75 वर्षीय नरेंद्र कौर सलूजा का देहदान कराया गया।
खंडवा मेडिकल कॉलेज में एक परिवार ने फिर से मानवता की मिसाल पेश की। सात साल पहले सास का देहदान करने वाले सलूजा परिवार ने अब बहू नरेंद्र कौर सलूजा (75) का भी देहदान किया। बेटे जगदीप सिंह सलूजा ने कहा, “डॉक्टरों की मेहनत से ही मां 75 साल तक जीवित रहीं।
.
बुधवार सुबह नरेंद्र कौर सलूजा के पार्थिव शरीर को रथ वाहन से मेडिकल कॉलेज लाया गया। देहदान से पहले सिख समाज और परिवार ने मेडिकल कॉलेज परिसर में अरदास की। इसके बाद कॉलेज प्रशासन को शरीर सौंपा गया। कॉलेज के डीन डॉ. संजय दादू ने कहा कि मेडिकल छात्रों के लिए मृत शरीर उनका पहला गुरु होता है।
2018 में हुआ था जोगिंदर कौर सलूजा का देहदान। मेडिकल कॉलेज में लगी तस्वीर।
मेडिकल कॉलेज को मिला 16वां देहदान खंडवा मेडिकल कॉलेज में अब तक 16 शवों का देहदान हो चुका है। एमसीआई के नियमों के अनुसार, 150 एमबीबीएस सीट वाले कॉलेज में 15 शवों का होना अनिवार्य है। एनाटॉमी विभाग इन शवों को संरक्षित रखता है ताकि मेडिकल छात्र मानव शरीर की संरचना को बेहतर समझ सकें।

देहदान से पहले मेडिकल कॉलेज परिसर में परिवार और समाज के लोगों ने 10 मिनट तक अरदास की।
परिवार का तीसरा योगदान: पहले नेत्र अब दो देहदान सलूजा परिवार ने इससे पहले 2015 में मनजीत सिंह सलूजा के नेत्रदान किए थे। 2018 में दादी जोगिंदर कौर सलूजा का देहदान किया गया और अब 2024 में बहू नरेंद्र कौर का देहदान हुआ। मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने स्वतंत्रता दिवस पर परिवार को सम्मानित करने की घोषणा की है।

मेडिकल कॉलेज के एटोनॉमी विभाग में देहदान की प्रक्रिया पूरी की गई।