Saturday, June 7, 2025
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मोबाइल टावर लगाने के नाम पर फ्रॉड: लोगों से ₹5,000 का डिपॉजिट मांग रहे जालसाज, दूरसंचार विभाग ने कहा- नोटिस फेक है


नई दिल्ली17 मिनट पहले

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दूरसंचार विभाग (DoT) ने लोगों को मोबाइल टावर लगाने के नाम पर हो रही धोखाधड़ी के खिलाफ आगाह किया है। जालसाज लोगों को मैसेज भेजकर टावर लगाने के बदले पैसे वसूल रहे हैं।

न्यूज एजेंसी PIB फैक्ट चेक ने इन मैसेज को फर्जी बताते हुए लोगों से सावधान रहने की सलाह दी है। DoT ने कहा है कि उसकी और भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (TRAI) की तरफ से इस तरह का कोई मैसेज नहीं भेजा गया है।

नोटिस भेजकर 5,000 डिपॉजिट मांग रहे जालसाज साइबर अपराधी लोगों को मंथली किराया देने के बदले घर की छत या खाली जमीन पर मोबाइल टावर लगवाने का लालच देते हैं। उनके द्वारा ऐसा लेटर तैयार किया जाता है, जो सरकारी आदेश की तरह नजर आता है। इसकी भाषा भी बिल्कुल सरकारी दस्तावेज की तरह लगती है।

इसमें टावर लगवाने के बदले 5,000 रुपए कंपनी के वकील के खाते में जमा कराने को कहा जाता है। कुछ लोग इस झांसे में आकर ठगी का शिकार हो रहे हैं।

मोबाइल टावर लगाने के लिए कोई NOC जारी नहीं की जाती

TRAI ने कहा कि उसकी तरफ से मोबाइल टावर लगाने के लिए कोई NOC जारी नहीं की जाती है। अगर, इस तरह का कोई मैसेज आपको मिलता है तो यह पूरी तरह से फर्जी है।

TRAI ने कहा कि इस तरह का मैसेज आने पर किसी तरह का लेन-देन करने से बचें। आप संबंधित मोबाइल सर्विस प्रोवाइडर को इस बारे में सूचित करें। दूरसंचार विभाग की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर भी चेक कर सकते हैं और थाने में फ्रॉड की शिकायत दर्ज कराएं।

आइए जानते हैं मोबाइल टावर लगाने के नाम पर हो रही ठगी से खुद को कैसे बचाएं और मोबाइल टावर लगवाने का सही प्रोसेस क्या है…

सवाल- मोबाइल टावर के नाम पर साइबर ठग लोगों को कैसे अपने जाल में फंसाते हैं?

जवाब- साइबर ठग लोगों को उनकी जमीन या छत पर टावर लगवाने के बदले हर महीने मोटी कमाई का झांसा देते हैं। इसके साथ ही टेलिकॉम कंपनी की तरफ से एक व्यक्ति को नौकरी देने का भी वादा करते हैं। यही वजह है कि लोग आसानी से उनके झांसे में आ जाते हैं और ठगी का शिकार हो जाते हैं।

सवाल- मोबाइल टावर के नाम पर होने वाले स्कैम से कैसे बच सकते हैं?

जवाब- मोबाइल टावर स्कैम में सबसे पहले स्कैमर्स टेलिकॉम कंपनी का प्रतिनिधि होने का दावा करते हैं। इसके बाद वह कंपनी की पॉलिसी के नाम पर आपको नौकरी या बिना कुछ किए मोटी कमाई करने का लालच देते हैं।

जब आप एक बार उनके झांसे में आ जाते हैं तो वह कंपनी में रजिस्ट्रेशन करने के नाम पर आपसे फाइल चार्ज मांगते हैं।

हमेशा ध्यान रखें कि कभी भी टेलिकॉम कंपनी किसी को इस तरह फोन करके मोबाइल टावर लगाने का ऑफर नहीं देती है। अगर आपके पास ऐसा कोई कॉल आए तो उसके झांसे में न आएं। इसके अलावा नीचे ग्राफिक में दी गई कुछ बातों का जरूर ध्यान रखें।

सवाल- मोबाइल टावर लगवाने का सही तरीका क्या है?

