सपा सांसद रामजीलाल सुमन के काफिले पर टायरों से हमला करते क्षत्रिय समाज के युवक।
राणा सांगा को गद्दार कहने वाले सपा सांसद रामजीलाल सुमन के काफिले पर रविवार को हमला हो गया। अलीगढ़ के गभाना टोल प्लाजा से पहले क्षत्रिय समाज के युवक अचानक हाईवे पर आ गए। काफिले पर टायर और पत्थर फेंकने लगे।
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सांसद के काफिले में 20 से ज्यादा गाड़ियां थीं। हमले से बचने के लिए गाड़ियां तेजी से भागने लगी। इससे थोड़ी दूर जाकर काफिले की 5 गाड़ियां आपस में टकरा गईं। इसमें 5-6 लोग चोटिल हो गए।
हमले के बाद समर्थक और पुलिसकर्मियों ने रामजीलाल को सुरक्षा घेरे में ले लिया। उन्हें बुलंदशहर की तरफ रवाना किया। सपा सांसद बुलंदशहर में एक दलित परिवार से मिलने जा रहे थे।
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करणी सेना के प्रदेश अध्यक्ष ज्ञानेंद्र सिंह ने पहले ही चेतावनी दी थी। कहा था कि सपा सांसद से जवाब मांगने के लिए जगह-जगह उनके खिलाफ प्रदर्शन किया जाएगा।
पहले 3 तस्वीरें
अलीगढ़ के गभाना में हाईवे से पहले अचानक रामजीलाल सुमन के काफिले पर हमला हो गया।

हमले के बाद काफिले की गाड़ियां आपस में टकरा गईं।

मौके पर पहुंची पुलिस ने सांसद के काफिले की गाड़ियों को किनारे कराया।

हमले के बाद सांसद रामजीलाल सुमन काफी घबरा गए।
सांसद बोले- हमारे ऊपर पथराव हुआ, पुलिस की आंखें कहां थीं हमले के बाद घबराए रामजीलाल सुमन ने कहा- हमारे काफिले पर पथराव हुआ। उस समय पुलिस की आंखें पता नहीं कहां लगी थीं? यूपी में कुछ वर्ग के लोगों पर सरकार मेहरबान है। दलित अत्याचार से परेशान हैं।
बुलंदशहर के सुनेहरा में दलितों को कुचलने जैसे मामले सभी के सामने हैं। प्रशासन कहता है कि इन मामलों में कड़ी कार्रवाई की गई है। लेकिन हम इन कार्रवाई को सख्त नहीं मानते, क्योंकि पुलिसिया एक्शन के बाद भी लगातार दलितों पर अत्याचार हो रहे।
हमारे डेलिगेशन में सपा लोहिया वाहिनी अध्यक्ष, अनुसूचित प्रकोष्ठ अध्यक्ष भी बुलंदशहर जा रहे थे। लेकिन, पुलिस-प्रशासन ने रोक दिया। प्रशासन नहीं चाहता कि हकीकत सभी के सामने आए।
सही मायने में बोला जाए तो आज यूपी में दलितों पर अत्याचारों की बाढ़ आ गई है। आगरा में नगरा तलसी, रामपुर में दलित बच्चे के साथ जो कुछ हुआ, सभी के सामने है।
सीएम योगी यूपी में कानून व्यवस्था बेहतर होने की बात कहते हैं, लेकिन सपा कहती है कि यूपी में कानून व्यवस्था ठप है। जनता के अनुसार, यूपी में जंगलराज कायम है। उप्र में जगह-जगह बाबा साहेब की मूर्तियां खंडित की जा रही हैं।

जानिए क्या है पूरा मामला सपा सांसद रामजीलाल सुमन 20 गाड़ियों के काफिले के साथ आगरा से बुलंदशहर जा रहे थे। यह सूचना मिलते ही अलीगढ़ के खेरेश्वर चौराहे पर क्षत्रिय समाज के कुछ युवा सड़क पर उतर आए। उन्होंने रामजीलाल सुमन के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। इस पर काफिले की गाड़ियां तेजी से भागने लगीं। इसके चलते करीब 500 मीटर आगे जाकर काफिले की गाड़ियां आपस में टकरा गईं।
इस बीच मौके पर पुलिस पहुंच गई। पुलिसकर्मियों ने मौके पर मौजूद युवाओं को समझाया और काफिले को आगे रवाना किया।
इसके बाद अलीगढ़ में ही गभाना टोल प्लाजा से करीब 150 मीटर पहले एक बार फिर से क्षत्रिय समाज के कुछ युवक इकट्ठे हो गए। उन्होंने सांसद के काफिले की गाड़ियों पर टायर और पत्थर फेंकने शुरू कर दिए। गाड़ियों पर काली स्याही भी फेंकी गई। तुरंत ही मौके पर पुलिस आ गई। इस पूरे घटनाक्रम के चलते सांसद का काफिला 20 मिनट तक रुका रहा।
बाद में बुलंदशहर पहुंचे सांसद रामजीलाल सुमन को शहर के अंदर जाने से प्रशासन ने मना कर दिया।

