राजस्थान…नाम सुनकर सबसे पहले आपके दिमाग में क्या तस्वीर आती है?
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बड़े-बड़े किले…आलीशान महल…रेगिस्तान में चलता ऊंट…सोने-चांदी से जड़ी शानदार नक्काशी वाली हवेलियां। यही न?
लेकिन हम आपसे कहें कि राजस्थान में अब इसे देखने आने वाले टूरिस्ट कम हो रहे हैं, तो आपका सवाल होगा, फिर टूरिस्ट की संख्या क्यों बढ़ रही है? इसका जवाब है, भगवान के दर्शन करने। पर्यटन विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक 2023 में राजस्थान आने वाला तीसरा पर्यटक यहां मौजूद बड़े मंदिरों और दरगाह पर मत्था टेकने आता है।
एक और इंट्रेस्टिंग फैक्ट ये है कि राजस्थान में हर सातवां व्यक्ति खाटूश्याम बाबा के दर्शन के लिए आ रहा है और इन सबके लिए अब माैसम अच्छा होने का इंतजार नहीं करता।
भट्टी की तरह तपते मौसम में राजस्थान आने वाले पर्यटकों की संख्या एक साल में दोगुनी हो गई है। यानी अब टूरिस्ट सीजन हो या ऑफ सीजन, पर्यटकों की संख्या करोड़ों में ही रहती है। सिर्फ डोमेस्टिक ही नहीं, इन दिनों में विदेशी पर्यटक भी दो से चार गुना तक बढ़ गए हैं।
विशेषज्ञों का अनुमान है कि इस साल पर्यटकों की संख्या सारे रिकॉर्ड तोड़ेगी और इनकी संख्या 20 करोड़ के आसपास पहुंच जाएगी। एक पर्यटक से प्रदेश में 13 लोगों को रोजगार मिलेगा और ये सेक्टर राजस्थान की जीडीपी में सवा 2 लाख करोड़ रुपए का योगदान देगा। एक दिलचस्प तथ्य और है कि टूरिज्म मैप पर पूरी दुनिया में अलग स्थान रखने वाला उदयपुर और जोधपुर पर्यटकों की संख्या के मामले में राजस्थान में टॉप-10 में भी नहीं है।
दीपावली से राजस्थान में नए टूरिस्ट सीजन की शुरुआत मानी जाती है, पिछले कुछ सालों से राजस्थान में पर्यटन का ट्रेंड बदल गया है, पढ़िए स्पेशल रिपोर्ट…
पर्यटन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक 2024 की पहली छमाही में राजस्थान में पर्यटकों में 7% की वृद्धि हुई है। पिछले साल राज्य में 18 करोड़ पर्यटकों के आगमन के साथ 66% की वृद्धि देखी गई थी। वहीं बीते छह महीनों में विदेशी पर्यटकों की संख्या में भी 37% की बढ़त देखी गई है। सीजन के खत्म होते-होते इसमें 10% की वृद्धि हो सकती है।
पिछले 50 सालों का रिकॉर्ड देखें तो राजस्थान में साल भर में पर्यटकों की संख्या में सबसे ज्यादा गिरावट कोरोना के वक्त 2020 में आई। इस दौरान 71 फीसदी पर्यटक कम आए। इससे पहले 1994 में 14 फीसदी पर्यटक कम पहुंचे। वहीं, 2002 में विदेशी पर्यटकों की संख्या 2001 के मुकाबले 29 फीसदी कम हो गई थी। दिसंबर-2001 में संसद भवन पर हमले के बाद काफी तनाव था, संभवत: इसीलिए विदेशी टूरिस्ट उस साल भारत कम आए।
अब जानिए, राजस्थान के टॉप-10 जिले, जहां सबसे ज्यादा सैलानी आते हैं…












देश के नंबर वन स्टेट से ज्यादा ग्रोथ राजस्थान में कोरोना काल के बाद राजस्थान में डोमेस्टिक टूरिस्ट का बूम आया है। जिस तेजी से घरेलू पर्यटक राजस्थान में बढ़े हैं, वैसे पर्यटकाें की संख्या के मामले में देश में नंबर 1 उत्तर प्रदेश में भी नहीं बढ़े। भारतीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्रालय के मुताबिक उत्तर प्रदेश में देश के कुल 18.4 फीसदी घरेलू पर्यटक जाते हैं।
साल 2019 में यूपी में 54 करोड़ डोमेस्टिक टूरिस्ट पहुंचे थे, कोरोना काल में आई गिरावट के बाद पर्यटकों की संख्या यहां ज्यादा नहीं बढ़ी। 2023 में यूपी में 48 करोड़ पर्यटक पहुंचे, जबकि इस अवधि में राजस्थान आने वाले पर्यटकों की संख्या तीन गुना से ज्यादा हो गई।

