मेट्रो लाइन में बाधा बनी आजाद नगर और ईरानी डेरा के लोगों से बुधवार के जिला प्रशासन की बैठक होगी। इसमें शेष बचे अतिक्रमण को लेकर सहमति बनाई जाएगी। इसके बाद भी अगर कोई नहीं मानता है, तो प्रशासन द्वारा सख्ती की जाएगी। आजाद नगर से अब तक नगर निगम के ऑफिस
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प्रशासन यहां के 38 दुकान और मकान मालिकों को खुद ही हटने की समझाइश दे चुकी है। इसके बाद कुछ को प्रशासन ने हटाया, जबकि कुछ ने अपने अतिक्रमण हटाए हैं। इससे पहले सोमवार को इसको लेकर बैठक होने वाली थी, लेकिन किन्हीं कारणों से टल गई।
मुआवजे के लिए दे चुके हैं पैसा– जिला प्रशासन यहां के अतिक्रमण को हटाने के लिए नगर निगम को पैसे भी दे चुका है। आजाद नगर के लोगों को मुआवजा देने के लिए 19 लाख रुपए दिए गए हैं। बीते दो महीने से इसकी कवायद चल रही है।
इससे आगे इसी रूट पर ईरानी डेरा में 100 से ज्यादा दुकानें और मकान हैं। सुभाष नगर से लेकर सिंधी कॉलोनी तक अब भी आरा मशीन जैसी बड़ी से लेकर दुकान और मकान तक 250 से ज्यादा बाधाएं हैं। मेट्रो कंपनी ने आरा मशीनों की शिफ्टिंग के लिए शासन को 6.5 करोड़ रुपए दिए हैं।