मेरठ जेल में अलग-अलग बैरक में 14 दिन से बंद साहिल और मुस्कान का आखिरकार आमना-सामना हो गया। 2 अप्रैल को वर्चुअल पेशी के लिए उन्हें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग रूम में लाया गया था।
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दोनों की वकील रेखा जैन कोर्ट रूम में केस की डिटेल रखने के लिए तैयार थीं। जज ने साहिल और मुस्कान के नाम पूछे। केस की डिटेलिंग कोर्ट के पटल पर रखी जाती, इससे पहले ही जज ने 15 अप्रैल की डेट दे दी।
इस पेशी से पहले और फिर बाद में साहिल और मुस्कान का बिहेवियर (हाव-भाव) क्या रहा? क्या दोनों की कोई बातचीत भी हुई? इसके लिए दैनिक भास्कर ने जेल अधीक्षक और सोर्सेज से बात की। पढ़िए रिपोर्ट…
साहिल और मुस्कान की अरेस्टिंग के बाद 18 मार्च को दोनों को पुलिस सामने लाई थी।
बैरक से कॉन्फ्रेंस रूम तक लाए, एक-दूसरे को देखा 1 अप्रैल, 2025 को साहिल और मुस्कान की न्यायिक हिरासत के 14 दिन पूरे हो गए। पुलिस ने कस्टडी रिमांड की अर्जी नहीं लगाई। ऐसे में न्यायिक हिरासत बढ़ाने के लिए दोनों को कोर्ट में पेश किया जाना था।
जेल प्रशासन की तरफ से सिक्योरिटी रीजन का हवाला देते हुए ऑनलाइन पेशी कराने के लिए कहा गया। 2 अप्रैल की सुबह 11.30 बजे कोर्ट पेशी के लिए मुस्कान को महिला बैरक और साहिल को पुरुष बैरक से बाहर लाया गया। दोनों बैरक अलग-अलग हैं, इसलिए दोनों का आमना-सामना नहीं हुआ।
महिला और पुरुष वार्डन उन्हें लेकर पैदल चलते हुए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग रूम तक पहुंचे। इस कमरे में पहले से वरिष्ठ जेल अधीक्षक, जेलर, जेल सिक्योरिटी के जवान मौजूद थे।
करीब 12 बजे पुरुष और महिला वार्डन साहिल और मुस्कान को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग रूम में लेकर पहुंचे। यह पहला मौका था, जब दोनों आमने-सामने आए। मुस्कान ने जैसे ही साहिल को देखा, वह इमोशनल होने लगी। महिला वार्डन ने उसे रोका। साहिल ने भी मुस्कान से बात करने का प्रयास किया।
वह एक दूसरे के करीब आने के लिए आगे बढ़े, मगर जेल पुलिस ने उन्हें अपनी तरफ खींच लिया। मुस्कान के लिए यह पहला मौका था, जब वह साहिल को छोटे बालों में देख रही थी। दोनों की आंख में आंसू थे। ये आंसू क्यों थे, इसकी वजह तलाशना मुश्किल था। संभव है कि उन्हें सौरभ को मारने का पश्चाताप हुआ था या एक-दूसरे को देखकर प्यार उमड़ रहा था।

ये मेरठ जिला जेल है। यहां कैदियों-बंदियों से मुलाकात के लिए लोगों की लाइन लगी है।
जज ने नाम पूछे, फिर तारीख लगा दी पेशी का समय हो गया था। दोनों को कैमरे के सामने लाया गया। जज ने पहले दोनों से उनके नाम पूछे। दोनों ने माइक पर अपने नाम बताए। कोर्ट में रेखा जैन भी मौजूद थीं। जज ने दोनों की तरफ देखा और फिर कहा, ’15 अप्रैल को दोबारा पेशी होगी।’ मतलब, साहिल और मुस्कान को अगले 13 दिन जेल में ही रहना होगा।
जज के इतना कहने के साथ ही मुस्कान और साहिल को कैमरे के सामने से हटा लिया गया। महिला पुलिस मुस्कान को, जबकि पुरुष पुलिस साहिल को पकड़कर वापस बैरक में लेकर जाने लगे।
दोनों ने हाथ पकड़ने का प्रयास किया, जवानों ने पीछे खींचा इस दौरान दोनों ने एक बार फिर एक-दूसरे का हाथ पकड़ने का प्रयास किया। वो बात करना चाहते थे। मगर जवान उनको पकड़कर उनकी बैरकों के पास लेकर जाने लगे। मुस्कान ने महिला पुलिस से कहा- मुझे साहिल से बात करनी है, सिर्फ 2 मिनट के लिए। वह कह रही थी कि हम पति–पत्नी हैं… हमने शादी की है। हम बात तो कर ही सकते हैं।
जेल पुलिस ने दोनों को समझाया कि कोर्ट की अनुमति के बिना मुलाकात नहीं हो सकती है। ऐसा कानून नहीं है। इसके बाद उन्हें उनकी बैरकों की तरफ ले जाया गया।

