नई दिल्ली12 मिनट पहले
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तहव्वुर राणा को अमेरिका के शिकागो में अक्टूबर 2009 में FBI ने गिरफ्तार किया था। उस पर मुंबई के 26/11 और कोपेनहेगन में आतंकी हमले को अंजाम देने के लिए जरूरी सामान मुहैया कराने का आरोप था।
2008 मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा पूछताछ में सुरक्षा एजेंसियों का सहयोग नहीं कर रहा है और घुमा-फिराकर जवाब दे रहा है। मुंबई पुलिस ने शनिवार को इसकी जानकारी दी। मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच ने बुधवार को दिल्ली में एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) के दफ्तर में राणा से करीब आठ घंटे तक पूछताछ की थी।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) भी तहव्वुर राणा से पूछताछ कर रही है। NIA पूछताछ में यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि कि लश्कर-ए-तैयबा (LeT) और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI ने 26/11 हमले के लिए तीन साल से ज्यादा समय तक क्या तैयारी की और क्या योजना बनाई थी।
राणा से उन लोगों के बारे में भी सवाल पूछे जा रहे हैं, जिनके नाम हमले के दौरान आतंकियों और उनके हैंडलर्स के बीच इंटरसेप्ट की गई बातचीत में सामने आए थे। इनमें अब्दुर रहमान हाशिम सईद, साजिद मजीद, इलियास कश्मीरी और जकी-उर-रहमान लखवी जैसे बड़े आतंकी शामिल हैं।
दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने राणा को 28 अप्रैल तक 18 दिन की NIA कस्टडी में भेजा है। कस्टडी के दौरान NIA रोजाना राणा से पूछताछ की एक डायरी तैयार कर रही है। आखिरी दौर की पूछताछ के बाद डिस्क्लोजर स्टेटमेंट में उसे रिकॉर्ड पर लिया जाएगा। यह केस डायरी का हिस्सा होता है।

राणा की परिवार वालों से बात करने की याचिका खारिज
इससे पहले दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने राणा की वह याचिका खारिज कर दी थी, जिसमें उसने हिरासत में रहते हुए अपने परिवार से फोन पर बात करने की अनुमति मांगी थी। राणा के वकील पियूष सचदेवा ने 22 अप्रैल को अदालत में दाखिल याचिका में कहा कि एक विदेशी नागरिक होने के नाते उसे अपने परिवार से बात करने का मौलिक अधिकार है। लेकिन NIA ने इसका विरोध किया और कहा कि जांच चल रही है और राणा सेंसिटिव जानकारी लीक कर सकता है।
राणा ने साजिद मीर से संपर्क की बात कबूली थी
तहव्वुर राणा NIA को 13 अप्रैल को पूछताछ में बताया था कि वह ग्लोबल टेररिस्ट साजिद मीर से लगातार संपर्क में था, जो 26/11 हमलों का मास्टरमाइंड माना जाता है। पूछताछ में राणा ने ‘दुबई मैन’ का नाम लिया, जिसे हमले की पूरी प्लानिंग पता थी।
एजेंसी को शक है कि यह व्यक्ति पाकिस्तान और दुबई के बीच नेटवर्क संभालता था और हमलों की फाइनेंसिंग, लॉजिस्टिक सपोर्ट में अहम भूमिका निभा रहा था। ये भी पता चला कि राणा का पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI से भी करीबी संपर्क था और उसे पाकिस्तानी सेना की वर्दी से खास लगाव था।
10 अप्रैल को स्पेशल विमान से अमेरिका से भारत लाया गया
64 साल के राणा को 10 अप्रैल को स्पेशल विमान से अमेरिका से भारत लाया गया था। देर रात पटियाला हाउस कोर्ट के स्पेशल NIA जज चंद्रजीत सिंह ने बंद कमरे में मामले की सुनवाई की और रात 2 बजे फैसला सुनाते हुए NIA को उसकी कस्टडी दी।
बुधवार रात राणा की पहली तस्वीर भी सामने आई, जिसमें नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) के अधिकारी उसे पकड़े हुए नजर आए। कल यूएस डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस ने एक और तस्वीर जारी की। इसमें अमेरिकी मार्शल उसे NIA के अफसरों को सौंप रहे हैं।
तहव्वुर के प्रत्यर्पण की तीन तस्वीरें, जंजीरों में बंधा दिखा…

