सीएम योगी ने न्यूज एजेंसी एएनआई को इंटरव्यू दिया।
सीएम योगी ने राहुल गांधी पर तंज कसते हुए कहा- उनकी (राहुल गांधी) मंशा से सभी वाकिफ हैं। वह देश के बाहर भारत की आलोचना करते हैं। लोग उनके स्वभाव और इरादों को समझ चुके हैं। भाजपा के लिए राहुल जैसे कुछ नमूने जरूर रहने चाहिए। जिससे एक रास्ता हमेशा के लिए
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योगी ने कहा-भारत में मुसलमान खतरे में नहीं हैं। इनकी वोट बैंक की राजनीति खतरे में है। जिस दिन भारतीय मुसलमान अपने पूर्वजों को समझ लेंगे, इन सभी को बोरिया-बिस्तर बांधकर भागना पड़ेगा।
सीएम ने यह बातें ANI के इंटरव्यू में कही। उन्होंने कहा-100 हिंदू परिवारों के बीच रहने वाला एक मुस्लिम परिवार सुरक्षित है। उसे अपने सभी धार्मिक कार्य करने की स्वतंत्रता है। लेकिन क्या 100 मुस्लिम परिवारों के बीच अगर 50 हिंदू परिवार भी रहते हैं, तो क्या वे सुरक्षित हो सकते हैं?
चलिए, अब इंटरव्यू के प्रमुख अंश विस्तार से पढ़िए…
सवाल- राहुल गांधी ने दो भारत जोड़ो यात्राएं की, फिर आप उन्हें विभाजनकारी क्यों कहते हैं?
जवाब- क्या कर रहे थे ये छह दशक तक। अपने नाना, दादी और पिता से पूछे। उनका भारत जोड़ो, भारत तोड़ो का हिस्सा है। राहुल गांधी अगर दक्षिण में जाएंगे, तो उत्तर भारत की निंदा करेंगे। उत्तर में आएंगे, तो दक्षिण की निंदा करेंगे। अगर वे भारत के बाहर जाएंगे, तो भारत की निंदा करेंगे। इनके आचरण को देश समझ चुका है… लेकिन भारत की राजनीति में भाजपा के लिए राहुल गांधी जैसे कुछ नमूने जरूर रहने चाहिए।
भारत को श्रेष्ठ भारत नहीं होना चाहिए? तो उनसे पूछना चाहिए कि वो दशकों तक क्या कर रहे थे? उन्हें अपने दादा, दादी और पिता से पूछना चाहिए था। उन्होंने उस समय ऐसा क्यों नहीं किया? वो हमेशा से अयोध्या विवाद को विवाद ही रहने देना चाहते थे।
सवाल- दक्षिण के राज्यों को कहना है कि जनसंख्या के आधार पर प्रतिनिधित्व का पैमाना नहीं होना चाहिए, वो कहते हैं कि इससे उनकी पहचान खतरे में है? जवाब- इस मामले पर गृह मंत्री ने बहुत स्पष्टता के साथ कह दिया है। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने जो बैठक की है वो सिर्फ एक राजनीतिक एजेंडा है। गृह मंत्री के बयान के बाद इस मुद्दे पर कोई सवाल खड़ा नहीं होना चाहिए।
सवाल- वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर असदुद्दीन ओवैसी कहते हैं कि बीजेपी इस बिल के नाम पर मस्जिदों पर कब्जा करना चाहती है, इस पर क्या कहेंगे? जवाब- मस्जिदों पर कब्जा करके भाजपा क्या करेगी? वक्फ के नाम पर कितनी ज़मीन पर कब्जा करोगे? वे गुमराह कर रहे हैं। इन्होंने वक्फ के नाम पर एक भी कल्याणकारी काम नहीं किया? एक भी काम नहीं गिना सकते। वक्फ के नाम पर जो भी आता है उसने उस प्रॉपर्टी का व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए दुरुपयोग किया है। औने-पौने दाम पर बेजा है।
आज स्थिति यह है कि एक ही प्रॉपर्टी को कई-कई लोगों को बेचा है। उससे विवाद हो रहे हैं। उससे तमाम प्रकार के संकट आने वाले समय में होंगे। जो उन जमीनों पर बस गए हैं उनके लिए भी और जिन लोगों ने पैसा दिया है उनके लिए भी। उन सबकी पूंजी डूब जाएगी। इससे बड़ी बेवकूफ बनाने वाली तो कोई बात ही नहीं हो सकती है। समय-समय पर वक्फ के नाम पर इन्होंने ऊलजलूल फैसले लिए हैं।
