हापुड़3 मिनट पहले
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यूपी के हापुड़ में STF ने लॉरेंस बिश्नोई गैंग के शार्प शूटर को एनकाउंटर में मार गिराया है। STF चीफ अमिताभ यश ने बताया कि बुधवार रात नोएडा STF और दिल्ली पुलिस ने शूटर को घेरा तो उसने गोलियां चलानी शुरू कर दीं।
इसमें दो पुलिसकर्मी गोली लगने से घायल हो गए। जवाबी फायरिंग में बदमाश नवीन को गोली लग गई। पुलिस उसे अस्पताल लेकर गई, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। वहीं, दोनों घायल पुलिसकर्मियों का इलाज जारी है।
बुधवार रात करीब 11 बजे कोतवाली क्षेत्र के प्रीत विहार में यह मुठभेड़ हुई। नवीन लॉरेंस बिश्नोई गैंग का सक्रिय सदस्य था। वह गैंग के कुख्यात हिस्ट्रीशीटर हाशिम बाबा के साथ मिलकर दिल्ली और यूपी में अपराध करता था। नवीन ने कई हाई-प्रोफाइल लोगों को निशाना बनाया था।
नवीन गाजियाबाद के लोनी का रहने वाला था। उस पर हत्या, अपहरण, डकैती और मकोका जैसे 20 संगीन मामले दिल्ली और यूपी में दर्ज थे। इनमें से दिल्ली के दो मामलों में उसे सजा भी हो चुकी थी।

इसी बाइक पर सवार होकर बदमाश जा रहा था। पुलिस ने घेरा तो गाड़ी छोड़कर भागने लगा।
दिल्ली सेल ने STF को दिया था इनपुट
पुलिस सूत्रों के अनुसार, दिल्ली स्पेशल सेल को नवीन के हापुड़ में होने की सूचना मिली थी। स्पेशल सेल ने यूपी एसटीएफ को इसकी जानकारी दी। इसके बाद एक टीम को उसकी तलाश में हापुड़ भेजा गया। मुखबिर के इशारे पर टीम ने आरोपी की पहचान कर उसे घेर लिया।
नोएडा के एएसपी एसटीएफ आरके मिश्रा ने बताया- टीम ने उसे सरेंडर करने के लिए कहा, लेकिन उसने पुलिस पर गोली चला दी। उसकी गोली सिपाही अंकुर और विजेंद्र को लग गई। इसके बाद टीम ने आत्मरक्षा में गोलियां चलाईं। एक गोली बदमाश को जाकर लगी। उसे जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।

इसी पिस्टल से बदमाश ने पुलिस टीम पर फायरिंग की।
इधर, देर रात मुठभेड़ की सूचना मिलते ही पुलिस और आला अधिकारी मौके पर पहुंचे और घटनास्थल का निरीक्षण किया। मुठभेड़ के बाद इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी गई थी। STF ने बदमाश के पास से बाइक और ऑटोमैटिक पिस्टल बरामद की है।
नवीन जिस लॉरेंस बिश्नोई का शूटर था, उसके बारे में जानिए गैंगस्टर लॉरेंस पर करीब 84 FIR दर्ज हैं। 2016 में उसे नेपाल से गिरफ्तार किया गया था। तब से वह जेल में ही बंद है। इस वक्त वह गुजरात की साबरमती जेल में बंद है। करीब 9 साल से वह जेल से बाहर नहीं आया है। इसके बावजूद देश में हुए मर्डर केसों में उसका नाम आया है।
जिनमें मशहूर पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला, राजस्थान के करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव गोगामेड़ी, महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी का मर्डर भी शामिल है। इसके अलावा वह काले हिरण के शिकार के आरोपों से घिरे बॉलीवुड स्टार सलमान खान के भी पीछे पड़ा है।


