बिहार के यूट्यूबर मनीष कश्यप ने भारतीय जनता पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने शनिवार रात फेसबुक लाइव के जरिए इसकी घोषणा की। मनीष ने बताया कि चनपटिया क्षेत्र में जनता से मिलने के बाद उन्होंने यह निर्णय लिया।
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मनीष का राजनीतिक सफर विवादों से भरा रहा है। 2019 में उन्होंने बेतिया जेल से पश्चिम चंपारण लोकसभा सीट के लिए नामांकन किया, जो तकनीकी कारणों से रद्द हो गया। 2020 में चनपटिया विधानसभा से निर्दलीय चुनाव लड़े और हार गए। इसी दौरान भाजपा प्रत्याशी उमाकांत सिंह से विवाद हुआ, जिसका मामला अभी भी चल रहा है।
2019 में पहली बार बेतिया जेल से पश्चिम चंपारण लोकसभा क्षेत्र से नामांक करने पहुंचे मनीष कश्यप।
2023 में एनएसए के तहत गए जेल
चुनाव के बाद मनीष ने यूट्यूब पर पत्रकारिता शुरू की और लोकप्रियता हासिल की। 2023 में तमिलनाडु प्रवासी मजदूर मामले में एनएसए के तहत जेल गए। रिहाई के बाद भाजपा सांसद मनोज तिवारी के माध्यम से पार्टी में शामिल हुए। उन्होंने झारखंड और दिल्ली विधानसभा चुनावों में भाजपा के लिए प्रचार किया।

2020 में चुनाव से पहले चनपटिया में रैली करते मनीष कश्यप।
हाल ही में पीएमसीएच में मनीष के साथ मारपीट की घटना हुई। उन्होंने कहा कि इस दौरान किसी भी भाजपा नेता ने उनका हालचाल नहीं लिया। इससे नाराज होकर उन्होंने पार्टी छोड़ने का फैसला किया। मनीष ने लाइव आकर घोषणा की कि अब वे बिना किसी दबाव के जनहित के मुद्दों पर काम करेंगे। उनके इस्तीफे से राजनीतिक गलियारों में चर्चा का माहौल है।
मां के कहने पर जुड़े थे BJP से
मनीष कश्यप पिछले साल लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा में शामिल हुए थे। उन्हें दिल्ली में पार्टी की सदस्यता दी गई थी। सदस्यता लेने के बाद जेपी नड्डा और नरेंद्र मोदी से मनीष कश्यप ने मुलाकात की थी। बीजेपी में शामिल होने के बाद मनीष कश्यप ने कहा था कि अपनी मां के कहने पर मैंने ये फैसला लिया है।
मनीष का कहना था कि मेरी विचारधारा भारतीय जनता पार्टी से मिलती है। भाजपा में शामिल होने के बाद बीजेपी नेता संजय मयूख के साथ मनीष कश्यप ने तस्वीर भी जारी की थी।

पार्टी की अध्यक्षता लेते मनीष कश्यप।
मनीष कश्यप बीजेपी के सदस्यता लेने के बाद झारखंड चुनाव और दिल्ली चुनाव में काफी अहम भूमिका उन्होंने निभाई थी। झारखंड चुनाव में उन्होंने विभिन्न प्रत्याशियों के लिए प्रचार किया था। इस दौरान उनकी मुलाकात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह से भी हुई थी।
दिल्ली में मनीष कश्यप बीजेपी सांसद मनोज तिवारी के लिए भी चुनाव प्रचार किया था। मनीष को बीजेपी में शामिल करने में मनोज तिवारी ने अहम भूमिका निभाई थी।
आचार संहिता उल्लंघन का मामला हुआ था दर्ज
हालांकि, मनीष कश्यप के निर्दलीय चुनाव लड़ने की भी चर्चा थी। इसी क्रम में चुनावी सभा को संबोधित करने को लेकर उनपर आचार संहिता उल्लंघन का मामला भी दर्ज हुआ था।
बताया जा रहा है कि मनीष कश्यप के साथ पूर्वी चंपारण के दरपा थाना क्षेत्र के नरकटिया गांव निवासी प्रकाश साह और 10 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।

पीएम के बिहार दौरे पर उनसे मुलाकात करते मनीष कश्यप।
18 मार्च 2023 को बेतिया में किया था सरेंडर
मालूम हो कि तमिलनाडु में बिहार के मजदूरों के साथ मारपीट का फर्जी वीडियो शेयर करने को लेकर यूट्यूबर मनीष कश्यप की मुश्किलें बढ़ी थी। इस मामले में बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने मनीष कश्यप के खिलाफ FIR दर्ज की थी।
जब इस केस में छापेमारी शुरू हुई तो कई दिनों तक गिरफ्तारी के डर से मनीष कश्यप बिहार छोड़कर फरार हो गया था। उसकी तलाश में कई जगहों पर छापेमारी हुई थी।
बेतिया पुलिस ने 18 मार्च 2023 को दूसरे केस में मनीष के घर की कुर्की जब्ती शुरू की तो उसने स्थानीय थाने में सरेंडर किया। उसी दिन पटना से गई EOU की टीम ने उसे अपने केस में कब्जे में लिया था।रिमांड पर लेकर उससे पूछताछ की और उसे जेल भेज दिया था।