दिसंबर की शुरुआत के साथ ही सर्दी ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। रविवार-साेमवार की दरमियानी रात इस सीजन की सबसे ठंडी रात रही। शासकीय जीवाजी वेधशाला के अनुसार इस दौरान न्यूनतम तापमान 9.8 डिग्री पर पहुंच गया। ऐसा दिसंबर के दो साल के रिकॉर्ड में दूस
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मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार उत्तरी हवा के प्रभाव से सर्दी में बढ़ोतरी हुई है। यही कारण है कि रात के साथ दिन में भी सर्द हवा महसूस हो रही है। शाम ढलने के बाद इनकी रफ्तार बढ़ रही है। अलसुबह और मध्यरात्रि में हल्का कोहरा भी छाने लगा है हालांकि दिन की शुरुआत से लेकर दोपहर बाद तक धूप निकल रही है लेकिन उसके तेवर ज्यादा तीखे नहीं हैं।
सोमवार को अधिकतम तापमान 27 डिग्री दर्ज किया गया। आर्द्रता की बात करें तो यह सुबह 73 और शाम को 39 फीसदी रही। हवा की गति सुबह 2 किलोमीटर और शाम को 6 किलोमीटर प्रतिघंटा रही। मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार आने वाले तीन दिन में अधिकतम तापमान में दो से तीन डिग्री की बढ़ोतरी होने के आसार हैं जबकि न्यूनतम तापमान में स्थिरता रहने या एक से दो डिग्री वृद्धि हो सकती है।
इन कारणों से बढ़ी वातावरण में सर्दी
- उत्तर भारत के ऊपर माध्य समुद्र तल से 12.6 किलोमीटर की ऊंचाई पर 222 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से जेट स्ट्रीम हवा बह रही है।
- पश्चिमी विक्षोभ, मध्य क्षोभ मंडलीय पछुआ पवनों के मध्य एक ट्रफ के रूप में माध्य समुद्र तल से 5.8 किलोमीटर की ऊंचाई पर 68 डिग्री पूर्वी देशांतर और 30 डिग्री उत्तरी अक्षांश के उत्तर में अवस्थित है।
- उत्तरी तमिलनाडु के ऊपर निम्न दाब क्षेत्र अवस्थित है। इस कारण सर्दी का प्रभाव बढ़ता दिखाई दे रहा है।
(मौसम विज्ञान, विभाग भोपाल के अनुसार)
गेहूं की बढ़वार में मिलेगी मदद तापमान में आई गिरावट से रबी की फसलों पर अलग-अलग असर होगा। चिंतामण जवासिया के उन्नत किसान ईश्वर सिंह पाटपाला के अनुसार गेहूं ऐसी फसल है जो बिना सर्दी के बढ़ ही नहीं सकती। ऐसे में जितनी सर्दी होगी, उतना लाभ होगा। रबी की दूसरी फसल चने के लिए एक औसत दर्जे की सर्दी अच्छी मानी जाती है। ज्यादा सर्दी होने पर उसके पत्ते जलने की शिकायत आ सकती है।
यह भी जानिए प्रदेश के तीन संभागों में भोपाल, इंदौर और उज्जैन में सामान्य से कम रहा अधिकतम व न्यूनतम तापमान। दिसंबर माह शुष्क होने से आकाश सामान्यतः बादल रहित होते हैं। प्रतिदिन हल्का कोहरा छाया रहता है।