सुल्तानपुर के जयसिंहपुर क्षेत्र के दलईपुर गांव में सात दिवसीय श्रीमद भागवत कथा का आयोजन हो रहा है। कथा के तीसरे दिन व्यासपीठ से आचार्य पंडित मनीषचंद त्रिपाठी ने भक्तों को हिरण्याक्ष और हिरण्यकश्यप की कथा सुनाई। उन्होंने बताया कि हिरण्याक्ष, असुरों का
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प्रहलाद की भक्ति ने किया सभी को मंत्रमुग्ध कथा में आचार्य ने विस्तार से बताया कि हिरण्यकश्यप ने घोर तपस्या कर अद्भुत शक्तियां प्राप्त कीं और भगवान विष्णु को अपना शत्रु माना। लेकिन उनके पुत्र प्रहलाद ने विष्णु भक्ति में समर्पण दिखाया, जिससे हिरण्यकश्यप का क्रोध और बढ़ता गया। कथा में प्रहलाद की विष्णु भक्ति और उनके दृढ़ विश्वास ने श्रोताओं का मन मोह लिया।
मुख्य यजमानों ने की आरती कथा के समापन पर मुख्य यजमान गायत्री और राज नारायण मिश्र ने व्यासपीठ की आरती उतारी। इस दौरान सूर्य नारायण मिश्र, संदीप मिश्र, प्रवीण मिश्र सहित कई भक्त उपस्थित रहे। सभी को प्रसाद का वितरण भी किया गया, जिससे समूचे आयोजन में भक्तों ने प्रसन्नता से भाग लिया।
आचार्य मनीषचंद त्रिपाठी ने भक्तों को किया भाव-विभोर इस कथा के दौरान भक्तों ने हिरण्याक्ष और हिरण्यकश्यप की कहानी में भगवान विष्णु की महिमा का गुणगान किया और आचार्य मनीषचंद त्रिपाठी की वाणी ने समूचे वातावरण को भक्तिमय बना दिया।