दमोह के मिशन अस्पताल में गुरुवार शाम को स्वास्थ्य और प्रशासनिक अधिकारियों की तीन सदस्यीय टीम ने निरीक्षण किया। टीम में डॉक्टर विक्रांत चौहान, डॉ राजेश नामदेव और नायब तहसीलदार रघुनंदन चतुर्वेदी शामिल थे।
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जांच टीम ने रात 8 बजे तक करीब दो घंटे अस्पताल का निरीक्षण किया। टीम को यह जांचना था कि 16 अप्रैल से बंद अस्पताल में कहीं छिपकर कोई गतिविधियां तो नहीं चल रही हैं। साथ ही सील की गई कैथ लैब की स्थिति की भी जांच की गई। टीम के एक सदस्य के अनुसार, निरीक्षण में फिलहाल कोई गड़बड़ नहीं मिली।मिशन अस्पताल की प्रबंधक पुष्पा खरे ने कहा कि उनके पास कैथ लैब का लाइसेंस 2028 तक वैध है। उन्होंने बताया कि जांच टीम को आयुष्मान योजना में कुछ समस्या थी, लेकिन उन्होंने कैथ लैब को सील कर दिया।
टीम जब जांच के लिए अस्पताल पहुंची उस समय गेट पर पुलिस तैनात कर दी गई थी।
प्रबंधक ने चेतावनी दी कि मशीन का कनेक्शन बंद होने से टेंपरेचर मेंटेन नहीं हो पाएगा। इससे 7 करोड़ की मशीन खराब हो सकती है। उन्होंने कहा कि वे अब कोर्ट में जाएंगी और नुकसान की भरपाई के लिए जांच टीम से हर्जाना मांगेंगी।
निरीक्षण के दौरान मीडिया को अस्पताल के मुख्य द्वार पर ही पुलिस की मदद से रोक दिया गया। जांच पूरी करने के बाद टीम रात करीब 8 बजे वापस लौटी।