राजस्थान में साल 2018 में सबसे ज्यादा विदेशी पर्यटक आए हैं। 2022 के मुकाबले 2023 में इनकी संख्या 328 प्रतिशत बढ़ी है, जबकि इस दौरान देश में 31% विदेशी पर्यटक बढ़े हैं।
होटल फेडरेशन ऑफ राजस्थान के प्रेसिडेंट हुसैन खान का कहना है- इसका सीधा मतलब है कि अब फॉरेन टूरिस्ट दूसरे राज्यों की बजाय राजस्थान आना पसंद कर रहे हैं। इसी वजह से इस साल आने वाले विदेशी पर्यटकों की संख्या सबसे ज्यादा होगी। अभी भी गुजरात उनका फेवरेट स्टेट बना हुआ है। भारत आने वाले करीब 20 फीसदी विदेशी पर्यटक गुजरात जाते हैं।


गोल्डन ट्रायंगल में मंडावा भी शामिल हुआ फेडरेशन ऑफ होटल एंड टूरिज्म ऑफ राजस्थान के वाइस प्रेसिडेंट खालिद खान के मुताबिक देश में टूरिज्म का गोल्डन ट्रायंगल है। इसमें दिल्ली, आगरा और जयपुर शामिल हैं। ज्यादातर पर्यटक इस रास्ते ही आते हैं। इस ट्रायंगल में अब झुंझुनूं जिले का मंडावा भी शामिल हो गया है।
कम समय के लिए आया विदेशी पर्यटक दिल्ली एयरपोर्ट उतरने के बाद बाय रोड आगरा, जयपुर, फिर मंडावा घूमकर दिल्ली चला जाता है। 80 फीसदी टूरिस्ट राजस्थान में बाय रोड आते हैं। वहीं, 15% ट्रेन से और 5 फीसदी टूरिस्ट बाय एयर राजस्थान आते हैं। धार्मिक पर्यटन के लिए डोमेस्टिक के साथ-साथ बांग्लादेशी भी बहुत आते हैं। वहीं, मेडिकल टूरिज्म में बीते 5-6 सालों में बूम आया है। अच्छी और सस्ती मेडिकल फैसिलिटी का लाभ उठाने यहां बांग्लादेश, नेपाल, श्रीलंका, भूटान समेत एशियाई देशों से काफी लोग आते हैं।





टूरिस्ट बढ़ने के 5 बड़े कारण
- सोशल मीडिया : राजस्थान के टूरिस्ट प्लेस बहुत खूबसूरत हैं। सोशल मीडिया रील, फिल्मों के जरिए इनका अच्छा-खासा प्रचार होता है। इसलिए सोशल मीडिया से जुड़े लोग अच्छी-खासी संख्या में यहां आते हैं।
- कोविड के बाद मंदिरों में भीड़ बढ़ी : आप किसी भी प्रसिद्ध मंदिर में जाएं तो पाएंगे कि कोविड के बाद वहां भीड़ काफी बढ़ गई है। कोविड के बाद लोगों के मानस में यह परिवर्तन आया है।
- बेहतर कनेक्टिविटी: जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, बीकानेर, जैसलमेर और अजमेर तक डोमेस्टिक फ्लाइट सर्विस शुरू हो गई है। हाईवे और मेगा हाईवे से देश के बड़े शहरों की राजस्थान से सीधे कनेक्टिविटी बढ़ गई।
- माइस टूरिज्म: MICE (मीटिंग्स, इन्सेंटिव्स, कॉन्फ्रेंस और एग्जीबिशन) का ट्रेंड तेजी से बढ़ा है। इनमें जैम और ज्वेलरी शो, स्टोन मार्ट और इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर के इवेंट्स खूब हो रहे हैं।
- नए होटल्स और रिसॉट्र्स : राजस्थान के बड़े शहरों के साथ छोटे शहरों में भी बेहतर सुविधाओं से लैस वर्ल्ड क्लास नए रिसॉट्र्स और होटल शुरू हुए हैं, जिससे पर्यटकों को रुकने के लिए पहले से बेहतर विकल्प मिलने लगे हैं। (स्रोत: पर्यटन विभाग, होटल फेडरेशन ऑफ राजस्थान)

राजस्थान में 32 लाख लोगों को रोजगार मिलता है पर्यटन से पर्यटन विभाग के उप-निदेशक उपेंद्र सिंह शेखावत का कहना है कि एक पर्यटन सीजन में पूरे राजस्थान में करीब 30 लाख लोगों को रोजगार मिलता है। इसमें 20 लाख लोग होटल व्यवसाय से और 10 लाख लोग गाइड, टैक्सी ड्राइवर, टूर ऑपरेटर्स, हैंडीक्राफ्ट, ट्रांसपोर्ट, जैम इंडस्ट्री, अभयारण्य, स्थानीय कलाकार, बुनकर समेत विभिन्न सेक्टर से शामिल होते हैं। इस साल पर्यटकों की संख्या और बढ़ने के आसार हैं, इसलिए माना जा रहा है कि इस साल 32 लाख लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है।
इसके अलावा अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े लोग जैसे कि हस्तशिल्प विक्रेता, रेस्तरां मालिक, वेंडर्स और फुटकर विक्रेता भी रोजगार प्राप्त करते हैं। अनुमान है कि राजस्थान में कुल 10-12% वर्क फोर्स सीधे या अप्रत्यक्ष रूप से पर्यटन से जुड़ी गतिविधियों से रोजगार पाता है।
ग्राफिक्स : तरुण शर्मा