बुजुर्गों ने कई आंदोलन किए थे। मुझे आज एक बुजुर्ग का फोन आया। उन्होंने बताया कि उन्हें लाठियां भी मारी गई थीं। लेकिन, आज वह आंदोलन सार्थक दिशा में जाते हुए देख रहे हैं। हमें भरोसा है कि योगी आदित्यनाथ अवैध कब्जों को हटवाएंगे।
सवाल : झंडा फहराने से हिंदू-मुस्लिम विवाद होने की आशंका है? जवाब : मुझे नहीं लगता। मुस्लिम वहां सिर्फ पैसे का लेन-देन कर रहे हैं। इस्लाम में जिस जगह पर किसी अन्य धर्म का पूजास्थल हो, वहां नमाज नहीं होती। फिर भी यहां मजार बनाई गई है। ये विरोध उसी के खिलाफ है।
सवाल : आपके इस तरह मजार पर चढ़ने से लॉ एंड ऑर्डर नहीं बिगड़ता? जवाब : नहीं…क्योंकि योगी आदित्यनाथ जी की सरकार है। अगर हमने कुछ गलत किया है, तो कानून के तहत जो भी होगा, हम उसको स्वीकार कर लेंगे। डरने का कोई सवाल ही नहीं उठता।
सवाल : क्या आपको पुलिस एक्शन का डर नहीं लगता? जवाब : देखिए मैं एक क्षत्रिय हूं। मेरा नाम मनेंद्र प्रताप सिंह है। हम लोग सिर पर कफन बांधकर ही निकलते हैं। मैं इलाहाबाद विश्वविद्यालय का छात्र नेता रहा हूं। अब तक सैकड़ों आंदोलन किए हैं, कई बार जेल भी गया हूं। पुलिस से डरने का सवाल ही नहीं उठता।
सवाल : क्या आप भारतीय जनता पार्टी से जुड़े हैं? जवाब : नहीं, मैं कोई पदाधिकारी नहीं हूं, लेकिन हम लोग भारतीय जनता पार्टी के समर्थक हैं। हिंदुत्व की विचारधारा के आधार पर वोट देते हैं।

सवाल : प्रशासन ने मजार के पास से गुजरने से मना किया गया था, फिर आप क्यों गए? जवाब : जी हां, प्रशासन ने मजार के पास से गुजरने से मना किया था। लेकिन हम सभी हिंदू भाई थे। जब मजार के बगल से गुजर रहे थे, तब सबकी भावनाएं जुड़ गईं।
सवाल : आपने मजार हटाने के लिए ज्ञापन दिया था, एक्शन का इंतजार क्यों नहीं किया? जवाब : हम कोई मजार हटाने नहीं गए थे। हमने सिर्फ भगवा ध्वज फहराया, क्योंकि वहां हमारे आराध्य भी विराजमान हैं। अगर कोई मुस्लिम जाकर कहे कि वहां पर सती या बड़े पुरुष नहीं हैं, तो क्या वो सही होगा? जब एक हिंदू वहां जाता है, तो वह टोपी पहनकर नहीं जाता। वह अपना भगवा ध्वज लेकर जाता है। इसमें कुछ भी गलत नहीं है।
सवाल : झंडा फहराने के लिए रामनवमी का दिन ही क्यों चुना? जवाब : अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने के बाद यह दूसरी रामनवमी है। पूरे देश में इस रामनवमी का उत्साह था। इसलिए मजार पर भगवा ध्वज फहराने के लिए इस दिन का चुना गया।
सवाल : आप इस आंदोलन को कहां तक लेकर जाना चाहते हैं? जवाब : हमारा आंदोलन तब तक चलेगा, जब तक इस देश से मुगल आक्रांताओं की सभी निशानी हट नहीं जाती। हम नहीं रुकेंगे।
सवाल : आप इस संघर्ष को किस विचारधारा से जोड़ते हैं? जवाब : हम अपने सनातन धर्म, अपने पूर्वजों और अपने बलिदानों पर गर्व करते हैं। यह देश बहुत पीड़ा सहकर यहां तक पहुंचा है। लाखों करोड़ों हिंदुओं ने खून बहाया है। हल्दीघाटी इसका उदाहरण है। अब समय आ गया है कि हम अपने अधिकारों के लिए खड़े हों।

अब जानिए, प्रयागराज में सालार मसूद गाजी की दरगाह पर क्या हुआ था…
20 युवकों के साथ भगवा झंडे लेकर मजार पहुंचे मनेंद्र प्रताप सिंह की अगुआई में 6 अप्रैल की शाम करीब 4 बजे 20 से ज्यादा युवकों ने बाइक रैली निकाली। भगवा झंडा लहराते हुए सभी सिकंदर इलाके में स्थित सालार मसूद गाजी की दरगाह पर पहुंचे। दीवारों के सहारे इसकी छत पर चढ़ गए। वहां गुंबद के बगल में हवा में भगवा झंडा लहराते हुए जमकर नारेबाजी की। फिर 3 युवक भगवा झंडा लेकर गुंबद तक पहुंचे।
वो भी दरगाह की छत पर चढ़ गए। ॐ लिखे भगवा झंडा लहराते हुए नारेबाजी की। युवकों की अगुआई कर रहे मनेंद्र प्रताप सिंह ने खुद को भाजपा कार्यकर्ता बताया। उसने कहा- सालार मसूद गाजी आक्रांता था। ऐसे में तीर्थराज प्रयाग में उसकी कोई दरगाह नहीं होनी चाहिए। दरगाह को तुरंत ध्वस्त कर देना चाहिए। उस जगह को हिंदुओं को पूजा-पाठ के लिए सौंप देनी चाहिए।
पुलिस के पहुंचने से पहले हंगामा करने वाले युवक भाग गए थे। हंगामा करने से पहले महाराजा सुहेलदेव सम्मान सुरक्षा मंच के पदाधिकारियों ने डीएम और पुलिस कमिश्नर को ज्ञापन भी दिया था। ये दरगाह गंगापार इलाके में प्रयागराज शहर से 40 किमी दूर है।

इस तस्वीर में मनेंद्र प्रताप सिंह मजार के ऊपर चढ़कर झंडा फहराते हुए दिख रहे हैं।
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