भारत पहुंचने के बाद 10 अप्रैल को तहव्वुर राणा की पहली तस्वीर सामने आई। हालांकि इसमें उसका चेहरा नजर नहीं आ रहा है। NIA के अधिकारी उसे पकड़े हुए हैं।

कैलिफोर्निया के सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट में अमेरिकी मार्शलों ने 9 अप्रैल को आतंकी तहव्वुर राणा की हिरासत भारत के विदेश मंत्रालय के प्रतिनिधियों को सौंपी।

यूएस मार्शल और एनआईए की टीम। इसमें तहव्वुर राणा नजर नहीं आ रहा है। यह तस्वीर यूएस डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस ने जारी की है।
आतंकी राणा- सुसाइड वॉच पर
राणा को NIA मुख्यालय, लोधी रोड में हाई-सिक्योरिटी ग्राउंड फ्लोर की 14×14 फीट की सेल में रखा गया है। वह सुसाइड वॉच पर है और उस पर 24 घंटे गार्ड्स और सीसीटीवी से निगरानी रखी जा रही है। उसे केवल सॉफ्ट टिप पेन ही दिया गया है, जिससे वह खुद को नुकसान न पहुंचा सके।
मुंबई हमले में 166 आम लोग और 9 आतंकी मारे गए थे
26 नवंबर 2008 को मुंबई में आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकियों ने हमले किए। ये हमले चार दिनों तक चले। इन हमलों में कुल 175 लोग मारे गए, जिनमें 9 हमलावर भी शामिल थे और 300 से अधिक लोग घायल हुए थे।
तहव्वुर राणा को अमेरिका के शिकागो में अक्टूबर 2009 में FBI ने गिरफ्तार किया था। उस पर मुंबई के 26/11 और कोपेनहेगन में आतंकी हमले को अंजाम देने के लिए जरूरी सामान मुहैया कराने का आरोप था।
मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हेडली की गवाही के आधार पर तहव्वुर राणा को 2013 में आतंकी संगठन लश्कर से रिश्ते रखने और डेनिश अखबार पर हमले की साजिश के आरोप में 14 साल जेल की सजा सुनाई गई थी।

राणा पाकिस्तानी सेना में डॉक्टर रहा, कनाडाई नागरिक
- 64 साल का तहव्वुर राणा पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक है। राणा पाकिस्तानी सेना में डॉक्टर के तौर पर काम करता था। इसके बाद वह 1997 में कनाडा चला गया और वहां इमिग्रेशन सर्विसेस देने वाले बिजनेसमैन के तौर पर काम शुरू किया।
- कनाडा से वह अमेरिका पहुंचा और शिकागो सहित कई लोकेशंस पर फर्स्ट वर्ल्ड इमिग्रेशन सर्विसेज नाम से कंसल्टेंसी फर्म खोली। अमेरिकी कोर्ट के दस्तावेजों के मुताबिक, राणा कई बार कनाडा, पाकिस्तान, जर्मनी और इंग्लैंड भी गया था। वह लगभग 7 भाषाएं बोल सकता है।
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तहव्वुर की याचिका पर NIA का विरोध:परिवार से बात करने के लिए कोर्ट से इजाजत मांगी; 24 अप्रैल को फैसला

मुंबई आतंकी हमलों का मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा ने 22 अप्रैल को परिवार से बात करने के लिए NIA की स्पेशल कोर्ट में याचिका दाखिल की। 23 अप्रैल को इस याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान जांच एजेंसी NIA ने याचिका का विरोध किया। NIA ने कोर्ट में कहा कि अगर राणा को परिवार से बात करने की इजाजत दी गई, तो वह कोई अहम जानकारी शेयर कर सकता है। पूरी खबर पढ़ें…