मातृ-शिशु संजीवन मिशन रणनीति दस्तावेज एवं अनमोल 2.0 पोर्टल का शुभारंभ करते मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव। साथ ही डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल और राज्य मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल।
मध्यप्रदेश में मेडिकल पर्यटन की काफी संभावना है। इसके लिए शुरुआत में प्रदेश के इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, जबलपुर जैसे बड़े नगरों में निजी क्षेत्र में अस्पतालों को प्रमोट करेंगे। इसमें ‘ए’ श्रेणी में बड़े नगर शामिल होंगे। नए अस्पताल प्रारंभ करने पर 40 प्
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मातृ-शिशु संजीवन मिशन रणनीति दस्तावेज एवं अनमोल 2.0 पोर्टल का के शुभारंभ अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने यह घोषणा की है। डॉ. यादव ने कहा कि एयर एम्बुलेंस का संचालन भी दो स्तर पर हो रहा है। प्रदेश में जहां हवाई पट्टियां हैं, वहां जहाज की व्यवस्था कर गंभीर और दुर्घटनाग्रस्त रोगियों को बड़े चिकित्सा संस्थानों तक पहुंचाने का कार्य हो रहा है। जहां हेलीपैड हैं वहां से हेली सेवा प्रारंभ की गई है। हाल ही में भोपाल एम्स के एक चिकित्सक को आपात अवस्था में विमान द्वारा चेन्नई भिजवाने की व्यवस्था की गई। जिले में चिकित्सक के परामर्श और कलेक्टर के माध्यम से यह सेवा उपलब्ध करवाई जा रही है। आयुष्मान कार्ड धारकों को विमान और हेलिकॉप्टर सेवा नि:शुल्क उपलब्ध करवाई जा रही है। एलोपैथीके साथ ही आयुष, प्राकृतिक चिकित्सा और अन्य चिकित्सा पद्धतियों को भी बढ़ावा दिया जा रहा है।
हेल्थ सेक्टर में सुधार चुनौती -राजेंद्र शुक्ल
इस मौके पर उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य पर केंद्रित यह कार्यक्रम सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है। मध्यप्रदेश के हेल्थ सेक्टर मेंआईएमआर और एमएमआर में सुधार महत्वपूर्ण चुनौती है। पूर्व में भी प्रयास हुए हैं। 20 वर्षों में एमएमआर 400 से 173 हो गई है। आईएमआर 80 से 43 हो गई है। एनएमआर 60 से घटकर 31 हुई है। वर्ष 2030 तक एमएमआर को 100 से कम करने और आईएमआर को 20 से कम करने के योजनाबद्ध प्रयास करेंगे।
मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य संजीवन मिशन रोडमैप बनाया
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि सुधार लाने के लिए विषय विशेषज्ञों और रिसर्च प्रोफेशनल्स द्वारा समस्याओं का चिह्नांकन कर उनमें सुधार के लिए मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य संजीवन मिशन का रोड मैप बनाया गया है। इसके साथ ही गर्भवती महिलाओं और शिशुओं के पंजीयन और उनके स्वास्थ्य की सघन निगरानी के लिए अनमोल 2.0 (एएनएम ऑनलाइन 2.0) ऐप और वेब पोर्टल लॉन्च किया गया है। इसमें लगभग 20 हजार एएनएम को मैप किया गया है। आगामी समय में आशा कार्यकर्ता और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को भी मैप करने के प्रयास किए जाएंगे। गर्भवती महिलाओं के शत-प्रतिशत पंजीयन और नियमित एएनसी जांच से हाई रिस्क प्रेग्नेंसी का समय से चिह्नांकन कर आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं के सही समय में प्रदाय की व्यवस्था की जाएगी।
सिर्फ 60 फीसदी गर्भवती महिलाएं ही रजिस्टर्ड
उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने कहा कि यह चिंता का विषय है कि प्रदेश में सिर्फ 60 प्रतिशत गर्भवती महिलाओं का पंजीयन किया जा रहा है। इनमें से 20 प्रतिशत गर्भवती महिलाएं समय से अपनी जांच नहीं करवा रही हैं। उन्होंने आह्वान किया कि गर्भवती महिलाएं लापरवाही न कर आवश्यक रूप से समय अनुसार नियमित रूप से एएनसी जांच कराएं।
लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा राज्य मंत्री नरेन्द्र शिवाजी पटेल ने कहा कि इन प्रयासों से प्रदेश में स्वास्थ्य मानकों में अपेक्षित सुधार होगा। प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा संदीप यादव ने बताया कि अनमोल 2.0 ऐप से गर्भवती महिलाओं के पंजीयन, एएनसी चेक-अप, प्रसूति सहायता योजना और अन्य योजनाओं से हितलाभ प्रदाय की बेहतर मॉनिटरिंग की जा सकेगी।