रक्सौल में पदस्थापित एसडीपीओ धीरेंद्र कुमार की मुश्किलें बढ़ गई हैं। उनके खिलाफ डीआईजी हर किशोर राय की जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद विभागीय कार्रवाई की संभावना तेज हो गई है। रिपोर्ट में अवैध वसूली, कर्तव्य में लापरवाही और बिचौलियों के जरिए पैसों की
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मामला आदापुर थाना क्षेत्र के भेड़िहारी गांव का है। जहां के कपड़ा व्यवसायी टुन्नु प्रसाद ने शिकायत की थी कि एसडीपीओ और थानाध्यक्ष ने कपड़े लिए, लेकिन भुगतान नहीं किया। साथ ही अवैध वसूली और धमकी भी दी गई।
डीआईजी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए स्वयं रक्सौल पहुंचकर जांच की। जांच में सामने आया कि एसडीपीओ कार्यालय में तैनात सिपाही नीरज कुमार भी इस वसूली में शामिल था। रिपोर्ट के मुताबिक, बिचौलियों के जरिए पैसा वसूला जा रहा था। इसकी जानकारी एसडीपीओ धीरेंद्र कुमार को भी थी। साथ ही, उन्होंने घटनास्थल पर गए बिना ही रिपोर्ट तैयार किया।
एसडीपीओ धीरेंद्र कुमार पर बिचौलियों के जरिए पैसों की वसूली के गंभीर आरोप
थानाध्यक्ष सहित तीन पर भी गिरी गाज
जांच के बाद डीआईजी ने रक्सौल के थानाध्यक्ष राजीव नंदन सिंहा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। साथ ही कथित बिचौलिया शिवपूजन शर्मा की गिरफ्तारी और एक चौकीदार के निलंबन का आदेश भी दिया गया है।
ड्रग माफिया की साजिश की आशंका
हालांकि, पूरे प्रकरण में साजिश की आशंका से भी इनकार नहीं किया जा रहा। सूत्रों के मुताबिक, एसडीपीओ धीरेंद्र कुमार ने पिछले डेढ़ वर्ष में 60 से अधिक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय ड्रग तस्करों के खिलाफ कार्रवाई की थी। एसपी स्वर्ण प्रभात के निर्देश पर वे इन तस्करों की संपत्ति जब्त करने की प्रक्रिया भी चला रहे थे।
सीमावर्ती इलाकों में सक्रिय ड्रग माफिया के खिलाफ लगातार कार्रवाई से माफिया नेटवर्क में हड़कंप मचा था। ऐसे में पुलिस महकमे के भीतर से ही दबाव और साजिश की आशंका को बल मिल रहा है।
एसडीपीओ पर विभागीय कार्रवाई की तैयारी
डीआईजी की रिपोर्ट अब विभाग के पास है और माना जा रहा है कि जल्द ही एसडीपीओ के खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू की जा सकती है। पुलिस मुख्यालय की निगाहें अब इस मामले पर टिकी हैं।