10 मिनट पहले
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को दो दिन के मॉरीशस दौरे पर पहुंचे। इस दौरान पीएम मोदी ने भोजपुरी भाषा में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर ट्वीट किया।

दरअसल, मॉरीशस में भोजपुरी भाषा काफी पॉपुलर है। यहां भोजपुरी भाषियों तक अपनी बात पहुंचाने के लिए नेता भी अपने चुनावी प्रचार में भोजपुरी का इस्तेमाल करते हैं। मॉरीशस के अलावा नेपाल और फीजी में भी भोजपुरी बोली जाती है।
यूपी-बिहार के मजदूरों के साथ मॉरीशस पहुंची भोजपुरी
करीब 190 साल पहले भारत से एटलस नाम का जहाज 2 नवंबर 1834 को भारतीय मजदूरों को लेकर मॉरीशस पहुंचा था। इन्हें गिरमिटिया मजदूर कहा जाता था यानी समझौते के आधार पर लाए गए मजदूर। इन्हें लाने का मकसद मॉरीशस को एक कृषि प्रधान देश के रूप में विकसित करना था।
अंग्रेज 1834 से 1924 के बीच भारत के कई मजदूरों को मॉरीशस ले गए। इन मजदूरों में 80% तक बिहार से थे जो मुख्य रूप से भोजपुरी भाषा का इस्तेमाल करते थे। ये मजदूर मॉरीशस में ही बस गए और इनके साथ भोजपुरी भाषा भी वहां बस गई।

मॉरीशस में खेती करने के लिए भारत से मजदूर ले जाए गए थे। इनमें ज्यादातर मजदूर यूपी-बिहार से थे।
भोजपुरी लिरिक्स वाला चटनी म्यूजिक
ब्रिटिश काल में यूपी-बिहार के काफी मजदूरों को कैरिबियन देशों में काम करने के लिए भेजा जाता था। ये मजदूर वहां गन्ने के खेतों में काम करते थे जहां पहले से कई अफ्रीकी स्लेव्स भी काम करते थे। दो अलग-अलग कल्चर और भाषा वाले लोग मिले।
भारतीय महिलाएं शाम को अपने घरों में ढोलक, हार्मोनियन जैसे म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट्स के साथ गीत गाती थीं। अफ्रीकियों को वो भाषा तो समझ नहीं आती, मगर ये सब उन्हें अच्छा लगता। धीरे-धीरे दोनों कम्यूनिटीज ने घुलना-मिलना शुरू किया और इस तरह कैरिबियन म्यूजिक के साथ भोजपुरी गीतों का फ्यूज़न हुआ।
इसे चटनी म्यूजिक नाम मिला। मॉरीशस, ट्रिनिडार्ड एंड टोबैगो, गुयाना, सुरीनाम और जमैका जैसे देशों में ये म्यूजिक काफी पॉपुलर है।

मध्य-प्रदेश से भोजपुरी का अनोखा कनेक्शन
कहा जाता है कि मध्य काल में मध्य प्रदेश के भोजपुर से कुछ भोजवंशी राजा बिहार गए और वहां जाकर उन्होंने भोजपुर नाम का ही एक गांव बसाया। यहीं से भोजपुरी भाषा की उत्पत्ति हुई और गांव के नाम पर भाषा का नाम रखा गया। वर्तमान में आरा जिले के बक्सर में भोजपुर एक बड़ा परगना है।
पहले भोजपुरी भाषा को कैथी लिपी में लिखा जाता था। लेकिन 1894 से भोजपुरी के लिए मुख्य रूप से देवनागरी भाषा का इस्तेमाल किया जाने लगा।

पहले भोजपुरी भाषा कैथी लिपी में लिखी जाती थी।
रील्स पर पॉपुलर हुए भोजपुरी गाने
भारत में आज भोजपुरी की फिल्म इंडस्ट्री और म्यूजिक इंडस्ट्री है। भोजपुरी गाने इतने पॉपुलर हो रहे हैं कि सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर्स तक इनपर रील्स बना रहे हैं।

करियर के ढेरों मौके देती है भोजपुरी
भोजपुरी भाषा में करियर के काफी ऑप्शन्स हैं। भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री, म्यूजिक इंडस्ट्री के अलावा वेब शोज भी भोजपुरी भाषा में बन रहे हैं। इसके अलावा दूसरी भाषाओं जैसे हॉलीवुड की फिल्मों की डबिंग भी आजकल भोजपुरी में हो रही है। आइपीएल में क्रिकेट कमेंट्री से लेकर फिल्मों की डबिंग तक आजकल सब भोजपुरी में हो पा रहा है।
भोजपुरी भाषा के साथ ये करियर ऑप्शन्स चुन सकते हैं….
- वॉइस ओवर आर्टिस्ट
- भोजपुरी एडवर्टाइजिंग इंडस्ट्री
- आइपीएल कमेंट्री
- डबिंग
- ट्रांसक्रिप्शन
- ट्रांसलेशन
- म्यूजिक कंपोजर
- सिंगर
- एक्टर
- राइटर- डायरेक्टर
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