खासकर वक्फ जिस जमीन को कह देगी कि उनकी है उनकी मान ली जाएगी। हम भौचक हैं कि ये कौन सा आदेश है। आपको ये पावर किसने दे दी है कि आप किसी भी प्रॉपर्टी पर कब्जा कर लेंगे। ये नहीं हो सकता है। ये वक्फ संशोधन अधिनियम जेपीसी (जॉइंस पार्लियामेंट्री कमेटी) ने जो सिफारिश किया है वो आज की आवश्यकता है। इसे समयबद्ध तरीके से आगे बढ़ना चाहिए। मुझे लगता है कि यह देश हित में होगा और मुसलमानों के हित में भी होगा।
सवाल- अखिलेश यादव और उत्तर प्रदेश के बाकी विपक्षी नेता कहते हैं कि सरकार का प्रशासन और लॉ एंड ऑर्डर के कंट्रोल में होने के दावे सिर्फ लीपापोती है? जवाब- प्रयागराज में 66 करोड़ लोग आए…क्या आपने किसी श्रद्धालु को यह कहते सुना कि उसे लूट लिया गया है? क्या आपने किसी महिला को यह कहते सुना कि उसके साथ छेड़छाड़ की गई? क्या किसी व्यापारी ने कहा कि उसे पैसे देने के लिए मजबूर किया गया है? वहां से कोई अपहरण की शिकायत आई क्या? इससे बेहतर उदाहरण क्या हो सकता है?
हमारी कितनी भी फोर्स रही होगी वहां पर, लेकिन फोर्स तो एक सीमित संख्या में है। दूसरा 25 करोड़ की आबादी का राज्य है। अगर पहले से गुटबाजी नहीं है, पहले से वैमनस्यता नहीं है तो सामान्य रूप से कोई इस प्रकार की घटना को अंजाम नहीं दे सकता है। यह लीपापोती नहीं, यह वास्तविकता है। उत्तर प्रदेश की बहन-बेटियां इस बात को अभिव्यक्त करती हैं। हम लोग नहीं बोलते हैं।
ये तो राज्य की माताएं-बहनें बोलती हैं कि हम आज सुरक्षित हैं। नहीं तो 2017 के पहले कई-कई ऐसे कस्बे और जिले थे जहां अभिभावक स्कूली बालिकाओं को किसी रिश्तेदार के यहां या कहीं दूर हॉस्टल में भेज देता था। जब उस बेटी को मां-बाप का संरक्षण मिलना है बचपन में तब वो दूर हॉस्टल में पढ़ने के लिए मजबूर है।
आज बीजेपी की -डबल इंजन सरकार के कारण वो बेटी अपने मां-बाप के संरक्षण में अपने घर से स्कूल जाती है और घर में वापस आती है। अपने को सुरक्षित महसूस करती है। 2018 में मैं कैराना गया था। वहां 2015 में अखिलेश यादव की सरकार में एक व्यापारी की हत्या कर दी गई थी।
उसके बाद परिवार सूरत पलायन कर गया। उस हत्या के बाद ही कैराना से हिंदू आबादी ने पलायन किया था। 2018 में वो परिवार वापस आया और व्यापार शुरू किया। मैं मिलने गया तो उस परिवार में छह साल की बालिका थी। उससे पूछा- स्कूल जाने में भय नहीं लगता है? उसने कहा- नहीं…अब तो नहीं लगता है।

सवाल- उत्तर प्रदेश में लगातार दो बार से जीतने वाले मुख्यमंत्री है, क्या आप तीसरी बार हैट्रिक के लिए कोशिश कर रहे हैं? जवाब- हमारी सरकार को पहली बार ये अवसर मिला है कि आजादी के बाद कोई मुख्यमंत्री लगातार पांच वर्ष तक काम करे और फिर से वो दो तिहाई बहुमत के साथ सरकार बना ले। पिछले 8 वर्ष से हम सेवा कर ही रहे हैं।
तो सेवा, सुरक्षा और सुशासन को जो मॉडल हमारी पार्टी का था, उसको प्रभावी ढंग से उत्तर प्रदेश में लागू किया। तीसरी बार सरकार बनाने के लिए हमारी पार्टी कोशिश करेगी और भारतीय जनता पार्टी का कोई भी कार्यकर्ता सीएम बन सकता है।
