जम्मू8 मिनट पहले
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फाइल.
जम्मू-कश्मीर के राजौरी में बुधवार दोपहर सेना की गाड़ी पर आतंकी हमला हुआ है। सुंदरबनी इलाके में आतंकियों ने घात लगाकर फायरिंग की है।
हमले के तुरंत बाद इलाके की घेराबंदी कर दी गई है। एक्स्ट्रा फोर्स को मौके पर भेजा गया है। आतंकियों को पकड़ने के लिए बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चलाया गया है।
इससे पहले 7 फरवरी को जानकारी सामने आई थी कि भारतीय सेना ने 7 पाकिस्तानी घुसपैठियों को मार गिराया। इनमें 3 पाकिस्तानी आर्मी के जवान भी शामिल थे।
मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया था कि घटना 4 फरवरी की रात पुंछ जिले में कृष्णा घाटी के पास हुई, जब LoC के पास घुसपैठ की कोशिश की गई थी।
दैनिक भास्कर के सूत्रों ने दावा किया था कि भारतीय सेना की फॉरवर्ड पोस्ट पर हमले की प्लानिंग थी। इसकी सूचना इंडियन आर्मी को मिली और उन्होंने पहले ही हमला कर साजिश को नाकाम कर दिया था।

पूर्व सैनिक मंजूर अहमद (फाइल फोटो)
3 फरवरी: कश्मीर में रिटायर्ड लांस नायक की हत्या जम्मू-कश्मीर के कुलगाम के बेहीबाग इलाके में आतंकियों ने रिटायर्ड लांस नायक के परिवार पर हमला किया था। इसमे रिटायर्ड लांस नायक मंजूर अहमद की मौत हुई थी। उनकी पत्नी आइना और बेटी साइना घायल हुए थे।
मंजूर के पेट में गोली लगी थी, जबकि उनकी पत्नी के पैर और बेटी के हाथ में गोली लगी थी। वह पत्नी और बेटी के साथ कार में थे, जब आतंकियों ने उन पर नजदीक से गोली चलाई थी। पूरी खबर पढ़ें…
भारत की आतंकियों के खिलाफ पिछली दो बड़ी स्ट्राइक
2016: सीमा पार आतंकियों के लॉन्च पैड पर सर्जिकल स्ट्राइक
- 18 सितंबर 2016 की सुबह 4 आतंकी इंडियन आर्मी की ड्रैस में LOC पार करके कश्मीर में दाखिल हुए थे। उन लोगों ने उरी इलाके में भारतीय सेना के ब्रिगेड हेडक्वार्टर पर हमला किया था। 3 मिनट में 15 से ज्यादा ग्रेनेड कैंप पर फेंके थे। हमले में भारतीय सेना के 19 जवान शहीद हुए थे। कई घायल भी हुए थे। सेना के जवानों ने जवाबी फायरिंग में चारों आतंकी मारे गए थे। सुरक्षा एजेंसियों की जांच सामने आया था कि आतंकी PoK से आए थे और आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े थे। पाकिस्तान की सेना इन्हें पूरा सपोर्ट देती है।
- 29 सितंबर 2016 को भारत के DGMO यानी डायरेक्टर जनरल मिलिट्री ऑपरेशन के लेफ्टिनेंट जनरल रणवीर सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया था- भारत ने सीमा पार आतंकियों के लॉन्च पैड पर सर्जिकल स्ट्राइक की है।
2019: पाकिस्तान के बालाकोट में इंडियन आर्मी की एयर स्ट्राइक
- 14 फरवरी 2019, जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के 78 जवानों के काफिले पर आतंकी हमला हुआ था। जिसमें 40 जवान शहीद हुए। हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी।
- 26 फरवरी 2019 को भारतीय वायुसेना ने नियंत्रण रेखा(LoC) पार करके पाकिस्तान के पूर्वोत्तर इलाके खैबर पख्तूनख्वाह के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के ट्रेनिंग कैम्पों पर सर्जिकल स्ट्राइक की थी। इसे ऑपरेशन बंदर नाम दिया गया।
- मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भारतीय सेना के मिराज विमानों ने 150-200 आतंकियों को ढेर किया था। मरने वालों में जैश ए मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर के साले समेत तकरीबन एक दर्जन बड़े आतंकी शामिल थे।
30 जनवरी को LoC से घुसपैठ करते हुए मारे गए थे आतंकी
30 जनवरी को भी कश्मीर के पुंछ में आतंकियों ने LoC से घुसपैठ की कोशिश की थी। सुरक्षाबलों ने घुसपैठ को नाकाम कर 2 आतंकियों को मार गिराया था। सुरक्षाबलों ने घुसपैठ कर रहे आतंकियों को जब रोका तो उन्होंने फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में दो आतंकी मारे गए थे।
हालांकि एक आतंकी पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में भाग गया था। जम्मू के सिक्योरिटी स्पोक्सपर्सन ने बताया कि घटना देर शाम की है। आतंकी पुंछ जिले के खारी करमारा इलाके में घुसपैठ की कोशिश कर रहे थे।
19 जनवरी को भी हुई थी मुठभेड़
कश्मीर के सोपोर में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच 19 जनवरी की शाम को भी मुठभेड़ हुई थी। इस दौरान सुरक्षाबलों ने 2 आतंकियों की घेराबंदी की थी। हालांकि दोनों भागने में कामयाब रहे थे। सुरक्षाबलों को आतंकियों के बारे में इनपुट मिला था।
पुलिस ने बताया था कि इनपुट के आधार पर सुरक्षाबल सोपोर के जालोरा गुज्जरपति में सर्च ऑपरेशन कर रहे थे। इसी दौरान आतंकियों ने सुरक्षाबल के जवानों पर फायरिंग कर दी। काफी देर तक दोनों ओर से फायरिंग के बाद आतंकी भागने में कामयाब रहे।
19 दिसंबर को 5 आतंकियों को ढेर किया था
19 दिसंबर को कुलगाम जिले के कद्देर इलाके में सेना और पुलिस ने जॉइंट ऑपरेशन में 5 आतंकियों को ढेर कर दिया था। इनमें हिजबुल मुजाहिदीन का कमांडर फारूक अहमद भट्ट भी शामिल था। मुठभेड़ में 2 जवान घायल हुए थे।
जम्मू में जैश और लश्कर का 20 साल पुराना नेटवर्क एक्टिव
जम्मू रीजन में सेना ने 20 साल पहले पाकिस्तान परस्त आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के जिस लोकल नेटवर्क को सख्ती से निष्क्रिय कर दिया था, वो पूरी ताकत से फिर एक्टिव हो गया है। पहले ये लोग आतंकियों का सामान ढोने का काम करते थे, अब उन्हें गांवों में ही हथियार, गोला बारूद और खाना-पीना दे रहे हैं।
दिसंबर में 25 संदिग्धों को हिरासत में लिया गया था। उन्होंने पूछताछ में बताया था कि लोकल नेटवर्क जम्मू के 10 में से नौ जिलों राजौरी, पुंछ, रियासी, ऊधमपुर, कठुआ, डोडा, किश्तवाड़, जम्मू और रामबन में जम चुका है।
जम्मू-कश्मीर के पूर्व DGP एसपी वैद्य के मुताबिक, आर्टिकल 370 हटने के बाद से ही पाकिस्तान आर्मी और ISI ने जम्मू को टारगेट करना शुरू कर दिया था। उसने 2 साल में इस नेटवर्क को सक्रिय किया। इन्हीं की मदद से आतंकियों ने 2020 में पुंछ और राजौरी में सेना पर बड़े हमले किए। फिर ऊधमपुर, रियासी, डोडा और कठुआ को निशाने पर लिया।
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राजस्थान से सटा पाकिस्तान बॉर्डर, खाजूवाला की एक चेक पोस्ट पर 26 जनवरी की पूर्व संध्या पर घड़ी में करीब 7 बजे होंगे। घुप अंधेरा हो चुका था। भास्कर टीम बॉर्डर पर तैनात अधिकारियों और जवानों से बातचीत कर रही थी, तभी पाकिस्तान की तरफ से अचानक हलचल हुई। एक गाड़ी तारबंदी की तरफ तेजी से आते दिखाई दी। पूरी खबर पढ़ें…