यमुना नहर में कमल को तलाशते गोताखोर।
यमुनानगर के गांव झिवरेड़ी निवासी युवक कमल(19) को नहर में डूबे पूरे 14 दिन हो गए हैं, लेकिन अभी तक उसका कहीं कुछ पता नहीं चला है। परिजन की एकमात्र मांग है कि कम से कम उनके बेटे का शव मिल जाए ताकि वे उसे अंतिम विदाई दे सकें।
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पिता ने कहा कि हमारी तड़प प्रशासन नहीं समझ रहा। हम एक ही मांग कर रहे हैं कि यमुना नहर में जो पेड़ टूट कर गिरे हुए हैं अगर इन्हें मशीनों के द्वारा बाहर निकाल दिया जाए तो उनके बेटे का शव उन्हें मिल जाएगा।
नहर में लापता कमल का फोटो।
गोताखोरों की टीम ने इंद्री तक नहर में जोकि करीब 25 किलोमीटर का एरिया पड़ता है कमल की तलाश कर ली है। परिजन दिनरात नहर पर पहरा दे रहे हैं। अमूमन नहर में डूबे किसी भी व्यक्ति का शव 3 से 4 दिनों में खुद-ब-खुद फूल कर पानी के ऊपर आ जाती है।
परिजनों और गोताखोरों द्वारा लगातार आशंका जताई जा रही है कि जरूर कमल का शव नहर के अंदर पड़े पेड़ों के बीच फंस गया है। कमल के पिता तेजा का कहना है कि गोताखोर की सहायता से कई बार इन पेड़ों में तलाश लिया गया है।

प्रशासन से कमल को ढूंढने की गुहार लगाते कमल के पिता तेजा।
प्रशासन से मांग की थी वे बड़ी मशीनें भेज इन पेड़ों को हटवा दे। एक दिन तो मशीनें आईं, लेकिन थोड़े बहुत पेड़ हटाकर चली गईं। तेजा ने प्रशासन पर आरोप लगाया कि प्रशासन उनके बेटे को तलाशने में गंभीर नजर नहीं आ रहा। यदि बड़ी मशीनों को लाकर लगातार काम किया जाए तो संभव है कि उनके बेटे का कुछ पता चल जाए।

नहर में चलाए सर्च ऑपरेशन के बारे जानकारी देते गोताखोर राजीव।
गोताखोर राजीव ने कहा कि इस प्रकार के केस पहले भी सामने आ चुके हैं। पिछले साल भी एक व्यक्ति का शव नहर में पड़े पेड़ों के बीच फंस गया था, जिसे करीब एक सप्ताह बाद कड़ी मशक्कत के बाद बाहर निकाला गया था।
राजीव ने बताया कि उनकी 10 सदस्यीय टीम अपने स्तर पर लगातार पूरे प्रयास कर रही है। वे ऑक्सीजन सिलेंडर लगाकर नहर की गहराई में 25 से 30 फुट तक जा चुके हैं। नहर पर 50 से 60 किलोमीटर एरिया में पड़ने वाले हेड, चौकी और थानों में भी सूचित किया हुआ है।

दोस्त एक घंटे के लिए घर से लेकर गया था
गांव झिवरेड़ी वासी 19 वर्षीय कमल को 25 मई को सुबह उसका दोस्त नितेश उसे एक घंटे के लिए कोई काम बोलकर अपने साथ ले गया था। जोकि अमादलपुर स्थित नहर पर गए थे। दोपहर में परिजनों को सूचना मिली की कमल नहर में बर गया है।
नितेश से पूछा गया तो उसने बताया कि उसका पैर फिसल गया था। उसने बचाने का प्रयास किया लेकिन तब तक कमल नहर में दूर जा चुका था। मामले में कमल के परिजन लगातार नितेश पर शक जाहिर कर हैं। उनका कहना है कि कमल के डूबने की बात वह बदल-बदलकर बता रहा था।