छत्तीसगढ़ के राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने अपने विभाग के अधिकारियों को चेतावनी दी है। विभाग के सचिव भी बैठक में मौजूद थे, जहां मंत्री ने अधिकारियों को स्पष्ट किया कि काम में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। गड़बड़ी सामने आने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी
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दरअसल, मंगलवार को राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने महानदी भवन, नवा रायपुर में राजस्व विभाग की समीक्षा बैठक ली। इस बैठक में डिजिटल भू-अभिलेख, ई-गिरदावरी, ड्रोन सर्वे आधारित स्वामित्व योजना, नक्शा परियोजना और त्रिवर्षीय भू-सर्वेक्षण कार्यक्रम जैसे प्रमुख बिंदुओं पर विस्तार समीक्षा की गई। साथ ही, विभाग को निर्धारित समय-सीमा में लक्ष्य पूर्ण करने के निर्देश दिए गए।
राजस्व विभाग की भूमिका अधिक महत्वपूर्ण
मंत्री टंकराम वर्मा ने कहा कि, सरकार की प्राथमिकता आम जनता को तत्काल और प्रभावी सेवाएं उपलब्ध कराना है। जिसमें राजस्व विभाग की भूमिका अधिक महत्वपूर्ण है। इस अवसर पर राजस्व विभाग के सचिव अविनाश चम्पावत, उप सचिव द्वय लोकेश चंद्राकर, सुनील चंद्रवंशी सहित विभाग के वरिष्ठ अधिकारीगण और कर्मचारी उपस्थित थे।
उन्होंने राजस्व न्यायालयों में लंबित प्रकरणों की स्थिति को गंभीरता से लेते हुए समयबद्ध निराकरण के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए। यह भी कहा कि निर्धारित अवधि में प्रकरणों का निस्तारण न करने वाले अधिकारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
राजस्व विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों के स्थानांतरण प्रस्तावों पर नीतिगत चर्चा की गई। जिसमें रिक्त पदों की अद्यतन जानकारी और पूर्व में स्थानांतरित अधिकारियों के प्रभार की स्थिति की समीक्षा शामिल थी। पदोन्नत अधिकारियों को एकतरफा भारमुक्त करने के निर्देश भी दिए गए।
राजस्व विभाग राज्य शासन की रीढ़
मंत्री ने कहा कि, राजस्व विभाग राज्य शासन की रीढ़ है। इसकी पारदर्शिता, संवेदनशीलता और समयबद्धता से ही आम जनता का विश्वास मजबूत होता है। उन्होंने सभी उपस्थित अधिकारियों को मिशन मोड में कार्य करने और जनता की समस्याओं का त्वरित समाधान सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
राजस्व मंत्री ने विभागीय कार्यों की गुणवत्ता में निरंतर सुधार की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि, आधुनिक तकनीकों और डिजिटल प्रक्रियाओं को अपनाकर आमजन को अधिक पारदर्शी और दक्ष सेवाएं प्रदान की जाएं। उन्होंने एनडीआरएफ के आधुनिकीकरण, पर्यावरणीय अवसंरचना, स्वीकृत कार्यों की प्रगति एवं व्यय की वर्तमान स्थिति की समीक्षा की और संबंधित अधिकारियों को प्राथमिकता के आधार पर कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए।
इस बैठक में विभागीय दस्तावेजों जैसे मिसल, निस्तार पत्रक एवं न्यायालयीन प्रकरणों के डिजिटलीकरण की समीक्षा की गई। इसके तहत राज्य न्यायालय के दस्तावेजों को ऑनलाइन और कियोस्क के माध्यम से उपलब्ध कराने की प्रक्रिया का मूल्यांकन किया गया। साथ ही, भूमि अभिलेखों की त्रिवर्षीय कार्ययोजना, ई-गिरदावरी, नक्शा परियोजनाओं, स्वामित्व योजना के तहत ड्रोन सर्वे, किसान पंजीयन और भूमि अभिलेख आधुनिकीकरण जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर तेजी लाने के निर्देश दिए गए।