मेट्रो ट्रैक के अलाइनमेंट ने शहर के तीन प्रमुख चौराहों पर फ्लायओवर की प्लानिंग को उलझा दिया है। पलासिया, विजय नगर, रेडिसन चौराहे पर फ्लायओवर बनाना आसान नहीं है। फ्लायओवर बनाते भी हैं तो लवकुश चौराहे पर बने डबलडेकर ब्रिज जितनी ऊंचाई यानी 70 फीट से ज्य
.
9 चौराहे बीआरटीएस पर एमआर-9 से नौलखा तक
4 चौराहों पर जल्द ही फ्लायओवर बनाने की जरूरत है
9 तरह के सर्वे किए ट्रैफिक फ्लो को लेकर
2 चौराहों पर अंडरपास का प्रस्ताव है
रेडिसन : मेट्रो का कर्व, अलाइनमेंट भी ठीक नहीं विजय नगर से रेडिसन तक मेट्रो ट्रैक रोड के समानांतर नहीं है। जैसी जगह मिली, उस हिसाब से ट्रैक को कर्व दे दिया है। यहां फ्लायओवर बनाने के लिए अलग से जगह नहीं है। ऐसे में फ्लायओवर मेट्रो के ऊपर या थोड़ी दूरी पर बनाना होगा। {ब्रिज इसलिए जरूरी : रिंग रोड पर वाहनों का भारी दबाव है। विजय नगर से बायपास तरफ भी ट्रैफिक फ्लो ज्यादा है।
विजय नगर : बीच चौराहे से मेट्रो ट्रैक निकल रहा यहां लवकुश चौराहे जैसी स्थिति है। सामान्य हाइट से ज्यादा यानी 70 फीट तक ऊंचाई में फ्लायओवर की प्लानिंग करना होगी। इससे लागत भी बढ़ेगी। मेट्रो से यहां का ट्रैफिक कितना कम होगा, इसके बाद ही वास्तविक एनालिसिस हो सकेगा। {ब्रिज इसलिए जरूरी : विजय नगर पर भी मधुमिलन चौराहे जैसी स्थिति हो गई है। समझ नहीं आता ट्रैफिक किधर से गुजर रहा।
पलासिया : ऊंचाई में ही फ्लायओवर बनाना होगा इंडस्ट्री हाउस से गीता भवन के पहले लंबा ग्रेड सेपरेटर प्रस्तावित किया जा रहा है, उसकी ऊंचाई बढ़ाना होगी। इस सेपरेटर की एक भुजा आनंद बाजार की ओर, एक पलासिया की ओर रहेगी। ऐसे में लंबाई बढ़ेगी, लागत बढ़ेगी। {ब्रिज इसलिए जरूरी : बीआरटीएस का अति व्यस्त चौराहा। एमजी रोड के ट्रैफिक का भी भारी दबाव रहता है।
जहां पर दिक्कतें हैं, वहां का समाधान एजेंसियों से मांगा है
^कुछ जगह फ्लायओवर में मेट्रो के कारण तकनीकी बाधाएं सामने आई हैं। सर्वे एजेंसी को उसका उपाय तलाशने के लिए कहा है। बीआरटीएस पर चार जगह फ्लायओवर जरूरी है। जल्द ही इस पर जनप्रतिनिधियों के साथ चर्चा कर निर्णय लेंगे। – आशीष सिंह, कलेक्टर