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प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के तहत बीमा राशि न मिलने पर उपभोक्ता आयोग ने अहम फैसला सुनाया। महेंद्र माली ने आयोग में परिवाद दायर कर बताया कि उनके पिता रमेशचंद्र माली 1 सितंबर 2020 को सड़क हादसे में घायल हुए थे। इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। उनका बैंक खाता बैंक ऑफ महाराष्ट्र में था। खाते के साथ प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के तहत 12 रुपए में 2 लाख रुपए का बीमा हुआ था।
बीमा अवधि में मौत होने के बावजूद बीमा कंपनी ने दावा खारिज कर दिया। अधिवक्ता अनिल औदिच्य ने बताया कि इसके बाद परिवादी ने बैंक और बीमा कंपनी के खिलाफ जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग में शिकायत दर्ज कराई। आयोग की अध्यक्ष शशिकला चंद्रा और सदस्य नेहा मिश्रा ने सुनवाई के बाद आदेश दिया कि प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना लोक कल्याणकारी योजना है।
इसके तहत बैंक और बीमा कंपनी को संयुक्त रूप से या अलग-अलग 2 लाख रुपए, मानसिक क्षति के लिए 3 हजार रुपए, वाद व्यय के रूप में 2 हजार रुपए और ब्याज सहित राशि अदा करनी होगी। इस मामले में परिवादी की ओर से अधिवक्ता अनिल औदिच्य, राहुल मीना और वीरेंद्र रघुवंशी ने पैरवी की।