छात्र से गैंगस्टर कैसे बना लॉरेंस
- कॉलेज में पॉलिटिक्स में गया: लॉरेंस मूल रूप से पंजाब के फाजिल्का का रहने वाला है। उसके पिता कॉन्स्टेबल थे। पिता का सपना उसे IAS अफसर बनाने का था लेकिन लॉरेंस ने चंडीगढ़ DAV कॉलेज में पढ़ाई के दौरान राजनीति में दिलचस्पी लेनी शुरू कर दी।
- चुनाव हारा तो गैंग से भिड़ गया: 2011 में लॉरेंस ने चुनाव लड़ने के लिए एक संगठन बनाया। नाम रखा ‘स्टूडेंट ऑर्गेनाइजेशन ऑफ पंजाब यूनिवर्सिटी’ यानी SOPU। इसी बैनर तले उसने चुनाव लड़ा, लेकिन हार गया। हार के बाद लॉरेंस अपमानित महसूस करने लगा। उसी साल उसने एक रिवॉल्वर खरीदी और उस गैंग से जा भिड़ा जिसके हाथों उसकी हार हुई थी।
- हत्या की कोशिश का केस हुआ, फिर क्राइम की राह पकड़ी: दोनों गैंग के बीच बहस और हाथापाई हुई। इसी बीच लॉरेंस ने फायरिंग कर दी। तब पंजाब पुलिस ने उसके खिलाफ हत्या की कोशिश का मामला दर्ज किया था। लॉरेंस के खिलाफ ये पहला मामला था। इसके बाद लॉरेंस ने अवैध गतिविधियों में शामिल होना शुरू कर दिया।

कॉलेज चुनाव में मिली हार के बाद हुई हिंसा में लॉरेंस को पुलिस ने गिरफ्तार किया था।
- बड़े गैंगस्टर से मिला: वह गैंगस्टर जग्गू भगवानपुरिया और रॉकी फाजिल्का की गैंग से जुड़ गया। भगवानपुरिया गुरदासपुर का रहने वाला था। उसने लॉरेंस को न केवल धंधे के गुर सिखाए बल्कि उसे अपने कामों में खुली छूट भी दी। आगे चलकर लॉरेंस की दोस्ती संपत नेहरा से हुई। लॉरेंस, गोल्डी और संपत ने मिलकर पंजाब के साथ-साथ हरियाणा में भी अपराध को अंजाम देना शुरू किया।
- ऑर्गेनाइज्ड क्राइम में शामिल हुआ, घर छोड़ा: यहीं से लॉरेंस ऑर्गनाइज्ड क्राइम में शामिल हो गया। वो शराब माफिया, ड्रग स्मगलर्स और बिजनेसमैन से फिरौती मांगने लगा। 2012-13 में उस पर केस दर्ज हुए, तो उसने घर छोड़ दिया। फिर ग्रुप के साथ अलग-अलग शहरों में रहने लगा।
11 दिनों में 5 बदमाश ढेर, 2 पुलिसकर्मियों की मौत
पिछले 11 दिनों में यूपी पुलिस ने 5 बदमाशों को एनकाउंटर में ढेर कर दिया। इस दौरान दो पुलिसकर्मियों की मौत हुई है।
- 18 मई: कौशांबी पुलिस ने ट्रेलर ड्राइवर की हत्या कर 4 करोड़ का कॉपर लूटने वाले संतोष उर्फ राजू को एनकाउंटर में मार गिराया था।
- 18 मई: जौनपुर में गो-तस्करों ने चेकिंग के दौरान एक सिपाही को पिकअप से कुचलकर मार डाला। वारदात के बाद पुलिस ने घेराबंदी कर बदमाश सलमान को मार गिराया था।
- 20 मई: गोंडा में पुलिस ने 1 लाख के इनामी बदमाश सोनू पासी को एनकाउंटर में ढेर कर दिया था।
- 21 मई: बाराबंकी में STF ने 1 लाख के इनामी बदमाश ज्ञान चंद्र पासी को एनकाउंटर में मार गिराया था।
- 27 मई: गाजियाबाद में सिपाही सौरभ की हत्या कर बदमाश हिस्ट्रीशीटर कादिर को छुड़ा ले गए थे।
8 साल में 21 पुलिसवाले शहीद, 229 बदमाश मारे गए
पिछले 8 सालों की बात करें तो 2017 से अब तक 229 बदमाश मारे गए हैं। इस दौरान 21 पुलिसकर्मी शहीद हुए हैं। 1650 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हुए हैं।
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