‘हिसार पुलिस ने जासूसी के आरोप में ज्योति के खिलाफ 16 मई को केस दर्ज किया। 17 मई को हिसार से उसे अरेस्ट कर लिया गया। इसके बाद उसे दो बार 5 और 4 दिन की रिमांड पर लेकर पूछताछ की। 3 मोबाइल फोन और 1 लैपटॉप पुलिस के कब्जे में है, लेकिन उसने अब तक कोर्ट मे
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ये दावा कोर्ट में ज्योति की पैरवी कर रहे एडवोकेट कुमार मुकेश का है। उनका ये भी कहना है कि पुलिस ने ज्योति को आरोपी उसी के बयान के आधार पर बनाया है। जबकि कोर्ट में ये बयान ही मान्य नहीं है, ऐसे में इसे आधार बनाकर FIR लिखना गलत है।
ज्योति की गिरफ्तारी के बाद 3 जून को पंजाब से जसबीर सिंह को अरेस्ट किया गया। उनके एडवोकेट माधव शुक्ला का भी कहना है कि पुलिस ने जसबीर के ISI से लिंक को लेकर कोर्ट में कोई पुख्ता सबूत नहीं दिए हैं। हालांकि, जांच से जुड़े अधिकारी कह रहे हैं कि चार्जशीट में सारे सबूत पेश किए जाएंगे।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद ज्योति और जसबीर की गिरफ्तारी सबसे चर्चित रही। दैनिक भास्कर ने इन केसेज की बारीकी से पड़ताल की। इसे लेकर कोर्ट में पुलिस ने क्या जानकारी दी है, ये केस कितने मजबूत हैं, कितनी सजा हो सकती है, सबूतों को लेकर क्या स्थिति है, दोनों के वकील क्या कह रहे हैं, पढ़िए पूरी रिपोर्ट…
ज्योति मल्होत्रा और जसबीर सिंह की इसी तस्वीर के वायरल होने के बाद जसबीर के खिलाफ जांच शुरू हुई थी।
पहले बात ज्योति मल्होत्रा की… वकील बोले- ज्योति के बयान के आधार पर FIR असंवैधानिक हम ज्योति मल्होत्रा केस की पड़ताल करते हुए हिसार पहुंचे। यहां हमने ज्योति के वकील कुमार मुकेश से मुलाकात कर केस को समझा। मुकेश अब तक ज्योति से दो बार मिल चुके हैं।
ज्योति और उसके परिवार से हुई बातचीत के आधार पर कुमार मुकेश बताते हैं, ’15 मई को पुलिस ने ज्योति को पूछताछ के लिए बुलाया, लेकिन शाम को छोड़ दिया। अगले दिन सुबह यानी 16 मई को पुलिस ने फिर ज्योति को थाने बुलाया था। वो अपनी स्कूटी से पुलिस स्टेशन गई थी। कुछ घंटे बाद ही पुलिस ने उसे अरेस्ट कर लिया था।’ ज्योति के पिता ने भी दैनिक भास्कर को यही कहानी सुनाई थी।
कुमार मुकेश आगे कहते हैं-

पुलिस ने ज्योति के बयान के आधार पर उसे अरेस्ट किया और FIR दर्ज की है। FIR में लिखा है कि ज्योति ने बताया कि उसने पाकिस्तान के लिए जासूसी की है। मतलब पुलिस को पहले से इसकी जानकारी नहीं थी। इसलिए FIR असंवैधानिक हो जाती है।
’संविधान का आर्टिकल-20 हमारे अधिकारों से जुड़ा है। ये सेल्फ इंक्रिमिनेटिंग यानी आत्म दोषारोपण कराने वाला मामला है। पुलिस ने ज्योति का बयान लेकर उसी के खिलाफ इस्तेमाल किया। कानून के तहत पुलिस आपको ही आपके खिलाफ सबूत नहीं बना सकती है या आपको गवाह नहीं बना सकती है।
एडवोकेट कुमार मुकेश आगे कहते हैं कि भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा-25 और 23ए के तहत पुलिस कस्टडी में दिया गया बयान कोर्ट में मान्य नहीं होता। पिछले दिनों ज्योति की जमानत पर बहस के दौरान कोर्ट ने पूछा कि क्या सबूत मिले हैं। इस पर पुलिस ने कहा कि अभी एनालिसिस चल रहा है। 3 मोबाइल फोन और 1 लैपटॉप पुलिस के कब्जे में है, लेकिन अब तक कुछ नहीं मिला।

