मेरठ के MBA स्टूडेंट की अहमदाबाद में पुलिस कॉन्स्टेबल ने हत्या की थी। उसे चाकू से गोद दिया था। 10 नवंबर को बॉडी मिलने के बाद अहमदाबाद पुलिस कातिल को ढूंढ रही थी। बुधवार को पंजाब से कॉन्स्टेबल को अरेस्ट कर लिया गया।
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अहमदाबाद क्राइम ब्रांच के मुताबिक, इसी कॉन्स्टेबल वीरेंद्र सिंह पढियार ने स्टूडेंट को मार डाला था। कॉन्स्टेबल उस दिन छुट्टी पर था। पूछताछ में उसने कबूल किया कि गाड़ी तेज चलाने पर स्टूडेंट ने मुझे टोका था। मना करने पर भिड़ा, यही मुझे पसंद नहीं आया। इसलिए मार डाला।
वीरेंद्र सिंह पढियार के सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट तस्वीरों में क्षत्रिय समाज को लेकर संदेश दिए गए हैं।
वीरेंद्र सिंह अहमदाबाद की सरखेज पुलिस स्टेशन की इन्वेस्टिगेशन टीम में तैनात है। वीरेंद्र को पता था कि इस हत्या के बाद उसकी लोकेशन ट्रेस हो सकती है। इसलिए वह पंजाब भाग गया था। वहां एक होटल में रूम लेकर रहने लगा। इस दौरान मोबाइल भी स्विच ऑफ कर लिया था। लेकिन, टोल के CCTV और लोकेशन का पीछा करती हुई क्राइम ब्रांच पंजाब पहुंची और वहां से वीरेंद्र को पकड़ लिया। अब उसे अहमदाबाद लाया जा रहा है। कोर्ट में पेश करने के बाद पुलिस आरोपी को जेल भेजेगी। मेरठ में छात्र के परिवार को इस बारे में बता दिया गया है।
अब पूरा मामला विस्तार से पढ़िए…

हत्या के 3 दिन बाद भी प्रियांशु की मां रोते-रोते बेसुध हो जाती हैं। पूरा परिवार बेटे की मौत से दुखी है।
मेरठ के कारोबारी का बेटा था प्रियांशु, दिवाली पर घर आया था मेरठ के तिरुपति गार्डन, रुड़की रोड पर रहने वाले पंकज जैन बिजनेसमैन हैं। उनकी शारदा रोड पर ट्रैक्टर स्पेयर पार्ट्स की फैक्ट्री है। मां रीनू जैन गृहिणी हैं। इनका इकलौता बेटा प्रियांशु जैन (23) अहमदाबाद में MICA कॉलेज से MBA कर रहा था।
परिवार के लोगों ने बताया- प्रियांशु 2 साल पहले MBA करने अहमदाबाद गया था। अभी दिवाली पर वह मेरठ अपने घर त्योहार मनाने आया था। 4 नवंबर को फेस्टिवल सेलिब्रेट करने के बाद अहमदाबाद लौट गया था।

अहमदाबाद से लाश 24 घंटे बाद ही मेरठ पहुंची, तब उसका अंतिम संस्कार किया गया।
प्रियांशु ने मिठाई खाने के लिए बुलेट रोकी थी अहमदाबाद में रविवार रात वह अपने दोस्त के साथ बुलेट से जा रहा था। सूट की नाप देने के बाद प्रियांशु और पृथ्वीराज नाश्ता करने के लिए वकील बृज के पास गए। नाश्ता करने के बाद दोनों कॉलेज जा रहे थे। जब वे सन साउथ स्ट्रीट परिसर में पहुंचे, तो प्रियांशु को मिठाई खाने की इच्छा हुई। दोनों ने बेकरी पर बुलेट रोकी और केक लेने पहुंच गए।
जब वे केक लेकर हॉस्टल जा रहे थे, तभी एक तेज रफ्तार कार उनके पास से गुजरी। इस पर प्रियांशु ने ड्राइवर से कहा- इतनी जोर से क्यों गाड़ी चला रहे हो? इसके बाद ड्राइवर ने बुलेट का पीछा किया और प्रियांशु से कहा- रुक-रुक क्या बोला तूने? रुक अभी तुझे दिखाता हूं।
इस पर पृथ्वीराज ने बुलेट रोक दी और ड्राइवर ने भी अपनी गाड़ी रोक दी। इसके बाद चालक कार से उतरकर पृथ्वीराज के पास आया। उसने कहा- तुम लोग गलत साइड में हो, तो मैं जोर से नहीं चलूंगा? चालक की बात सुनकर प्रियांशु और पृथ्वीराज चौंक गए।
इसके बाद ड्राइवर ने प्रियांशु को धक्का दे दिया और बाद में दोनों के बीच झगड़ा हो गया। ड्राइवर ने प्रियांशु को धमकी दी कि रुक अभी तुझे दिखाता हूं। यह कहकर वह कार के पास गया और दो चाकू लेकर आया। फिर प्रियांशु पर कई वार कर दिए। इसमें प्रियांशु की मौत दो गई।

