इंदौर के होलकर राजघराने में करीब 297 वर्षों से चली आ रही परंपरा गुरुवार को भी निभाई गई। राजघराने में गोधूलि वेला (सूर्यास्त) के समय सरकारी होली का दहन किया गया गया। यह परंपरा सन् 1757 से राजबाड़ा के द्वार पर निरंतर चली आ रही है। यह होली गोबर के कंडों
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होलकर वंशज आज भी इस ऐतिहासिक परंपरा को बड़ी श्रद्धा से निभा रहे हैं। इस पावन अवसर पर बड़ी संख्या में शहरवासियों के साथ महापौर पुष्यमित्र भार्गव विशेष रूप से उपस्थित रहे। महाराज शिवाजी होलकर द्वारा शुरू की गई यह परंपरा राजघराने की विरासत का महत्वपूर्ण हिस्सा है।
राजबाड़ा के द्वार पर कंडों और गोकाष्ठ की होली

सबसे पहले देवी का माला पहनाकर उन्हें रंग-गुलाल लगाया गया।