ज्योति के दादा-दादी पाकिस्तान से, इसलिए वहां गई हमने पूछा कि घूमने के लिए कई देश हैं, आखिर ज्योति पाकिस्तान ही क्यों जाना चाहती थी। क्या इसके पीछे कोई खास कारण है, इस बारे में ज्योति और उसके परिवार ने क्या बताया है?
इस पर एडवोकेट कुमार मुकेश बताते हैं, ‘ज्योति कोरोना के पहले नौकरी करती थी। नौकरी छूटने के बाद वो ट्रैवल व्लॉगर बन गई। वो सिर्फ पाकिस्तान ही नहीं गई, कई देशों का सफर कर चुकी है। ज्योति के पाकिस्तान जाने के पीछे एक बड़ी वजह उसका परिवार है। असल में भारत-पाकिस्तान बंटवारे के वक्त काफी लोग पाकिस्तान चले गए और कई लोग भारत में आकर बस गए।‘

ज्योति के दादा-दादी पाकिस्तान से भारत आए थे। वो हमेशा अपना पुश्तैनी घर देखना चाहती थी। इसलिए उसने करतारपुर साहिब जाने के लिए धार्मिक वीजा का आवेदन किया था।
पाकिस्तानी दानिश से कैसे मिली ज्योति, हरकीरत की क्या भूमिका इसे लेकर एडवोकेट कुमार मुकेश बताते हैं, ‘13 मई 2025 से पहले दानिश से मिलना ऑफिशियल था। उसकी दिल्ली में पाकिस्तान हाई कमीशन में पोस्टिंग थी। दानिश से मिलने की वजह भी वीजा है। ज्योति को पाकिस्तान का वीजा मिलने में दिक्कत हो रही थी। इसके लिए वो पहले हरियाणा गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी पहुंची। ज्योति ने कमेटी में हरकीरत सिंह से मुलाकात की।‘
‘पाकिस्तान जाने के लिए वीजा के सभी मामले दानिश ही देखते थे। इसलिए हरकीरत के कहने पर ज्योति ने दानिश से कॉन्टैक्ट किया। पुलिस ने हरकीरत से भी पूछताछ की है। उससे 2 मोबाइल फोन रिकवर किए हैं। उनकी जांच की जा रही थी।‘

पाकिस्तान हाई कमीशन की 28 मार्च 2024 को दिल्ली में हुई इफ्तार पार्टी में पाकिस्तानी अधिकारी दानिश और उसकी पत्नी के साथ ज्योति।
पुलिस ने कैसे लिखा- ज्योति की कमाई 1 लाख रुपए महीना इस पर एडवोकेट कुमार मुकेश कहते हैं, ‘जो व्यक्ति पुलिस की कस्टडी में होता है, उससे कोई जांच अधिकारी कुछ भी लिखवा सकता है। कोई भी बयान ले सकता है इसलिए कोर्ट उसे सच नहीं मानता है।‘
‘ये सही है कि पुलिस ने अपने रिकॉर्ड में ज्योति की हर महीने की इनकम 1 लाख रुपए लिखी है। असल में ज्योति को यूट्यूब और दूसरे सोशल मीडिया से इनकम होती है। साथ में स्पॉन्सरशिप से भी पैसे आते हैं। ये सब मिलाकर इनकम हो जाती है।‘
ज्योति की पाकिस्तान में शादी करने की खबरें गलत इस पर एडवोकेट ने बताया- ‘कई मीडिया रिपोर्ट्स में इस तरह की खबरें चल रही थीं कि ज्योति पाकिस्तान में शादी करने वाली थी या शादी कर चुकी है। हालांकि असल में ऐसा कुछ नहीं है। ज्योति ने खुद इस बात से इनकार किया है। इससे पहले हिसार पुलिस ने भी ऐसी किसी संभावना से साफतौर पर इनकार कर दिया था।’
ज्योति पर अभी जो धाराएं लगी हैं, उसमें उसे क्या सजा हो सकती है? इस पर एडवोकेट कहते हैं, ‘ज्योति पर जो धाराएं लगी हैं, उसमें 3 से 7 साल तक की ही सजा है।‘

