महाराणा प्रताप के 485वें जन्मोत्सव पर रतलाम में गुरुवार रात शौर्य यात्रा का आयोजन किया गया। यात्रा में केसरिया साफा पहने और हाथों में तलवार लिए 300 से अधिक बालिकाओं ने जय शिवाजी और जय महाराणा के जयकारों के साथ हिस्सा लिया।
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श्री महाराणा प्रताप जन्मोत्सव समिति और राजपूत संगठनों द्वारा आयोजित यात्रा महलवाड़ा स्थित राजमहल परिसर से शुरू हुई। यात्रा से पूर्व राजराजेश्वरी नागणेचा माता, पद्मावती माता, श्रीनाथ महादेव मंदिर और चारभुजानाथ मंदिर में पूजा-अर्चना की गई। रतलाम के संस्थापक महाराजा रतन सिंह राठौर और महाराजा सज्जन सिंह राठौर की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण भी किया गया।

केसरिया साफा बांध हाथों में तलवार लिए समाज की युवतियां।
बुलेट पर तिरंगा लेकर चले युवा
यात्रा में सबसे आगे बुलेट पर युवा भगवा और तिरंगा ध्वज लेकर चल रहे थे, जिनके पीछे समाज के लोग घोड़ों पर ध्वज लेकर सवार थे। रथों पर महाराणा प्रताप, महाराजा रतन सिंह, शिवाजी महाराज और छत्रसाल बुंदेला के चित्र सजाए गए थे। समाज के महिला-पुरुष पारंपरिक वेशभूषा में शामिल हुए।

यह रहा शौर्य यात्रा का रूट
शौर्य यात्रा महलवाड़ा से शुरू होकर नगर निगम तिराहा, कॉलेज रोड, नाहरपुरा, डालूमोदी बाजार, माणकचौक, घांस बाजार होते हुए चौमूखीपुल, चांदनी चौक, तोपखाना, गणेश देवरी, रानी जी का मंदिर और शहीद चौक से गुजरी। रात 8 बजे यात्रा महाराणा प्रताप चौक पहुंची, जहां प्रतिमा पर माल्यार्पण के साथ आतिशबाजी की गई। इस अवसर पर महाराणा प्रताप की प्रतिमा को रंग-बिरंगी रोशनी से सजाया गया।
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शौर्य यात्रा में शामिल समाजजन?

महाराणा प्रतिमा को आकर्षक रोशनी से सजाया।