जवाब- अगर आप अपने प्लॉट या छत पर मोबाइल टावर लगवाना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको टावर ऑपरेट करने वाली कंपनी से संपर्क करना होगा। इसके लिए टावर ऑपरेट कंपनी के ऑफिस जाना होगा। साथ ही ऑनलाइन वेबसाइट पर भी विजिट कर सकते हैं। इसके बाद कंपनी के प्रतिनिधि आपकी प्रॉपर्टी का इंस्पेक्शन करेंगे।

मोबाइल टावर को लेकर सरकार द्वारा कुछ नियम तय किए गए हैं। इन नियमों के आधार पर ये तय होता है कि आपकी प्रॉपर्टी में टावर लग सकता है या नहीं। इसे नीचे पॉइंटर्स से समझिए-

  • मोबाइल टावर लगाने के लिए प्रॉपर्टी के 100 मीटर के दायरे में कोई हॉस्पिटल नहीं होना चाहिए।
  • अगर आप गांव में मोबाइल टावर लगवाना चाहते हैं तो न्यूनतम 2500 स्क्वायर फीट खाली जमीन होनी चाहिए। जबकि शहर के लिए 2000 स्क्वायर फीट की खाली जमीन होनी जरूरी है।
  • बिल्डिंग की छत पर टावर लगवाने के लिए कम-से-कम 500 स्क्वायर फीट की जगह होनी चाहिए।
  • इनके अलावा जरूरी डॉक्यूमेंट्स का वेरिफिकेशन किया जाता है। इसके बाद कंपनी द्वारा टावर लगवाने से संबंधित एग्रीमेंट साइन कराया जाता है।

सवाल- क्या मोबाइल टावर लगाने के लिए कोई सिक्योरिटी मनी भी जमा करनी होती है?

जवाब- बिल्कुल नहीं। अगर कोई मोबाइल कंपनी आपकी जमीन पर मोबाइल टावर लगा रही है तो वह किसी भी प्रकार की सिक्योरिटी मनी या फिर पैसे की डिमांड नहीं कर सकती है। इसका सारा खर्च मोबाइल कंपनी के द्वारा ही वहन किया जाता है।

सवाल- मोबाइल टावर लगवाने के लिए क्या परमिशन लेनी पड़ती है?

जवाब- भारतीय टेलिग्राफ राइट ऑफ वे (संशोधन) नियम 2022 के मुताबिक, निजी संपत्ति पर मोबाइल टावर लगाने के लिए किसी प्राधिकरण से मंजूरी लेने की जरूरत नहीं है। हालांकि टावर लगाने वाली कंपनी को स्थानीय प्रशासन को इसकी लिखित जानकारी देनी होती है।

सवाल- मोबाइल टावर लगवाने पर कितना किराया मिलता है?

जवाब- इसके लिए टेलिकॉम कंपनी की तरफ से करीब 5000 रुपए से लेकर 60 हजार रुपए तक मासिक किराया मिलता है। यह किराया आपके शहर, जमीन की लोकेशन, ऊंचाई आदि के आधार पर तय होता है।

सवाल- अगर मोबाइल टावर से जुड़ी ठगी का शिकार हो जाएं तो क्या करें?

जवाब- इस तरह का फ्रॉड होने पर सबसे पहले स्थानीय पुलिस को इसकी सूचना दें। इसके बाद साइबर क्राइम की वेबसाइट या नेशनल हेल्पलाइन नंबर 1930 पर इसकी शिकायत दर्ज कराएं। साइबर पुलिस इस मामले में आपकी मदद करेगी।

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