छत्तीसगढ़ सरकार ने 10 हजार से अधिक स्कूलों के युक्तियुक्तकरण का फैसला लिया है। इस फैसले के बाद शिक्षकों में आक्रोश है। इसके विरोध में कांग्रेस भी प्रदेशव्यापी चरणबद्ध आंदोलन चलाएगी। वहीं, सरकार इसे स्कूली एजुकेशन के बेहतरी के लिए उठाया गया कदम बता रह
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पीपीसी अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि, सरकार की ओर से युक्तियुक्तकरण को लेकर लिया गया निर्णय रोजगार विरोधी कदम है। इससे प्रदेश में 45000 से अधिक शिक्षकों के पद समाप्त हो जाएंगे। 10463 स्कूल सीधे तौर पर बंद कर दिए गए है। नए सेटअप के नाम पर स्कूलों में शिक्षकों के न्यूनतम पदों की संख्या में कटौती कर शिक्षक के हजारों पद खत्म कर दिए गए हैं।
युक्तियुक्तकरण को लेकर मंगलवार को जारी हुआ सरकारी आदेश।
कांग्रेसी करेगी विरोध
दीपक बैज ने कहा कि, कांग्रेस युक्तियुक्तकरण के विरोध मे प्रदेशव्यापी चरणबद्ध आंदोलन चलाएगी। सरकार के इस रोजगार और शिक्षा विरोधी कदम का डट कर विरोध किया जाएगा। नए सेटअप में प्राइमरी और मिडिल स्कूलों में एचएम को शिक्षकीय पद मानते हुए प्राइमरी में 30 और मिडिल में 35 बच्चों के बीच एक शिक्षा का सेटअप घोषित किया गया है।
प्राथमिक शालाओं में पहली और दूसरी में तीन-तीन विषय और तीसरी, चौथी, पांचवी में चार-चार विषय के अनुसार कुल 18 विषय होते हैं। जिन्हें वर्तमान समय में तीन शिक्षकों को 40 मिनट का 6-6 कक्षा लेना होता है। अब युक्तियुक्तकरण के नए नियम के बाद दो ही शिक्षकों के द्वारा 18 कक्षाओं को पढ़ाना कैसे संभव हो सकता है?
मिडिल स्कूल में तीन क्लास और 6 सब्जेक्ट इस हिसाब से कुल 18 क्लास और 60 बच्चों की कुल संख्या में एचएम और उसके साथ केवल एकमात्र शिक्षक कैसे 18 क्लास ले पाएंगे? इसके अतिरिक्त मध्याह्न भोजन की व्यवस्था डाक का जवाब और अन्य गैर शिक्षकीय कार्यों की जिम्मेदारी भी इन्हीं पर रहेगी।

प्रदर्शन करते दीपक बैज । (फाइल फोटो)
नियमित शिक्षक के पद पर नई भर्ती के अवसर कम हो जाएंगे
दीपक बैज ने कहा कि, स्कूलों को जबरिया बंद किए जाने से न केवल शिक्षक बल्कि उन स्कूलों से संलग्न हजारों रसोईया, स्लीपर और मध्यान भोजन बनाने वाली महिला, स्व सहायता समूह की बहनों के समक्ष जीवन यापन का संकट उत्पन्न हो जाएगा।
नए सेटअप के तहत सभी स्तर प्राइमरी, मिडिल, हाईस्कूल और हायर सेकेंडरी स्कूलों में शिक्षकों के न्यूनतम पदों में कटौती के चलते युवाओं के लिए नियमित शिक्षक के पद पर नई भर्ती के अवसर भी कम हो जाएंगे, शिक्षा के स्तर पर बुरा असर पड़ेगा। इसके पहले भी रमन सरकार के समय भी 3000 स्कूलों को बंद किया गया था जिन्हें ंकांग्रेस की सरकार बनने के बाद फिर शुरू किया गया।
डीएपी के लिए भटक रहे है किसान- दीपक बैज
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि, मानसून की शुरुआत हो गई है। खरीफ की बुवाई खाद और बीज की कमी के कारण प्रभावित हो रहा है। पूरे प्रदेश में खरीफ फसल के बुवाई की तैयारी युद्ध स्तर पर चल रही है। खुर्रा वाले किसान प्रक्रिया शुरू कर चुके हैं, लेकिन प्रदेश में खाद और बीज की समुचित व्यवस्था यह सरकार नहीं कर पाई है।
प्रदेश के ज्यादातर सोसाइटी में किसानों को डीएपी की कमी से जूझना पड़ रहा है, ज्यादातर स्थानों पर बोनी और थरहा के लिए बीज भी किसानों को नहीं मिल पा रहा है, जिसके चलते किसान परेशान हैं। बोनी के समय सबसे ज्यादा आवश्यकता डीएपी खाद और बीज की ही होती है। सरकार एक सप्ताह के भीतर सभी सोसाइटी मे पर्याप्त खाद बीज उपलब्ध नहीं करवाएगी तो कांग्रेस इसके लिए बड़ा आंदोलन चलाएगी।