उत्तर प्रदेश मंत्रिपरिषद की बैठक में यमुना एक्सप्रेसवे को ईस्टर्न पेरिफेरल्स एक्सप्रेसवे (केजीपी) से जोड़ने वाले इंटरचेंज की मंजूरी मिल गई। इसका निर्माण नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) करेगा। जल्द ही निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। एक साल के अंदर
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यमुना एक्सप्रेसवे प्राधिकरण ने पहले यमुना एक्सप्रेसवे से इंस्टर्न पेरिफेरल्स एक्सप्रेसवे को जोड़ने के लिए इंटरचेंज का निर्माण कार्य करने का फैसला लिया था। प्राधिकरण ने 22 नवंबर 2019 को मैसर्स देव यश प्रोजेक्ट एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर के साथ एग्रीमेंट किया था। किसानों द्वारा अतिरिक्त मुआवजा की मांग के चलते इंटरचेंज का निर्माण कार्य निर्धारित समय से शुरू नहीं हो पाया। इससे इंटरचेंज के निर्माण की लागत बढ़ गई। मई 2024 में प्राधिकरण ने निर्माण एनएचएआई से कराने का निर्णय लिया गया।
मंत्रिपरिषद से अनुमति लेना जरुरी इंटरचेंज का निर्माण कराने का फैसला उप्र मंत्रिपरिषद से लिया गया था। इसलिए निर्माणकर्ता एजेंसी बदलने का फैसले पर मंत्रिपरिषद की अनुमति जरूरी था। यमुना एक्सप्रेसवे प्राधिकरण की तरफ से इसका प्रस्ताव शासन को भेजा गया था। मंत्रिपरिषद ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। यमुना एक्सप्रेसवे प्राधिकरण के सीईओ डॉक्टर अरूण वीर सिंह ने बताया कि यमुना एक्सप्रेसवे के जीरो प्वाइंट से 10 किलोमीटर पर जगनपुर-अफजलपुर में केजीपी को जोड़ा जाएगा। इसके लिए 60 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण हो चुका है।
आठ लूप का होगा निर्माण दोनों एक्सप्रेसवे को जोड़ने के लिए इंटरचेंज पर आठ लूप बनाए जाने हैं, यह कुल 11 किलोमीटर के होंगे। इनमें चार लूप उतरने और चार लूप चढ़ने के लिए बनाए जाएंगे। इससे एक्सप्रेसवे पर सफर करने वाले लोगों को इंटरचेंज से उतरने और चढ़ने के लिए जाम का सामना नहीं करना पड़ेगा। दोनों एक्सप्रेसवे जुड़ने से गाजियाबाद, हापुड़ और मेरठ के लोगों को आगरा की ओर जाने के लिए यमुना एक्सप्रेसवे पर चढ़ने के लिए ग्रेटर नोएडा परी चौक नहीं जाना पड़ेगा।
20 किमी का चक्कर नहीं लगाना होगा कनेक्टिविटी होने से इन जिलों के वाहन दुहाई और डासना से ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे पर चढ़ने के बाद सीधे यमुना एक्सप्रेस-वे पहुंच सकेंगे। साथ ही मथुरा, आगरा की ओर से आने वाले यात्रियों को पेरिफेरल्स पर चढ़ने के लिए 20 किलोमीटर का चक्कर नहीं लगाना होगा, जिससे ईंधन और समय की भी बचत होगी। एनएचएआई के पीडी अरविंद सिंह ने कहा, इंटरचेंज बनाने को सर्वे कर मार्किंग का कार्य पूरा हो गया है। डिजाइन लगभग तैयार है। मंत्रिपरिषद से अब मंजूरी भी मिल चुकी है। अगले सप्ताह तक इंटरचेंज का निर्माण शुरू हो जाएगा।