बहन और परिवार वालों के साथ की प्रियांशु की सेल्फी। (फाइल फोटो)
स्कूल में फुटबॉल टीम का कैप्टन था प्रियांशु प्रियांशु ने 2017 में इंटर की पढ़ाई सेंट मेरीज स्कूल आईसीएसई बोर्ड से कॉमर्स स्ट्रीम के साथ पूरी की थी। इसके बाद सूरत से उसने बीबीए किया। एमबीए इंट्रेस एग्जाम क्लियर कर उसे अहमदाबाद के माइका में एडमिशन मिला। शुरू से पहले स्कूल टॉपर रहा।
माइका में भी पिछले दो सालों से प्रियांशु काफी अच्छा स्कोर ला रहा था। सेंट मेरीज स्कूल की एल्युमिनी का भी मेंबर था। साथ ही स्कूल में फुटबॉल टीम का कैप्टन रहा है। बचपन से ही प्रियांशु को फुटबॉल खेलने का शौक था। माइका में भी इंटर हॉस्टल स्पोर्ट्स में वो मैडल जीत चुका था।
मां रेनू ने कहा था- सरकार, कानून मेरा बेटा वापस कर दे

प्रियांशु की मां अभी भी बेटे को याद कर फूट-फूट कर रोने लगती हैं।
प्रियांशु की मां रेनू का कहना है- प्रियांशु कहता था, 2025 में नए साल पर अपनी जॉब के साथ घर आऊंगा। उसके कॉलेज में प्लेसमेंट चल रहे थे। वो इतना होनहार था कि उसे एसेंचर कंपनी से जॉब ऑफर आ गया था। लेकिन किस्मत ने इन सबसे पहले ही मेरा बेटा छीन लिया। उसके सारे सपने अधूरे रह गए। घर में उसका कमरा खाली पड़ा है।
लोग मुझसे कह रहे हैं कि मैं क्या चाहती हूं। मैं अपना बेटा वापस चाहती हूं। मैं सरकार और कानून से अपना बेटा वापस चाहती हूं। मेरा बेटा मिल जाएगा, तभी मुझे न्याय मिलेगा। जब मेरा बेटा ही नहीं मिलेगा तो मुझे कौन सा न्याय मिला। कोई कैसे दो-दो चाकुओं से किसी को इस तरह मार सकता है।
पिता पंकज जैन बोले- गुजरात पीएम मोदी का स्टेट है, हमें न्याय मिलना चाहिए

पिता पंकज जैन कहा था- मेरा बेटा दिवाली के बाद ही अहमदाबाद लौटा था। हम तो न्याय चाहते हैं। आरोपी को सजा मिले, वो पकड़ा जाए। बहुत निर्मम हत्या हुई है। जरा-सी बात पर इस तरह हत्या करना, क्रिमिनल ही तो गाड़ी में दो-दो चाकू रखता है। हम और आप थोड़े रखते हैं।
अहमदाबाद तो होम मिनिस्टर अमित शाह का संसदीय क्षेत्र है। गुजरात पीएम मोदी का स्टेट है, वहां हमें न्याय मिलना चाहिए। होम मिनिस्टर खुद इस मैटर को देखें। मेरे बेटे को न्याय मिले, आरोपी पकड़ा जाए।
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अब परिवार का दर्द भी पढ़िए…
मोदीजी… मेरे बेटे के हत्यारे को सजा दिलाइए, मेरठ के MBA स्टूडेंट के माता-पिता का दर्द, बोले- डंडे मार लेता, बच्चा तो जिंदा रहता

बड़ी मन्नतों से भगवान ने एक बेटा दिया था, वो भी छीन लिया। मेरे बेटे ने उसका क्या बिगाड़ा था…। अगर उस हत्यारे के मन में गुस्सा था, तो मेरे बेटे को डंडे से मार लेता। कम से कम मैं इलाज कराकर अपने बेटे को अपने पास रख लेती। लेकिन, उसने तो उसे बुरी तरह चाकू से गोद दिया। ऐसे कौन मारता है?
ये दर्द है प्रियांशु की मां रेनू का। प्रियांशु मेरठ के रहने वाला था। अहमदाबाद के MICA में MBA की पढ़ाई करने गया था। वहां पर उसकी हत्या कर दी गई। रेनू कहती हैं- अभी 6 सितंबर को हमने उसका 24वां बर्थडे सेलिब्रेट किया। भाई दूज पर अपनी बहन से इसी घर से तिलक कराकर गया। पढ़िए पूरी खबर…