सवाल- ओवैसी कहते हैं कि आपके राज्य में मुसलमान खतरे में है? जवाब- मुसलमान खतरे में नहीं हैं। उनकी वोट बैंक की राजनीति खतरे में है। जिस दिन अपने पूर्वजों को भारतीय मुसलमान समझ जाएगा उस दिन इन सब के बोरिया-बिस्तर बंध जाएंगे।
अपने बोरिया-बिस्तर को दुरुस्त रखने के लिए ये इस प्रकार की भड़काऊ बातें कहते हैं। भारत के मुसलमानों को याद रखना होगा वो तभी सुरक्षित हैं जब हिंदू सुरक्षित हैं, हिंदू परंपरा सुरक्षित है।
ये पूछने पर कि हिंदू कहा खतरे में हैं। सीएम योगी कहते हैं- कश्मीर के अंदर क्या हुआ था। अभी बांग्लादेश के अंदर क्या हुआ है, पाकिस्तान के अंदर क्या हुआ है। 1947 से पहले पाकिस्तान और बांग्लादेश दोनों भारत का हिस्सा थे। ये इतिहास है। ये सच्चाई है।
कश्मीर के CM ने कहा-100 हिंदू परिवारों के बीच रहने वाला एक मुस्लिम परिवार सुरक्षित है। लेकिन क्या 100 मुस्लिम परिवारों के बीच अगर 50 हिंदू परिवार भी रहते हैं, तो क्या वे सुरक्षित हो सकते हैं? नहीं रह सकते… बांग्लादेश, पाकिस्तान, अफगानिस्तान आपके सामने उदाहरण हैं। यूपी में मुसलमान सबसे ज्यादा सुरक्षित हैं। अगर हिंदू सुरक्षित हैं, तो वे भी सुरक्षित हैं।

सवाल- विपक्षी पार्टी कहती हैं कि राणा सांगा थे जिन्होंने बाबर को न्योता दिया था? जवाब- ये वही इतिहास जानते हैं जो जिन्ना का महिमामंडन करता है। ये वही लोग हैं जो बाबर, औरंगजेब और जिन्ना का महिमामंडन करते हैं।
देश, भारत की विरासत और भारत के महापुरुषों के प्रति इनके भाव क्या होंगे, इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है। ये अवसरवादी भी हैं। इन्हें पलटी मारने में देर नहीं लगेगी।
राणा सांगा के इतिहास को इन लोगों ने पढ़ा होता, जिनके शरीर के घाव इस बात को बताते थे कि इन्होंने भारत की धर्म और संस्कृति को बचाने के लिए किस प्रकार का उस समय किस प्रकार के पराक्रम का परिचय दिया था।
ये महाराणा प्रताप, राणा सांगा, छत्रपति शिवाजी और गुरु गोबिंद सिंह के बारे में बताएंगे? इतिहास के बारे में ये लोग क्या जानते हैं, जो औरंगजेब और बाबर की पूजा करते हों और अपना आदर्श मानते हों। नागपुर में हिंसा करने वाले लोगों को यूपी बहुत अच्छा उपचार देता है। उनकी जैसी डिमांड होगी वैसा उपचार दे देंगे।
सवाल- आपने कहा संभल में 64 तीर्थ स्थल हैं, आप कितनी जगह खोदेंगे?
जवाब- जितनी जगह होंगे उतनी जगह खोदेंगे और निकालेंगे और दुनिया को बोलेंगे कि भगवान ने जिसको आंखें दी है वो आकर देखो तो क्या हुआ था संभल में। संभल एक सच्चाई है। मैं इसलिए नहीं कह रहा हूं।
आपको उपासना विधि की पूरी छूट है। कहीं भी आप बनाइए। लेकिन आप तो इस्लाम के मुद्दों से ही भटक कर काम किए हैं।
इस्लाम कहता है कि किसी भी हिंदू मंदिर या किसी हिंदू घर को तोड़कर आपके द्वारा बनाई गई कोई भी इबादत गृह खुदा को स्वीकार्य नहीं है। क्यों आपने बनाई? आप तो इस्लाम के विरुद्ध आचरण कर रहे हैं। हम कानून के दायरे में रहकर सब काम कर रहे हैं।

सवाल- कानून के दायरे में रह रहे हैं तो फिर आप मथुरा की बात क्यों उठा रहे हैं। अयोध्या, काशी और फिर मथुरा भी फिर और कितने अब?