26 मार्च को साहिल की नानी उससे मिलने जेल आईं थी। वह एकमात्र शख्स हैं, जिन्होंने उससे मुलाकात की है।
महिला बंदियों के साथ जेल में पढ़ रही सुंदरकांड इधर, महिला बंदियों की बैरक का माहौल थोड़ा आध्यात्मिक हो चुका है। मंगलवार और बुधवार की शाम को सुंदरकांड का पाठ किया गया। इससे पहले मुस्कान एक बुजुर्ग महिला बंदी की मदद से रामायण सुन रही थी। बैरक की निगरानी महिला पुलिस कर रही है।
नशे की लत की वजह से 15 दिन इलाज और चलेगा साहिल और मुस्कान, दोनों नशा करते थे। जेल जाने के बाद वह नशा करने के लिए काफी परेशान दिखे थे। साथी बंदियों से भी वह इस बारे में पूछ रहे थे। ऐसे में जेल के अंदर दोनों की अलग-अलग काउंसिलिंग करवाई गई थी। उन्हें कुछ दवाएं भी दी जा रही हैं। इसके बाद काफी हद तक सुधार आया।
जेल प्रशासन के मुताबिक, करीब 15 दिन तक दोनों का इलाज जारी रखा जाएगा। जेल अधीक्षक के मुताबिक, कई बंदियों को 1 से 2 साल भी लग जाते हैं।
सौरभ की मां बोलीं- अलग-अलग जेल में साहिल, मुस्कान को शिफ्ट करें इधर, सौरभ की मां रेनू ने मांग की है कि साहिल और मुस्कान को एक ही जेल की महिला और पुरुष बैरकों में अलग-अलग रखा गया है, जबकि उन्हें अलग-अलग जेल में ट्रांसफर करना चाहिए। उन्होंने कहा- हम अपने वकील के जरिए इसकी डिमांड करेंगे, ताकि मेरे बेटे को मारने वाले कभी आपस में मिल न सकें।

जेल अधीक्षक ने कहा- साहिल और मुस्कान के केस में विशेष ध्यान रखा जा रहा है। जो भी जेल मेन्युअल कहता है, उसी अनुसार काम हो रहे हैं।
जेल अधीक्षक बोले- जो नियम, वही लोग मिल पा रहे मेरठ जिला जेल के वरिष्ठ जेल अधीक्षक डॉ. वीरेश राज शर्मा ने कहा, नियम यही है कि जेल के अंदर बंदियों से उनका वकील या ब्लड रिलेशन वाले लोग ही मिल सकते हैं। मुस्कान और साहिल की उनकी वकील से बात कराई जा रही है। साहिल से मिलने उसकी नानी आई थीं, उनसे भी मिलवाया गया। मुस्कान से मिलने अब तक कोई नहीं आया।
उन्होंने कहा- पति और पत्नी की जेल में मुलाकात का प्रावधान है, सामान्य लोग जिस तरह से बंदियों से मिलते है, उसी प्रक्रिया से पति और पत्नी भी मिल सकते हैं। मगर मुस्कान-साहिल के पति-पत्नी होने का वैधानिक प्रमाण सामने नहीं आया है, इसलिए जेल में इन दो बंदियों की मुलाकात नहीं करवाई जा रही है।
3 मार्च की रात साहिल-मुस्कान ने सौरभ को मार डाला साहिल और मुस्कान पर आरोप हैं कि दोनों ने मिलकर 3 मार्च की रात को सौरभ को मार डाला। उसकी लाश के 4 टुकड़े करके प्लास्टिक के ड्रम में सीमेंट से जमा दिया था। इसके बाद दोनों उत्तराखंड और हिमाचल घूमने चले गए। वह 13 दिन तक घूमते रहे और 17 मार्च को मेरठ लौटे। इसके बाद परिवार तक पूरा मामला पहुंचने के बाद पुलिस जांच शुरू हुई और सौरभ की कटी हुई लाश उसके इंद्रानगर वाले घर से बरामद हुई। पुलिस ने साहिल और मुस्कान को अरेस्ट करके जेल भेज दिया।
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