ज्योति ने कहा- कुछ गलत नहीं किया एडवोकेट कुमार मुकेश के मुताबिक, ज्योति जासूस कहे जाने से काफी परेशान है। उसने जासूसी के आरोपों पर कहा- ‘मैंने कुछ गलत नहीं किया है। मुझे यकीन है कि मेरे साथ भी गलत नहीं होगा। जो कुछ मीडिया में चल रहा है, मैं उससे बहुत दुखी हूं। केस कोर्ट में है, लेकिन मुझे जासूस घोषित कर दिया गया। कोर्ट से मुझे पूरी उम्मीद है। न्याय जरूर मिलेगा।’
हमने ज्योति मल्होत्रा केस को लेकर SP हिसार से कई बार संपर्क किया, लेकिन बात नहीं हो सकी। इसके बाद हमने जांच से जुड़े कुछ अधिकारियों से बात की। नाम न जाहिर करने की शर्त पर उन्होंने कहा कि ज्योति मल्होत्रा के मोबाइल फोन, लैपटॉप और बैंक खातों में ट्रांजैक्शन को लेकर कुछ अहम सबूत मिले हैं। हम चार्जशीट तैयार कर रहे हैं। चार्जशीट में ही सबूत पेश किए जाएंगे।
ज्योति को दो बार पुलिस रिमांड पर लिया, क्या-क्या पता चला हमने हिसार कोर्ट में दिए पुलिस के उन दो आवेदनों की भी पड़ताल की, जो रिमांड के लिए दाखिल किए गए थे। साथ ही ये भी जाना कि इस मामले में पुलिस ने अब तक कोर्ट में क्या-क्या जानकारी दी। ग्राफिक्स में पढ़िए…

वकील के मुताबिक, पुलिस ने कोर्ट में ये भी बताया कि 25 मई को ही फोरेंसिक लैब CFL पंचकूला से कुछ जांच के नतीजे मिले, जिसका एनालिसिस किया जा रहा है। आखिर में पुलिस ने कोर्ट में कहा कि मामला देशद्रोह से जुड़ा है। इसलिए ज्यादा डिटेल नहीं लिख सकते। अब आरोपी से पूछताछ हो चुकी है। इसके बाद 26 मई को कोर्ट ने ज्योति मल्होत्रा को 14 दिन की ज्यूडिशियल कस्टडी में जेल भेज दिया।
अब जसबीर सिंह की बात… ज्योति की गिरफ्तारी, दानिश के साथ फोटो वायरल होते ही अरेस्ट हुआ जसबीर पंजाब से गिरफ्तार जसबीर सिंह के खिलाफ 3 जून को FIR दर्ज की गई थी। पंजाब पुलिस ने उसे 4 जून को अरेस्ट किया था। हमने केस को लेकर जसबीर के एडवोकेट माधव शुक्ला से बात की।
एडवोकेट माधव बताते हैं, ‘ज्योति मल्होत्रा की अरेस्टिंग के साथ ही जांच-पड़ताल शुरू हो गई थी। उस दौरान पाकिस्तान हाई कमीशन में हुई पार्टी के फोटो-वीडियो वायरल हुए थे। उसमें जसबीर भी था। सोशल मीडिया पर जसबीर की ज्योति के साथ भी फोटो आई। तभी से 17 मई से रोपड़ पुलिस ने जांच शुरू कर दी थी। ’

एडवोकेट का दावा है कि 21-22 मई को जसबीर सिंह को फिर थाने बुलाया गया। उससे बैंक की सारी डिटेल्स मांगी गई, जिससे फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन की जांच की जा सके। पुलिस तब तक रूटीन जांच कर रही थी। इसी बीच जसबीर को हिसार में पूछताछ के लिए एक समन मिला। उसने इस बारे में पंजाब पुलिस को बताया।
जसबीर को 6 जून को हिसार बुलाया गया था। उसने पंजाब पुलिस को 3-4 दिन पहले ही इसकी सूचना दे दी कि वो 6 जून को थाने नहीं आ सकेगा। इसके बाद अचानक 3 जून को पंजाब पुलिस ने उसे अरेस्ट कर लिया। 4 जून को कोर्ट में पेश कर दिया गया।
पुलिस ने जसबीर का ISI से लिंक बताया, आर्मी के मूवमेंट की जानकारी देने का आरोप एडवोकेट माधव ने ये भी बताया कि रिमांड पर जसबीर के पास से क्या-क्या मिला। उस पर क्या आरोप लगे हैं। वे बताते हैं, ‘पुलिस ने FIR में लिखा है कि जसबीर सिंह का ISI से लिंक है। इसकी जांच करना जरूरी है। इसके बाकी साथी भी जासूसी में शामिल हैं। उसने भारतीय सेना के मूवमेंट की ISI को सूचनाएं दी हैं।‘
जसबीर सिंह की गिरफ्तारी के बाद उसे 3 दिनों के लिए पुलिस रिमांड पर भेजा गया था। तब कोर्ट में कहा गया कि जसबीर ने देश की सूचनाएं पाकिस्तान को भेजी हैं। इसलिए उसके मोबाइल फोन, लैपटॉप और दूसरे इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस की जांच कराना जरूरी है। ये कब्जे में लेकर जांच कराई गई।‘

