मोहाली पुलिस पर हिरासत में एक युवक के साथ बर्बरता करने का आरोप लगा है। बताया गया है कि पुलिस ने उसे अवैध रूप से उठाया, बिजली के झटके दिए, और कपड़े उतरवाकर उसकी वीडियो भी बनाई। अब इस मामले में पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। हाईकोर्ट
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SSP को हलफनामा दाखिल करने के आदेश
हाईकोर्ट के जज कीर्ति सिंह ने कहा कि इस केस में पुलिस अफसरों के गंभीर गलत कामों के आरोप लगे हैं। इसलिए साफ और निष्पक्ष जवाब जरूरी है। SSP मोहाली को कोर्ट में हलफनामा (लिखित जवाब) दाखिल करने को कहा गया है।
दीपक पारीक एसएसपी मोहाली।
जब युवक को अदालत में पेश किया गया तो उसके शरीर पर चोटें साफ नजर आ रही थीं। इसलिए ट्रायल कोर्ट ने मेडिकल बोर्ड से जांच करवाने के लिए कहा था। लेकिन वकील ने बताया कि युवक को जांच के लिए ले जाने की बजाय फिर से थाने ले जाकर धमकाया गया।
याचिका में ये लगाए आरोप
याचिका दाखिल करने वाले युवक के वकील ने कोर्ट को बताया युवक को 7 अप्रैल की शाम गुरुद्वारे के बाहर से कुछ पुलिसकर्मियों ने जबरदस्ती उठाया। उसे सनेटा थाने ले जाया गया, जहां बिजली के झटके दिए गए और बुरी तरह मारा गया। उसके कपड़े उतरवाकर वीडियो भी बनाई गई और आगे भेजी गई। फिर 8 अप्रैल को झूठी FIR दर्ज की गई ताकि उसे फंसाया जा सके। मेडिकल जांच सिर्फ दिखावे के लिए की गई।
मेडिकल से मना करने को किया मजबूर
वकील ने बताया कि 12 अप्रैल को युवक को सिविल अस्पताल ले जाया गया, जहां उससे यह लिखवाया गया कि वह मेडिकल नहीं करवाना चाहता। उसे और उसके परिवार को धमकाया गया कि अगर मेडिकल करवाया तो अंजाम बुरा होगा। वकील ने यह भी कहा कि युवक को न तो उसकी गिरफ्तारी की जानकारी दी गई और न ही FIR की कॉपी सौंपी गई।