Tuesday, June 3, 2025
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रतन टाटा एंडोमेंट ट्रस्ट के बोर्ड मेंबर बने नोएल: सौतेली बहनें शिरीन और डीनना भी बोर्ड में शामिल, डेरियस खंबाटा ने RTET से दिया इस्तीफा


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नई दिल्ली1 मिनट पहले

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टाटा ट्रस्ट के चेयरमैन नोएल टाटा, शिरीन और डीनना जीजीभॉय के साथ रतन टाटा एंडोमेंट ट्रस्ट (RTET) के बोर्ड में शामिल हो गए हैं। शिरीन और डीनना दिवंगत रतन टाटा की सौतेली बहनें और नोएल टाटा उनके सौतेले भाई हैं। सूत्रों के अनुसार, मौजूदा ट्रस्टी प्रमित झावेरी और डेरियस खंबाटा ने ये नियुक्तियां की हैं।

ट्रस्ट ने टाटा ग्रुप के दो अधिकारियों आरआर शास्त्री और जमशेद पोंचा को भी बोर्ड का नया मेंबर बनाया है। ईटी की रिपोर्ट के अनुसार, इन नियुक्तियों के बाद खंबाटा ने RTET बोर्ड से इस्तीफा दे दिया है। सूत्रों ने फाइनेंशियल डेली को बताया कि RTET में आपसी हितों के स्केलेबल प्रोजेक्ट्स पर टाटा ट्रस्ट के साथ मिलकर काम करने की क्षमता है।

रतन टाटा की विल के एग्जीक्यूटर्स के रूप में काम करती हैं डीनना-शिरीन

डीनना और शिरीन जीजीभॉय दोनों ही रतन टाटा की विल यानी वसीयत के एग्जीक्यूटर्स के रूप में काम करती हैं। लीगल एक्सपर्ट्स इस बात की पुष्टि करते हैं कि वसीयत के लाभार्थियों या एग्जीक्यूटर्स को विल में मेंशन किए गए ऑर्गेनाइजेशंस में पद हासिल करने से रोकने के लिए कोई रिस्ट्रिक्शन नहीं है।

एक्सपर्ट्स कहते हैं कि पर्सनल लॉ प्राइवेट होते हैं और आमतौर पर वसीयत में रिस्ट्रिक्टिव एलिमेंट्स नहीं लगाए जा सकते। रतन टाटा के एसेट्स यानी संपत्तियों का बंटवारा वसीयत के लीगल प्रोसेस और हाई कोर्ट से सर्टिफिकेशन मिलने के बाद शुरू होगा। यह एक ऐसी प्रोसेस है, जिसके लिए आमतौर पर छह महीने तक का समय लगता है।

टाटा ने एस्टेट प्लानिंग के उद्देश्य से पर्सनल एंडोमेंट ट्रस्ट की स्थापना की थी

रतन टाटा ने एस्टेट प्लानिंग के उद्देश्य से रतन टाटा एंडोमेंट फाउंडेशन के साथ मिलकर इस पर्सनल एंडोमेंट ट्रस्ट की स्थापना की थी। ट्रस्ट की कॉर्पस अर्निंग यानी आय को भविष्य के चैरिटेबल इनिशिएटिव का सपोर्ट करने के लिए एलोकेट किया गया।

चैंबर्स ऑफ श्रेनिक गांधी के मैनेजिंग पार्टनर श्रेनिक गांधी बताते हैं कि रतन टाटा एंडोमेंट फाउंडेशन (RTEF) कंपनीज एक्ट 2013 के तहत सेक्शन 8 कंपनी के रूप में काम करती है।

फ्लैन्थ्रोपिक एक्टिविटीज पर फोकस करती है RTEF

RTEF​​​​​​​ फ्लैन्थ्रोपिक एक्टिविटीज यानी परोपकारी गतिविधियों पर फोकस करती है। इस बीच RTET, एक निजी ट्रस्ट होने के नाते इंडियन ट्रस्ट एक्ट-1882 के जूरिडिक्शन यानी अधिकार क्षेत्र में आता है।

लीगल स्पेशलिस्ट के अनुसार, एंडोमेंट फंड एक फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट के रूप में काम करता है। जिसका उद्देश्य चैरिटेबल कामों के लिए लगातार इनकम जुटाना है। इसके अलावा केयरफुल इन्वेस्टमेंट अप्रोच के जरिए कैपिटल को बनाए रखना और बढ़ाना है।

हालांकि, एक ट्रस्ट लीगल स्ट्रक्चर के रूप में काम करता है, जो एसेट्स को बनाए रखता है, ऑपरेट करता है और उनकी देखरेख करता है। यह सुनिश्चित करता है कि उनका उपयोग चैरिटेबल गोल्स और शर्तों के हिसाब से हो।

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