असल में एक पाकिस्तानी महिला को लेकर खबर आई थी। कहा गया कि वो जसबीर सिंह से भी मिली थी। पुलिस ने कोर्ट को दिए रिमांड आवेदन में भी एक महिला का जिक्र किया है। हालांकि उस महिला के न तो नाम का खुलासा किया है, न ही ये कहा है कि वो पाकिस्तानी है।
इसे लेकर हमने जसबीर सिंह के वकील से पूछा। वे कहते हैं कि जसबीर ने भी किसी महिला का जिक्र नहीं किया है। हमारे सोर्स ने ये भी बताया है कि वो महिला ज्योति मल्होत्रा भी हो सकती है। इसलिए पंजाब पुलिस जल्द ही ज्योति मल्होत्रा से भी पूछताछ कर सकती है।
नासिर से कभी नहीं मिला जसबीर, वीजा के लिए चैट पर मांगी थी मदद हमने पूछा कि पाकिस्तानी कथित ISI एजेंट नासिर ढिल्लों और जट रंधावा को लेकर जसबीर सिंह ने क्या कहा है? इस पर एडवोकेट बताते हैं, ‘अभी तक पुलिस ने कोर्ट में नासिर ढिल्लों या किसी जट रंधावा से लिंक को लेकर कोई जानकारी नहीं दी है।’
‘हालांकि मीडिया ने इस बारे में कई बार खुलासे किए हैं। जसबीर का भी यही कहना है कि नासिर ढिल्लों से वो कभी नहीं मिला। हां, इतना जरूर है कि वीजा में मदद के लिए उससे चैट पर बात की है।‘
एडवोकेट माधव शुक्ला ने ये भी बताया कि जसबीर सिंह के फोन में काफी पाकिस्तानियों के नंबर सेव मिले, लेकिन नंबरों से जासूस होने के सबूत नहीं मिलते हैं। इनका ये भी दावा है कि अब तक उसके बैंक अकाउंट में संदिग्ध ट्रांजैक्शन को लेकर पुलिस ने कोर्ट में कोई जानकारी नहीं दी है।
हालांकि पंजाब पुलिस के DGP गौरव यादव ने शुरू में ही बयान जारी कर कहा था कि पुलिस के पास जसबीर के खिलाफ कई अहम सबूत हैं।
जासूसी के आरोप में अब तक 15 अरेस्ट ऑपरेशन सिंदूर के बाद से पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश से कुल 15 लोग गिरफ्तार किए गए। इन पर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के लिए जासूसी करने का आरोप है। इनमें यूट्यूबर से लेकर स्टूडेंट और चौकीदार तक शामिल हैं। पुलिस को शुरुआती जांच में पता चला कि ये सभी एक बेहद संगठित नेटवर्क से जुड़े थे।

जासूसी केस में माधुरी गुप्ता और सौरव शर्मा को मिल चुकी है सजा ज्योति और जसबीर की तरह ही 2010 में माधुरी गुप्ता का केस सामने आया था। वे पाकिस्तान के इस्लामाबाद में इंडिया हाई कमीशन के प्रेस एंड इन्फॉर्मेशन में सेकेंड सेक्रेटरी थीं। उस केस में भी माधुरी दो पाकिस्तानी खुफिया एजेंट के संपर्क में थी। करीब 8 साल बाद 18 मई 2018 को न्यू दिल्ली डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने माधुरी गुप्ता को दोषी ठहराया और 3 साल की सजा सुनाई।

पिछले साल अगस्त 2024 में लखनऊ NIA कोर्ट ने पाकिस्तान से जुड़े जासूसी के मामले में पूर्व सैनिक सौरव शर्मा को अधिकतम 5 साल की सजा सुनाई और जुर्माना लगाया। सौरव यूपी के हापुड़ का रहने वाला है। इंडियन आर्मी में सिग्नल मैन था। सौरव शर्मा को जनवरी 2021 में अरेस्ट किया गया। उसी वक्त ISI के संपर्क में आया और उसने कई सीक्रेट जानकारी लीक की थी।
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ISI एजेंट शाकिर ने जट रंधावा बनकर ज्योति को फंसाया

जासूसी के आरोप में अरेस्ट हरियाणा की ज्योति मल्होत्रा ने एजेंसी के सामने कबूलनामे में दो नाम खास हैं- दानिश और शाकिर। दानिश दिल्ली में पाकिस्तानी हाई कमीशन का अफसर था, जिसे 13 मई को भारत सरकार ने देश छोड़ने के लिए कह दिया था। दानिश ने ही पाकिस्तान जाने में ज्योति की मदद की थी। दूसरा शाकिर, जिससे ज्योति पाकिस्तान के लाहौर में मिली थी। पढ़िए पूरी खबर…