पंकज केसरवानी | कौशांबीकुछ ही क्षण पहले
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कौशाम्बी में भाजपा कौशाम्बी कार्यालय में शनिवार को राजमाता अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती धूमधाम से मनाई गई। इस अवसर पर एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें जिले के मेधावी छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया गया।
जिलाध्यक्ष धर्मराज मौर्य ने कहा कि राजमाता अहिल्याबाई होल्कर न केवल एक कुशल शासिका थीं, बल्कि उन्होंने सामाजिक समरसता, महिला सशक्तिकरण और प्रकृति संरक्षण के क्षेत्र में भी अद्वितीय योगदान दिया। उनके कार्यकाल में महिलाएं दरबार में न केवल आती थीं, बल्कि अपने अधिकारों के लिए स्वर भी उठाती थीं। उन्होंने धार्मिक स्थलों के पुनर्निर्माण और सामाजिक विकास के अनेक कार्य बिना किसी भेदभाव के करवाए।
राजनीति में आदर्श नेतृत्व की प्रतीक थीं अहिल्याबाई: विनोद सोनकर
निवर्तमान सांसद विनोद सोनकर ने कहा कि अहिल्याबाई होल्कर न केवल प्रशासनिक क्षमता में दक्ष थीं, बल्कि उन्होंने युद्ध की बजाय संवाद और सेवा को प्राथमिकता दी। आगे बोले- “वे अनावश्यक रक्तपात में विश्वास नहीं रखती थीं, लेकिन जब राज्य की सुरक्षा की बात आती थी, तो उनका नेतृत्व अडिग और सशक्त होता था।

मेधावी छात्रों को मिला सम्मान
कार्यक्रम के दौरान जिले के अलग-अलग क्षेत्रों से चयनित मेधावी छात्र-छात्राओं को प्रमाण पत्र और स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया। यह सम्मान उनकी शैक्षणिक उपलब्धियों और सामाजिक योगदान को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से दिया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता भाजपा जिलाध्यक्ष धर्मराज मौर्य ने की, जबकि मुख्य अतिथि के रूप में निवर्तमान सांसद विनोद सोनकर उपस्थित रहे।
महिला मोर्चा और पदाधिकारियों की सक्रिय भागीदारी
इस अवसर पर भाजपा महिला मोर्चा की नीतू कनौजिया, शांति कुशवाहा, तारा देवी वर्मा और अर्चना चौरसिया समेत कई महिला पदाधिकारी उपस्थित रहीं। कार्यक्रम में जिला महामंत्री ब्रह्म प्रसाद त्रिपाठी, संजय जायसवाल, दीप चंद्र दिवाकर, और मंझनपुर नगर पालिका परिषद अध्यक्ष वीरेंद्र सरोज फौजी की भी सक्रिय भागीदारी रही।