जवाब- मथुरा की बात क्यों नहीं उठाएंगे? मथुरा श्रीकृष्ण की जन्मभूमि नहीं है क्या? कोर्ट के ही आदेश का पालन कर रहे हैं नहीं तो अभी तो वहां बहुत कुछ हो गया होता। सनातन हिंदू धर्म को जो महत्वपूर्ण धर्म स्थल हैं, वो सभी स्थल हमारे विरासत के प्रतीक हैं।
संभल में 94 निकाल लिए हैं। बाकी सभी के शास्त्रीय प्रमाण मौजूद हैं उन्हें ढूंढ रहे हैं। उनको दिखा रहे हैं कहां-कहां हैं। जितने कब्जे किए होंगे उनको एक-एक करके सबको निकालेंगे। जितने अतिक्रमण होंगे वो अतिक्रमण हटेंगे।

सवाल- उत्तर प्रदेश में ईद और रामनवमी इसे लेकर आपने क्या कोई सख्त निर्देश दिए हैं कि हिंसा नहीं होनी चाहिए? होली में यहां मस्जिद पर रंग चला गया था?
जवाब- हम लोग समय-समय पर प्रशासन के साथ बैठते हैं और पहले से ही एसओपी हम लोगों ने तैयार करके रखी हुई है। उत्तर प्रदेश ही ऐसा पहला राज्य है जिसने माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेश पर धर्म स्थलों के माइक को जो उसके परिसर के बाहर आवाज आती थी उसे कंट्रोल किया है और उतारा है। संवाद के माध्यम से।
रंग खेल रहे हैं तो उससे किसी का अस्तित्व को खराब नहीं हुआ। सख्त निर्देश हैं कि जिसको रंग से परहेज है उस पर मत डालना। लेकिन फिर भी पड़ गया है और प्रशासन उसको साफ करके रंगाई-पुताई कर दे रहा है। ये कौन सी बात है।
हिंदू से ज्यादा रंग-बिरंगे कपड़े तो मुसलमान पहनते हैं, तो फिर रंग से परहेज क्यों? ये तो फिर दोहरा आचरण है। रंग-बिरंगी कपड़े पहने लेकिन अगर रंग पड़ जाए तो हायतौबा मचाते हैं। गले मिलो बहुत सारे मुसलमानों ने रंग से होली खेली है। शाहजहांपुर में तो नवाब साहब की पूरी झांकी ही निकलती है।

सवाल- आरोप लगता है कि लोकसभा चुनाव में विदेशी पैसा लगा था? जवाब- योगी ने लोकसभा चुनाव में कम सीटें आने पर कहा कि विपक्ष ने दुष्प्रचार किया था। और सिर्फ दुष्प्रचार ही नहीं किया था, विदेशी पैसे भी इसमें लगा था।
जॉर्ज सोरोस ने तो बहुत पहले ही इसकी घोषणा कर दी थी। पूरे देश में विदेशी पैसा लगा था लोकसभा चुनाव के दौरान।
सवाल- डी के शिवकुमार ने कहा है कि जरूरत पड़े तो मुसलमानों को आरक्षण देने के लिए संविधान बदल सकते हैं? जवाब- कर्नाटक सरकार के द्वारा धर्म के आधार पर आरक्षण बाबा साहेब आंबेडकर के द्वारा दिए गए संविधान का अपमान है। 1976 में क्या-क्या नहीं किया इन्होंने संविधान के साथ।
गला घोंटने का काम किया। ये कांग्रेस हमेशा से करती रही है। आगे जो भी बोल रहे हैं डीके शिवकुमार, ये वही बोल रहे हैं जो कांग्रेस की विरासत से उन्हें प्राप्त हुआ है।
सवाल- महाराष्ट्र में एक कॉमेडियन ने संविधान को दिखाकर कहा इससे मुझे अभिव्यक्ति की आजादी मिलती है? जवाब- अभिव्यक्ति की आजादी कानून के दायरे में है। आपकी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता किसी दूसरे पर व्यक्तिगत प्रहार करने के लिए नहीं हो सकती है।
दुर्भाग्य है कि कुछ लोगों ने देश का चीरहरण करना, विभाजन की खाई को और चौड़ी करने के लिए इस अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को अपना जन्मसिद्ध अधिकार मान लिया है।
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