अस्पताल के निदेशक ने अपना बचाव करते हुए कहा कि आरोपियों ने सीसीटीवी हैक कर फुटेज निकाले होंगे।
गुजरात के राजकोट से शर्मनाक मामला सामने आया है, जहां एक मैटरनिटी अस्पताल के लेबर रूम से महिला मरीजों के वीडियो टेलीग्राम और यूट्यूब पर अपलोड कर दिए गए। अहमदाबाद और राजकोट साइबर क्राइम ब्रांच मामले की जांच कर रही है। वहीं, राजकोट के इस अस्पताल के निदे
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अब तक सात वीडियो अपलोड किए गए
इसी लेबर रूम के वीडियो वायरल किए गए।
साइबर क्राइम ब्रांच के एसीपी हार्दिक मकाडिया ने बताया कि आरोपी ने एक टेलीग्राम ग्रुप बनाया था, जो यूट्यूब चैनल से जुड़ा हुआ था। इस यूट्यूब चैनल पर अब तक सात वीडियो अपलोड किए गए हैं, जिनमें महिला मरीजों को डॉक्टरों द्वारा जांच करते हुए या नर्सों द्वारा इंजेक्शन लगाते हुए दिखाया गया है। एसीपी हार्दिक मकड़िया ने आगे कहा कि ऐसे वीडियो को सोशल मीडिया पर पोस्ट करना प्राइवेसी का उल्लंघन है। आईटी एक्ट की धारा 66E और 67 के तहत मामला दर्ज किया गया है। वीडियो को सोशल प्लेटफॉर्म से हटाए जा रहे हैं और आरोपियों की पहचान की जा रही है।
फुटेज में महिलाओं की जांच दिखाई जा रही

साइबर क्राइम ब्रांच के एसीपी हार्दिक मकाडिया।
साइबर क्राइम ब्रांच के एसीपी हार्दिक मकाडिया ने बताया कि एक टीम अस्पताल से जानकारी जुटाने गई थी। साइबर क्राइम टीम ने पाया कि वीडियो सबसे पहले सितंबर 2024 में Telegram पर शेयर किए गए थे। फिर 6 जनवरी 2025 को यू-ट्यूब पर अपलोड किए गए। एक वीडियो में एक महिला को इंजेक्शन लगाते हुए दिखाया गया है। फुटेज में महिलाओं का स्त्री रोग संबंधी जांच दिखाया जा रहा है। कई महिलाओं के वीडियो यूट्यूब पर ‘मेघा MBBS’ नाम के चैनल पर अपलोड किए गए थे। कमेंट सेक्शन में टेलिग्राम के लिंक भी दिए गए थे।
आरोपी ने पैसे लेकर दिखाए वीडियो

बीजेपी विधायक डॉ. दर्शिता शाह ने पुलिस से जल्द जांच कर सच्चाई सामने लाने की मांग की है।
जांच में पता चला है कि आरोपी ने टेलीग्राम ग्रुप से जुड़े 90 लोगों से पैसे लेकर ऐसे ही कई वीडियो दिखाने का लालच दिया था। टेलीग्राम ग्रुप में करीब 90 सदस्य जुड़े हुए हैं। आरोपियों ने अधिक से अधिक लोगों को जोड़ने के लिए वीडियो के स्क्रीनशॉट भी शेयर किए थे। इस मामले में राजकोट वेस्ट से बीजेपी विधायक डॉ. दर्शिता शाह ने पुलिस से जल्द जांच कर सच्चाई सामने लाने की मांग की है।
अस्पताल प्रशासन का बयान राजकोट के पायल अस्पताल के एक अधिकारी ने कहा कि यह वीडियो उनके अस्पताल के हो सकते हैं, लेकिन “हमें लगता है कि किसी ने हमारे सीसीटीवी फुटेज को हैक कर लिया है. हमने कोई गलत काम नहीं किया है और पुलिस जांच में पूरा सहयोग देंगे।अहमदाबाद की सायबर टीम भी जांच में जुटी हुई है।