पाकुड़ रेलवे स्टेशन पर रोते-बिलखते शरणार्थी।
मुर्शिदाबाद जिला के धुलियान से पाकुड़ पहुंचे मोहन मंडल की आंखों में अब भी दहशत नजर आ रही है। वो कहते हैं कि वक्फ कानून का विरोध हिंसा में बदल गया और देखते ही देखते कई दुकानें जला दी गई। ऐसा माहौल हो गया कि वहां रहना मुश्किल हो गया है। इससे बदत्तर वहां
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मोहन मंडल सोमवार को अपनी पत्नी और बच्चों के साथ एंबुलेंस में छिपकर पाकुड़ अपने रिश्तेदार के घर पहुंचे। यहां उन्होंने आपबीती सुनाई। पश्चिम बंगाल में वक्फ कानून पर हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। मुर्शिदाबाद जिले से हिंदू परिवार पलायन को मजबूर हो गए हैं। इनमें से कुछ लोग पाकुड़ पहुंचे हैं।
मुर्शिदाबाद जिला के धुलियान में उपद्रव।
रेलवे स्टेशन में रोते दिखे लोग
कुछ परिवार यहां से ट्रेन के जरिये अपने संबंधियों के घर रामपुरहाट,आसनसोल, बड़हरवा, साहिबगंज, मिर्जाचौकी और मालदा की ओर रवाना हो गए। रेलवे स्टेशन में कई परिवार जो धुलियान से पहुंचे थे, वह रोते बिलखते भी देखे गए। रोते बिलखते परिजन विभिन्न ट्रेन से अपने गंतव्य स्थल के लिए रवाना हुए। पीड़ित परिवार की महिलाओं ओर बच्चों में भय का माहौल साफ दिख रहा है।
कभी इस तरह का भयावह मंजर नहीं देखा था
पाकुड़ में भी कई रिश्तेदार धुलियान से भागकर पहुंचे हैं और शरण लिए हुए हैं। पीड़ित मोहन मंडल ने बताया कि उन्होंने धुलियान में कभी इस तरह का भयावह मंजर नहीं देखा था। चारों तरफ दहशत का माहौल है।
कई दुकानों को फूंक दिया गया, लूटपाट की गई और घरों पर हमले हुए। महिलाओं के साथ छेड़खानी की गई। गाड़ियों में तोड़फोड़ की गई। पूरा इलाका मानो युद्धभूमि में तब्दील हो गया हो। सड़कों पर पत्थर बिछ गए।
बाइक को जलाने का प्रयास किया गया मोहन मंडल ने बताया कि धुलियान में हमारी करीब 70 साल पुरानी घर और दुकान है, लेकिन जब विरोध-प्रदर्शन ने उग्र रूप लिया और दंगे भड़क उठे, तो उनकी दुकान को भी निशाना बनाया गया। सामने की दुकान में आग लगा दी गई।
मेरे घर में बाइक रखी हुई थी, उसे भी जलाने का प्रयास किया गया। सौभाग्य से पुलिस समय पर पहुंच गयी और उनकी दुकान और मोटरसाइकिल जलने से बच गई लेकिन बाइक में तोड़फोड़ कर दी गई।

पाकुड़ में अपने परिचीत के घर पर शरण लिया परिवार।
मिठाई की दुकान को लूट लिया वहीं, उनकी पत्नी पिंकी मंडल ने बताया कि हिंसा में महिलाओं और लड़कियों को विशेष कर निशाना बनाया गया है। इस कारण मैं परिवार के साथ यहां चली आई। वहां के हालात काफी खराब है।
मौके पर मौजूद सिंटू मंडल ने बताया कि मेरे भाई की मिठाई की दुकान थी। उसका शटर तोड़कर दुकान को लूट लिया गया। पूरी तरह से भय का माहौल था और किसी तरह मैं अपने परिवार के साथ यहां पाकुड़ पहुंचा हूं।