हिंदू धर्म ग्रंथों में मत्यु के समय की यात्रा को महायात्रा कहा गया है. जब किसी व्यक्ति की मत्यु शैय्या पर पड़ा हो और उसके प्राण निकलने वाले हों या निकल रहे हों, उस समय कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है. कोई व्यक्ति अंतिम सांसें ले रहा हो तो भूलकर भी 5 कामों को नहीं करना चाहिए, इससे मरने वाले व्यक्ति की आत्मा को कष्ट पहुंचता है. आइए जानते हैं कि किसी की मृत्यु के समय क्या करें और क्या न करें?
मत्यु के समय क्या न करें?
1. यदि किसी की मृत्यु हो गई है या उसके प्राण निकल रहे हैं तो आपको रोना नहीं चाहिए, शोक नहीं मनाना चाहिए. यदि आप ऐसा करते हैं तो उसकी आत्मा को कष्ट होगा.
2. व्यक्ति की मृत्यु पर जब रोते हैं तो आपके कष्ट उसे भोगने पड़ सकते हैं. उसकी अंतिम यात्रा में उसे वही सबकुछ मिलता है, जो उसके परिजन देते हैं. ऐसे में व्यक्ति की अंतिम यात्रा के समय रोने की बजाय ईश्वार के नाम का स्मरण करें, उनका जयकार करें.
3. कई बार देखा गया है कि व्यक्ति प्राण छोड़ रहा है और लोग आकर पूछते हैं कि आप मुझे पहचान रहे हो? ये काम बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए. ऐसा करने से आप उस व्यक्ति की आत्मा को फिर से मृत्यु लोक में खींच लाते हैं.
4. जब तक आपके घर या उसके आसपास शव है, तब तक कुछ भी खाने और पीने से परहेज करना चाहिए.
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5. जिस व्यक्ति के प्राण निकल रहे हों, उसे खाट या पलंग आदि पर नहीं सुलाना चाहिए. उसके शरीर को भूमि पर सुलाना चाहिए.
मत्यु के समय क्या करें
1. यदि किसी के प्राण निकलने वाले हैं तो उसे गंगा के तट पर लेकर जाना चाहिए और राम, कृष्ण, नारायण, शिव, हरि आदि नाम का उच्चारण करना चाहिए.
2. यदि गंगा के तट पर ले जाना संभव न हो तो भूमि को गंगाजल और गोबर से लीपकर शुद्ध करें. फिर कुश के आसन को बिछाकर उस तिल डाल दें. फिर सफेद धोती बिछाकर उस व्यक्ति को लिटा दें.
3. आपके पास पंचगव्य हो या फिर गंगाजल, कुश के जल आदि से उस व्यक्ति के शरीर को साफ कर दें. या फिर शुद्ध जल से ही उसके शरीर को पवित्र कर दें.
4. यदि वह व्यक्ति स्नान करने की स्थिति में नहीं है तो पानी में कुशा डाल दें. फिर उस कुश से पानी उसके शरीर पर छिड़कर दें और नया जनेऊ पहना दें.
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5. तुलसी की मिट्टी, तुलसी की जड़ और चंदन को घिसकर उस व्यक्ति के पूरे शरीर में लगा दें. इससे पाप मिट जाते हैं और व्यक्ति की आत्मा को वैकुंठ में स्थान प्राप्त होता है.
6. व्यक्ति के सिर पर तुलसी के पत्ते रखें. घी का दीपक जलाएं और भगवान के नाम का उच्चारण करते रहें.
7. जिस व्यक्ति की अंतिम सांसें चल रही हैं, उसके हाथ से पूजा करा दें या फिर उसके परिजन पूजा करें.
8. शालिग्राम के चरणामृत या फिर तुलसी को गंगाजल में डाल दें. फिर उसे व्यक्ति के मुख में रख दें. इससे पाप मिटता है और पुण्य मिलता है.
9. यदि वह व्यक्ति कोई व्रत करता है तो उसका उद्यापन करा दें. गीता, रामायण, भागवत आदि का पाठ करते रहें.
10. मरणासन्न व्यक्ति से गाय का दान करा दें. दस महादान या अष्ट महादान करा दें.