झांसी मेडिकल कॉलेज में 7 जून को वार्ड से मरीज को बाहर ले जाते हुए।
झांसी के महरानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में एक दिल दहलाने वाली घटना सामने आई है। जहां सात जन्मों की साथी पत्नी ही अपने बीमार पति को छोड़कर चली गई। देखरेख के लिए 11 साल के मासूम बेटे को छोड़ गई। नर्स ने फोन लगाया तो बोली कि मुझे कोई मतलब नहीं है, मैं नह
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आइये अब पूरा मामला विस्तार से पढ़ते हैं
2 जून को भर्ती हुआ था मरीज
सीएमएस डाॅ. सचिन माहुर ने बताया- बड़ागांव निवासी सुनील गुप्ता (45) को 2 जून को परिजनों ने मेडिकॉल कॉलेज में भर्ती करवाया था। उनको टीबी की बीमारी और खून की कमी थी। मरीज को मेडिसन वार्ड 6 में भर्ती किया गया। देखरेख के लिए पत्नी रुकी थी।
5 जून को मरीज ने छुट्टी मांगी। इस पर डॉक्टरों ने डिस्चार्ज कर दिया। मगर, उससे पहले ही पत्नी अपने पत्नी को छोड़कर चली गई। वह 11 साल के मासूम बेटे को बीमार पिता के पास वार्ड में छोड़ गई। इससे मासूम बच्चा सकपका गया।
फोन पर आने से मना किया
सीएमएस डॉ. माहुर ने बताया- नर्स ने पत्नी से फोन पर बात की। तब उनसे आने से मना कर दिया और बोली कि मुझे कोई मतलब नहीं है। ऐसे में बीमार पति को वार्ड में रखा गया और बिना किसी वयस्क परिजन के इलाज चलता रहा। बच्चा अपने रिश्तेदारों को बुलाने की कोशिश करता रहा, मगर कोई नहीं आया।
7 जून को सुनील गुप्ता की बहन से फोन पर नर्स की बात हुई। बहन ने कहा कि मरीज को वार्ड के नीचे भिजवा दीजिए, हम लेने आ रहे हैं। तब मरीज को वार्ड के नीचे भेज दिया गया। जहां पर उसने दम तोड़ दिया। बाद में परिजन शव लेकर चले गए।
जांच में सामने आई हकीकत
मौत के बाद परिजनों ने आरोप लगाए कि 5 जून को डिस्चार्ज के बाद से मरीज वार्ड के बाहर पड़ा था और उसे इलाज नहीं मिला। इसलिए मरीज की मौत हो गई। इस पर सीएमएस ने रविवार को जांच की। सीएमएस डॉ. माहुर ने बताया- 7 जून तक मरीज का इलाज चला। बहन के कहने पर वार्डबॉय मरीज को बाहर छोड़ने गया। इसके सीसीटीवी फुटेज भी उपलब्ध हैं।