दतिया में 21 साल पहले राजगढ़ चौराहे पर हुए बहुचर्चित सामूहिक हत्याकांड के मामले में कोर्ट ने गुरुवार फैसला सुनाया। विशेष न्यायाधीश राजेश भंडारी की न्यायालय ने 7 आरोपियों को 11 बार आजीवन कारावास और दाे आरोपियों को 10-10 साल की सजा और जुर्माने से दंडित
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यह था मामला
वकील पंकज मिश्रा ने बताया कि, 23 अप्रैल 2003 की दोपहर 1:30 बजे सतेन्द्र सिंह बुंदेला उर्फ भैया राजा, राधा वल्लभ दांगी, धर्मेन्द्र कमरिया और मोजी तिवारी अपने अन्य साथियों के साथ दो जीप में बैठकर न्यायालय से पेशी कर के लौट रहे थे।
इस दौरान आरोपी राजगढ़ चौराहे के पास हथियारों से लैस पहले से वहां मौजूद थे। जैसे ही उनकी जीप राजगढ़ चौराहे पर पहुंची, तो आरोपियों ने रास्ता बंद कर फायरिंग शुरू कर दी। आरोपियों ने रायफल से करीब 100-150 राउंड फायरिंग की थी। इसमें कुल 11 लोगों को गोलियां लगी थी।
फायरिंग में हुई थी चार लोगों की माैत
वहीं फायरिंग के दौरान आरोपियों ने सतेन्द्र सिंह बुंदेला उर्फ भैया राजा और राधावल्लभ दांगी के पास जाकर सिर में कई गोलियां मारी थी, जिससे मौके पर ही दोनों की मौत हो गई थी। वहीं अस्पताल में इलाज के दौरान मोजी तिवारी और धर्मेन्द्र तिवारी की भी मौत हो गई थी। वहीं 7 अन्य लोग गंभीर घायल हो गए।
इसके बाद कोतवाली पुलिस ने आरोपियों पर हत्या का मामला दर्ज कर जांच शुरू की और आरोपियों को गिरफ्तार कर चार्ज शीट न्यायालय में प्रस्तुत की। गुरुवार को न्यायालय ने आरोपियों को दोषी पाते हुए दंडित किया है।
इन्हें मिली सजा
विशेष न्यायाधीश राजेश भंडारी की न्यायालय ने आरोपी पूर्व सरपंच महेश यादव, बलवीर सिंह यादव, अतरसिंह यादव, मुन्ना यादव, बरजोर सिंह यादव, मुकेश टांडोरिया (यादव), वनमाली यादव, हत्या का दोषी पाते हुए 4 बार आजीवन कारावास की सजा से दंडित किया है।
इसके अलावा हत्या के प्रयास में 7 बार अलग से आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। वहीं आरोपी दौलत सिंह यादव, राकेश यादव को अपराध में षडयंत्र का दोषी पाते हुए 10-10 साल की सजा और जुर्माने से दंडित किया है।
कुल 13 आरोपी, दो की मौत, दो फरार
मामले में कुल 13 आरोपी थे, जिनमें से आरोपी श्यामलाल साहू और कैरी यादव की मौत हो गई थी। वहीं भांडेर जनपद अध्यक्ष के पति आरोपी बलदाऊ सिंह यादव और यादव समाज के जिला अध्यक्ष और भाजपा नेता मुकेश यादव वर्तमान में फरार हैं।