मामले की सूचना मिलते ही सपा के समर्थक भी मौके पर पहुंचे।
जानिए क्यों बुलंदशहर जा रहे थे रामजीलाल सुमन बुलंदशहर में 21 अप्रैल को दबंगों ने 4 दलितों को थार से कुचल दिया था। घटना में बुजुर्ग महिला की मौत हो गई थी। 3 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे। थार सवार पिता-पुत्र गांव में तेज रफ्तार से आ रहे थे। कोतवाली देहात क्षेत्र के सुनहेरा गांव में घर के बाहर बैठे दलित समाज के लोगों ने कहा- भइया गाड़ी धीरे चलाइए।
उस समय तो वे लोग गाड़ी से निकल गए। 10 मिनट बाद लौटकर आए और घर के बाहर बैठे दलितों को थार से कुचलते हुए फरार हो गए थे। पुलिस ने बताया था कि ठाकुर समाज के प्रयांशु और अतुल ने अपने साथियों के साथ मिलकर दलित समाज के 4 लोगों को थार से कुचल दिया। इस हमले में शीला (सोनपाल सिंह की पत्नी) की मौत हो गई थी। पुलिस अब तक 4 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। सपा सांसद इसी घटना के सिलसिले में दलितों से मिलने बुलंदशहर जा रहे थे।
12 अप्रैल को राणा सांगा जयंती पर छावनी में तब्दील हो गया था आगरा

12 अप्रैल को आगरा में मंच पर खड़े होकर ओकेंद्र राणा ने ध्वजा लहराई थी।
राणा सांगा पर दिए गए विवादित बयान के बाद से सपा सांसद रामजीलाल सुमन पर करणी सेना हमलावर है। 12 अप्रैल को राणा सांगा की जयंती पर करणी सेना ने आगरा के कुबेरपुर में गढ़ी रामी में रक्त स्वाभिमान सम्मेलन आयोजित किया था। इसमें देश के विभिन्न राज्यों और शहरों से करणी सेना के कार्यकर्ता और समर्थक पहुंचे थे। सम्मेलन में किसी के हाथ में डंडा तो किसी के हाथ में तलवार थी।
आगरा में कर्फ्यू जैसे हालात हो गए थे। सपा सांसद के आवास की किलेबंदी कर दी गई थी। पूरे शहर में 10 हजार से ज्यादा पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे। रामजीलाल सुमन के घर को जाने वाले रास्ते को छावनी में तब्दील कर दिया गया था।

12 अप्रैल को करणी सेना के समर्थकों ने तलवारें लहराई थीं।
19 अप्रैल को सपा सांसद से मिलने पहुंचे थे अखिलेश यादव

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव आगरा में 19 अप्रैल को कुछ इसी अंदाज में सांसद सुमन से मिले थे।
19 अप्रैल को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव आगरा पहुंचे थे। अखिलेश यादव रामजीलाल सुमन के आवास पर उनसे मुलाकात की थी। इस मुलाकात पर को लेकर करणी सेना ने समाजवादी पार्टी पर भी हमला बोला।
एक दिन बाद 20 अप्रैल को ओकेंद्र राणा ने अपने फेसबुक पेज पर दोनों की मुलाकात की हंसते हुए एक फोटो डाली। इस फोटो के जरिए ओकेंद्र राणा ने एक बार फिर से रामजी लाल और अखिलेश यादव को कड़ी चेतावनी दी है।
अखिलेश ने कहा था- आज मैं अपनी पार्टी के दलित सांसद रामजीलाल सुमन के साथ खड़ा हूं। मुझे गोली मारने की धमकी दी जा रही है। जैसे फूलन देवीजी को मारा वैसे मुझे भी मारने की धमकी दी गई है। वो पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। वैसे तो सरकार को खुद संज्ञान लेना चाहिए और केस करना चाहिए। हमारे समाजवादी के लोग अगर शिकायत लेकर जा रहे हैं तो उनकी FIR नहीं दर्ज हो रही है।
अब जानिए रामजीलाल सुमन ने राणा सांगा को क्या कहा था

सपा सांसद रामजीलाल सुमन ने 21 मार्च को राज्यसभा में कहा था- भाजपा वालों का तकिया कलाम हो गया कि मुसलमानों में बाबर का DNA है। फिर हिंदुओं में किसका DNA है? बाबर को कौन लाया? बाबर को भारत में इब्राहीम लोदी को हराने के लिए राणा सांगा लाया था।
मुसलमान बाबर की औलाद हैं तो तुम (हिंदू) गद्दार राणा सांगा की औलाद हो। यह हिंदुस्तान में तय हो जाना चाहिए। बाबर की आलोचना करते हैं, राणा सांगा की नहीं। देश की आजादी की लड़ाई में इन्होंने अंग्रेजों की गुलामी की थी। हिंदुस्तान का मुसलमान बाबर को अपना आदर्श नहीं मानता है। वो मोहम्मद साहब और सूफी परंपरा को आदर्श मानता है।
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